प्रेस वार्ता करते डॉक्टर लाल जी प्रसाद निर्मल
लखनऊ। लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिले प्रचंड बहुमत ने जातिवादी राजनीति को दफन करने का काम किया है। क्योंकि आंबेडकर और लोहिया का नाम आगे कर सपा और बसपा ने जाति का तांडव शुरू कर दिया था। आज डॉ. आंबेडकर और लोहिया की आत्मा सुकून महसूस कर रही होगी। मोदी और योगी की जोड़ी राम-लखन की जोड़ी साबित हुई है। इस जोड़ी ने जातिवादी अहंकार से ग्रस्त रावण को परास्त किया है। भाजपा की इस जीत से दलितों में खुशी की लहर है। ये बातें अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष व राज्यमंत्री (दर्जाप्राप्त) डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने प्रेस कांफ्रेंस में कही है।
डॉ. निर्मल ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनाव के परिणाम ने जननायक के रूप में स्थापित कर दिया है। आजाद भारत में पहली बार किसी गैरकांग्रेसी प्रधानमंत्री ने लगातार दूसरी बार बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है। यह देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आम आदमी के लिए चलाई जा रही जन उपयोगी योजनाओं की वजह से ही संभव हो सका है। दलितों का भरोसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बढ़ा है।
डॉ. निर्मल ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में यह साबित किया है कि देश में जातिवाद और परिवारवाद का राग अब नहीं चलेगा। देश विकासवाद के रास्ते पर आगे बढ़ चला है। कुछ परिवार देश में राजशाही स्थापित करना चाहते हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव में आम जनता ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया है। यह जनादेश लोकतंत्र में राजतंत्र स्थापित करने वालों के गाल पर तमाचा है। ग्राम स्तर पर विकास, किसानों के बैंक खातों में सीधे 2000 रुपए की रकम का दिया जाना और पहली बार जमीन पर दिख रही सरकार की योजनाओं ने किसानों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है। उज्ज्वला गैस योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, फ्री बिजली योजना और शौचालय योजना ने हर घर में सुविधाएं देने का काम किया है। कोई ऐसा गांव नहीं है, जहां इन योजनाओं का लाभ न पहुंचा हो।
मायावती और अखिलेश यादव ने जातिवादी गठबंधन कर नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाने की कोशिश की थी, लेकिन इसे जनता ने नकार दिया। यही नहीं, दलितों की देवी होने का राग अलापने वाली मायावती ने गठबंधन की बदौलत प्रधानमंत्री होने का सपना तक देखना शुरू कर दिया था। मायावती के मंसूबे पर दलितों ने ही पानी फेर दिया है। वह 10 सीट से आगे नहीं बढ़ पाईं। यदि मायावती खुद अकेले लोकसभा चुनाव लड़ती तो वह इस बार भी शून्य पर रह जातीं, इस डर से ही मायावती ने अंबेडकर विरोधी पार्टी सपा से गठबंधन कर चुनाव लड़ा। दलित इससे नाराज हो गया और वह भाजपा की ओर शिफ्ट हो गया।
डॉ. निर्मल ने आगे कहा है नरेंद्र मोदी जी ने देश में ही नहीं बल्कि लंदन में भी आंबेडकर को स्थापित करने की लड़ाई लड़ी है। लंदन में बाबा साहब के बंगले को नीलाम होने से मोदी जी ने ही बचाया था। मोदी जी ने देश में बाबा साहब से संबंधित पंचतीर्थों का भी विकास किया। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में बाबा साहेब की तस्वीर लगाने का अनिवार्य आदेश कर दलितों की इच्छा का सम्मान किया है। देश में दलितों के रोजगार और नौकरियों को लेकर हर रास्ते खोले जा रहे हैं। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश की जनता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यों को सराहते हुए भाजपा को प्रचंड जनादेश दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आंबेडकर महासभा ने दलित मित्र सम्मान से सम्मानित किया था। मुख्यमंत्री श्री योगी जी ने इसे साबित किया है कि वह सच्चे अर्थों में दलित मित्र हैं।