मुंबई. Bal Thackeray birthday/शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की आज जयंती है। उन्हें बाला साहेब ठाकरे के नाम से भी जाना जाता रहा। अपने संस्थापक के जन्मदिन के मौके पर शिवसेना कई कार्यक्रमों के जरिए उन्हें याद करती आई है। ठाकरे का 17 नवंबर 2012 को निधन हो गया था। ठाकरे बहुत स्पष्ट शब्दों में अपनी बात कहने के लिए जाने जाते रहे। बात चाहे पार्टी के अंदर की हो या फिर मीडिया की, उन्होंने बिना किसी लाग-लपेट के अपने विचारों को जनता के सामने रखा। खास बात ये है कि शिवसेना संस्थापक के जन्मदिन के बाद 25 जनवरी यानी शुक्रवार को ही उनकी बायोपिक Thackeray Movie भी रिलीज होने जा रही है। फिल्म से जुड़े एक कार्यक्रम के दौरान अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने एक घटना को याद करते हुए बताया कि कैसे बाला साहेब की वजह से उनकी जान बची थी।
अमिताभ ने क्या कहा?
Film Thackeray से जुड़े एक कार्यक्रम के दौरान अमिताभ ने एक घटना का जिक्र किया। यह घटना साल 1982 की है। तब अमिताभ फिल्म ‘कुली’ की शूटिंग के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। अमिताभ के मुताबिक, उन्हें घायल हालत में बेंगलुरु से मुंबई लाया गया। उस वक्त मुंबई में इतनी तेज बारिश हो रही थी कि कोई भी एंबुलेंस उन्हें लेने नहीं पहुंच पा रही थी। इसी वक्त शिवसेना और बाल ठाकरे ने उनकी मदद की। उन्होंने शिवसेना की एंबुलेंस से उन्हें हॉस्पिटल तक पहुंचाया और फिर इलाज हुआ। Bachchan के मुताबिक, अगर उस वक्त बाला साहेब ने उनकी मदद न की होती तो शायद वो आज जीवित नहीं होते। अमिताभ ने बताया कि वो और बाला साहेब ठाकरे एक-दूसरे का बहुत सम्मान करते थे।
शुक्रवार को रिलीज होगी Thackeray
देश के चंद बेहतरीन अभिनेताओं में शुमार नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने फिल्म में शिवसेना के फाउंडर यानी संस्थापक बाला साहेब ठाकरे का रोल प्ले किया है। इसके ट्रेलर से ही पता लगता है कि शिवसेना के इस पूर्व सुप्रीमो की भूमिका में नवाजुद्दीन ने कितना शानदार काम किया है। ठाकरे की पत्नी के रोल में अमृता राव हैं। यह फिल्म 25 जनवरी को रिलीज होगी।
चौंकाने वाली बातें
अगर ट्रेलर की बात करें तो इसमें कई मुद्दे सामने आते हैं। जैसे- ठाकरे ने कैसे शिवसेना बनाई, उनका संघर्ष और प्रेरणा क्या रही? हिंदुत्व को लेकर उनकी सोच क्या थी? जय हिंद और जय महाराष्ट्र के बारे में उनका क्या बयान था? वो मराठी मानुष की बात क्यों करते थे? और आखिरी में वो भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों के विरोधी क्यों हो गए थे। ये सब बातें आपको इस ट्रेलर में झलक के तौर पर नजर आती हैं। एक सीन में वो जावेद मियांदाद से कहते हैं- लास्ट बॉल पर आपका सिक्सर याद है मुझे। अच्छा था। लेकिन, इतना भी अच्छा नहीं कि मैं सीमा पर शहीद होने वाले परिवारों का दर्द भूल जाऊं।
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