सोनभद 15 जुलाई 2019, इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा दिए आदेश के संदर्भ में आज स्वराज अभियान की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने सोनभद्र जनपद में लगातार हो रहे अवैध खनन की जांच कराने के लिए प्रमुख सचिव, भूतत्व और खनिकर्म उ0 प्र0 को पत्रक भेजा जिसकी प्रतिलिपि आवश्यक कार्यवाही हेतु मुख्यमंत्री को भी भेजी गयी है।
इस सम्बंध में जानकारी देते हुए स्वराज इंडिया के राज्य समिति सदस्य दिनकर कपूर ने प्रेस को जारी अपने बयान में बताया कि सोनभद्र जनपद में अवैध खनन का कारोबार सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय स्तर पर संचालित किया जाता रहा है। वर्ष 2012 में सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय ने दखल देकर जनपद में बंद पड़े खनन को अवैधानिक ढ़ग से संचालित कराया था। जिसके विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में दाखिल जनहित याचिका दाखिल में विगत 5 जुलाई को मुख्य न्यायाधीश की खण्ड़पीठ ने याची को सारे तथ्यों के साथ प्रमुख सचिव खनन को नया प्रत्यावेदन देने और प्रत्यावेदन प्राप्त होने पर विधि के अनुरूप उसका निस्तारण करने का आदेश उ0 प्र0 सरकार को दिया था। इसी आदेश के संदर्भ में स्वराज अभियान के नेता अखिलेन्द्र ने पत्र भेजा है।
पत्रक के साथ दस्तावेजी साक्ष्य और तथ्य देते हुए बताया गया है कि 2012 में तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव के समय सीएम कार्यालय में आयोजित बैठक में डीएम, डीएफओ ओबरा और कनजर्वेटर मिर्जापुर द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए बंद पड़े खनन को चालू कराने से इंकार कर दिया तो एक ही दिन 21 सितम्बर 2012 को उनका तबादला कर दिया गया
और बाद में डीजीसी सिविल सोनभद्र द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की गयी मनमानी व्याख्या और विधिक राय के आधार पर प्रभारी डीएम, प्रभारी डीएफओ ने 9 अक्टूबर 2012 से विधि विरूद्ध खनन शुरू करा दिया था। जबकि उस समय खनन के लिए
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भारत सरकार से कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं लिया गया था।
पत्रक में कहा गया कि इन तथ्यों को लाते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर अन्य जनपदों में जारी अवैध खनन की सीबीआई जांच में सोनभद्र जनपद को भी शामिल करने के लिए वर्तमान सरकार से कई बार अनुरोध किया गया पर आज तक इसकी संस्तुति उ0 प्र0 सरकार द्वारा नहीं की गयी। जबकि आज भी सोनभद्र जनपद में अवैध खनन का कारोबार जारी है और इस अवैध खनन के कारोबार में बरहमोरी में हिसंक झड़प तक हो चुकी है। पत्रक में हाईकोर्ट के आदेश के अनुक्रम में सोनभद्र में हुए अवैध खनन की जांच कराने और अवैध खनन में लिप्त लोगों के विरूद्ध कार्यवाही करने का पुनः निवेदन किया गया है जिससे पर्यावरण की रक्षा हो और नागरिकों को राहत मिले।