22 करोड़ पौधों का रोपण
सोनभद्र।जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताय कि पृथ्वी पर पर्यावरण को जीवन्त बनाये रखने एवं जीवन को संजीवनी प्रदान करने के लिये वृ़क्षारोपण अत्यंत आवश्यक है। वृक्षारोपण से वन सम्पदा में वृद्धि होती है। वृ़क्ष ऑक्सीजन के उत्सर्जन के साथ ही वायुमण्डल में कार्बन डाई ऑक्साइड को नियंत्रित करते हैं। मानव व जीव-जन्तुओं के जीवन को सुखी, समृद्ध एवं वायुमण्डल को संतुलित बनाये रखने के लिये वृक्षों का विशेष महत्व है। मानव सभ्यता का उदय तथा इसका आरम्भिक आश्रय भी प्रकृति अर्थात वन-वृक्ष ही रहे हैं। मानव को प्रारम्भ से प्रकृति द्वारा जो कुछ प्राप्त होता रहा है, उसे निरन्तर प्राप्त करते रहने के लिये वृक्षारोपण आवश्यक है। वृ़क्षों से वन सम्पदा में वृद्धि, गृहस्थ जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। वनों के अभाव में बड़े-बड़े उपजाऊ प्रदेश रेगिस्तान में बदल गये। वन हमारी प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा करते हैं तथा धरती को जीवन्त और उपजाऊ बनाकर फल-फूल, औषधि व अन्न आदि प्रदान करते हैं। पुराणों में भी एक वृक्ष-दस पुत्रों के समान कहा गया है। हमारे शास्त्रों में वृक्षों में देवताओं का वास बताते हुये इनकी महत्ता के बारे में विस्तृत वर्णन किया गया है। हमारे देश में मात्र 19.5 प्रतिशत हिस्से में वन हैं, जबकि किसी भी देश के लिये 33 प्रतिशत हिस्से में वन होना जरूरी माना गया है। भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में कुल भौगोलिक क्षेत्र का 9.18 प्रतिशत क्षेत्र ही वन से आच्छादित हैं। प्रदेश में वन क्षेत्र बढ़ाने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिवर्ष वृक्षारोपण कराया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री, श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में इस वर्ष प्रदेश में 22 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है। हरित आवरण में वृद्धि हेतु वृक्षारोपण को बढ़ावा देने तथा व्यापक रूप से जनसामान्य विशेष कर महिलाओं, बुजुर्गों, युवाओं, कृषकों, विद्यार्थियों, दिव्यांगो, पूर्व सैनिकां, अल्प आय वाले व्यक्तियों, ग्रामवासियों, सरकारी सेवकों, स्वयंसेवी संगठनों आदि के सहयोग से वानिकी को जन-आन्दोलन का रूप देते हुये अधिक से अधिक वृक्षारोपण पर बल दिया गया है। प्रदेश सरकार ने वृक्षारोपण अभियान की मूल इकाई ग्राम पंचायत निश्चित की है। प्रदेश के समस्त ग्राम पंचायतों में विभिन्न भूमि यथा सामुदायिक, नहर, रोड, स्कूल कालेज प्रांगण, निजी काश्तकारों की भूमि आदि स्थलों को चिन्हित कर कार्ययोजना बनाते हुये मनरेगा गाइडलाइन्स के अन्तर्गत वृक्षारोपण कराया जा रहा है। कार्ययोजना के अन्तर्गत किसानों को उनकी इच्छानुसार वन विभाग द्वारा पौधे उपलब्ध कराये जायेंगे और उनका रोपण उनकी भूमि पर ग्राम पंचायत द्वारा कराया जायेगा। वन विभाग अपनी जमीन एवं अन्य सरकारी जमीन पर 07 करोड़ पौधरोपित करेगा। प्रदेश सरकार ने कृषि विभाग में पंजीकृत 02 करोड़ किसान, जो कृषि कार्य में सरकार से अनुदान व सहयोग प्राप्त करते हैं, उन सभी किसानों से कम से कम 10 पौधों के रोपण के लिये अपील की गयी है। इस वृहद् वृक्षारोपण महाकुम्भ को सफल बनाने के लिये प्रदेश सरकार ने औद्यौगिक प्रतिष्ठानों से भी सहभागिता की अपेक्षा की है। वृक्षारोपण कार्य की प्रमाणिकता बढ़ाने हेतु ग्राम पंचायत को इकाई मानते हुये जी0पी0एस0 के माध्यम से जियो टैगिंग की जा रही है, जिससे पौधरोपण की वास्तविक स्थिति ज्ञात होती रहे। वृक्षारोपण के इस कार्यक्रम के स्वतंत्र मूल्यांकन हेतु भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान, देहरादून सहित अन्य ख्याति प्राप्त संस्थानों के माध्यम से ‘‘थर्ड पार्टी’’ द्वारा अनुश्रवण व मूल्यांकन भी कराया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने वृक्षारोपण के इस महाकुम्भ को जन-जन तक पहुंचाने एवं उन्हें जागरूक करने हेतु ग्राम प्रधानों, किसानों, ग्राम स्तरीय कार्मिकों एवं वृक्ष अभिवाहक आमजन को आवश्यक प्रशिक्षण देते हुये लोगो से अधिक से अधिक वृक्ष लगाने हेतु कहा।