इस साल आईपीएल का आधा सफर पूरा होने पर अगर आप राजस्थान रॉयल्स को देखते हैं, तो आपने सोचा होगा कि अगर जोस बटलर रन नहीं बनाएंगे तो फिर आगे बढ़ने की उनकी कोई संभावना नहीं है। पिछले साल जो हुआ और इस साल भी उनकी मौजूदगी में दो मैच जीतने के बाद आपको पूरी तरह से गलत भी नहीं ठहराया जासकता।
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अब तक उनकी बस एक ही कमजोरी सामने आई है कि पिच के दूसरे छोर पर खड़े होते हुए वह क्रीज से कुछ ज्यादा ही बाहर निकल आते हैं। इसके बाद बटलर वापस चले गए और आपको लगा होगा कि रॉयल्स को हराना तो अब बाएं हाथ का खेल है।
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मगर खेल में अक्सर होता है कि जब कोई बड़ा हटता है, तो उसकी छाया में रह रहा व्यक्ति सामने आता है। स्टीव स्मिथ और अजिंक्य रहाणे ने जिम्मेदारी संभाली, श्रेयस गोपाल ने खेल से अपना कद बढ़ाया और कुछ हद तक रियान पराग ने भी अपना खेल दिखाया।
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रियान में आप एक ऐसा खिलाड़ी देखते हैं, जो शॉट मारना जानता है और साथ ही संयम भी दिखाई देता है। उम्र में वह भले ही एक बच्चे हों, लेकिन उनका खेल बिल्कुल बच्चों वाला नहीं है। अब उनसे अपेक्षाएं बढ़ जाएंगी, लोग अलग तरह से उनके बारे में बात करेंगे।
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जब आप युवा होते हैं और सफल होने लगते हैं तो आपको लगता है कि गेंद पर शॉट लगाने से ही आपकी सफलता तय होगी। ऐसा होता है, लेकिन इस सफलता के पीछे शॉट नहीं आप खुद हो, जो शॉट मारने की क्षमता रखता है। बस इसी क्षेत्र के लिए भारतीय क्रिकेट के पास अच्छे कोच नहीं हैं। मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं।