
रामजियावन गुप्ता
बीजपुर ( सोनभद्र ) म्योरपुर ब्लॉक के बिभिन्न गाँवो चट्टी चौराहे पर संचालित प्राइवेट क्लिनिक संचालको की जाँच के नाम पर बड़े पैमाने पर धनउगाही की चर्चा जोरों पर है जिससे प्राइवेट क्लिनिक संचालको में दहशत का माहौल बना हुआ है वहीं सरकारी अस्पतालों में दवा एवं उपचार की समुचित ब्यवस्था न होने के कारण ग्रामीण इलाके और दूर दराज से आकर दवा करने वाले मरीजो को इस जाँच से खासी परेशानी भी झेलनी पड़ रही है।
गौरतलब हो कि निजी क्लिनिक संचालको की जॉच म्योरपुर सीएचसी के डॉक्टर राजीव रंजन की अगुआई में एक टीम विगत एक माह से कर रही है जाँच टीम पहले क्लिनिक को बन्द करती है फिर तीन दिन के अंदर संचालक से पेपर दिखाने को कहती है उसके बाद धनउगाही कर पुनः क्लिनिक को खोलने का आदेश दे दिया जाता है। सवाल उठता है कि अगर क्लिनिक अबैध रूप से चल रहा था तो किस आधार पर उसको खोलने का आदेश दिया गया और टीम द्वारा क्या करवाई की गई। और अगर बैध है तो जाँच के नाम पर तीन दिन तक क्लिनिक को बन्द करा कर शोषण क्यो किया गया। इसबाबत मिली जानकारी पर भरोसा करें तो क्षेत्र के बखरिहवा , सेवकाडाड, चेतवा , बीजपुर, सहित अन्य ग्रामीण इलाके के दर्जनों डाक्टरों के यहां छापे मारी की गई लेकिन तीन दिन बाद सभी को क्लिनिक खोलने का फरमान जारी कर दिया गया। उधर लोगो का आरोप है कि गाँवों से बीमार मरीज को लेकर लोग जब सरकारी अस्पताल पर आते है तो पता चलता है कि यहाँ तो डॉक्टर ही नही है तब लोग तक हार कर प्राइवेट डाक्टरों की शरण मे जाते है लेकिन वहाँ भी जाँच के नाम पर क्लिनिक बन्द मिलता है ऐसे में मरीज छोटी छोटी बीमारी में भी दम तोड़ने को मजबूर है। लोगो ने दबीजुबान से जाँच के नाम पर चलाये जा रहे शोषण अभियान की शिकायत डीएम से करते हुए पूरे मामले की जाँच कराने और दोषी लोगो पर करवाई की माँग की है। उधर इसबाबत सीएमओ एसपी सिंह से जब जानकारी माँगी गयी तो उन्हों ने कहा कि कौन सीज कर रहा है कौन क्या कर रहा है अभी हमारे पास कोई नोटिश नही आई है और नही हमको इस विषय मे कोई जानकारी ही है इसके विषय मे फिर राजीव रंजन ही बता सकते है उन्हीं से आप बात करें। अगर किसी को परेशानी है तो पुलिस को लोग सूचित करें पुलिस करवाई करेगी।
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