नई दिल्ली।आतंकवाद और सीमा विवाद समेत कई मामलों में भारत के खिलाफ रुख रखने वाला चीन ट्रेड वॉर में साथ आने की अपील कर रहा है. इसके लिए चीन ने भारत के साथ अपने व्यापारिक असंतुलन को लेकर भी बात करने की बात कही है. चीन ने कहा है कि वह व्यापारिक असंतुलन को लेकर भारत की चिंताओं को समझता है और वह उसके साथ इस संबंध में वार्ता के लिए तैयार है।इसके साथ ही चीन ने ट्रेड में ‘एकपक्षीयता और संरक्षणवाद’ के खिलाफ भारत के भी साथ आने की अपील की. अमेरिका और चीन के बीच बीते कई महीनों से ट्रेड वॉर चल रहा है.भारत में चीन के नए राजदूत सन वेइडोंग ने कहा, ‘व्यापारिक असंतुलन को लेकर भारत की चिंताओं को चीन बखूबी समझता है. लेकिन हम यह कहना चाहेंगे कि चीन ने कभी भी भारत के मुकाबले ट्रेड सरप्लस के लिए कोई योजनापूर्वक प्रयास नहीं किया.’ सन वेइडोंग ने कहा कि चीन ने भारत से चावल और चीनी के आयात में इजाफे की कोशिशें शुरू कर दी हैं. इसके अलावा भारतीय दवाओं और कृषि उत्पादों के इम्पोर्ट पर भी विचार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हाल के आंकड़े बताते हैं कि चीन में भारतीय उत्पादों के आयात में 15 फीसदी का इजाफा हुआ है. इसके अलावा बीते साल चीन के बाजार में भारतीय कृषि उत्पादों के निर्यात में भी दोगुने तक का इजाफा हुआ है. भारत लंबे समय से चीन पर अपने फार्मास्युटिकल मार्केट को भारतीय दवाओं के लिए खोलने का दबाव बनाता रहा है. चीन से भारत का व्यापारिक असंतुलन 95.5 बिलियन डॉलर के मुकाबले 57 अरब डॉलर के करीब ही है।
भारत में चीनी राजदूत वेंग ने कहा, ‘इस साल की पहली छमाही में चीन के साथ भारत के व्यापारिक घाटे में 5 फीसदी तक की कमी आई है. इसलिए मुझे यकीन है कि लगातार इस संबंध में प्रयास किया जा रहा है।