पृथ्वी की चोट से टीम इंडिया दो कदम पीछे चली गई

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खेल डेस्क. दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के अनुभवों से सीख लेते हुए भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में पहले टेस्ट से पूर्व कठिन और चुनौतीपूर्ण अभ्यास मैच खेलना चाहती थी। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया-11 के खिलाफ शनिवार को समाप्त हुआ मुकाबला कई मोर्चों पर उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। पहले दिन का खेल बारिश में धुल गया। इससे भारतीय बल्लेबाजों और गेंदबाजों को परिस्थितियों के अनुकूल ढलने के लिए कम समय मिला। बुरी किस्मत प्रतिद्वंद्वी टीम की क्वालिटी और भारतीयों प्रदर्शन से और भी हावी हो गई।

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क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने जो टीम चुनी थी, उसमें कई अनजाने खिलाड़ी थे। इसके बावजूद भारतीय टीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। सीए-11 के बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों को 151 ओवर फेंकने के लिए मजबूर कर दिया और पहली पारी के आधार पर 186 रनों की बढ़त हासिल की। इसके अलावा पृथ्वी शॉ भी चोटिल होकर पहले टेस्ट मैच से बाहर हो गए। भारत को इनफॉर्म ओपनर को गंवाना पड़ा। इससे भारत की प्लेइंग-11 का प्रभावित होना तय है।

पृथ्वी इस सीरीज में फर्स्ट च्वाइस ओपनर थे
हाल ही में 19 साल के हुए शॉ ने कुछ सप्ताह पहले वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने टेस्ट करियर का शानदार आगाज किया था। अभ्यास मैच की पहली पारी में बेहतरीन अर्धशतक जमाकर उन्होंने नई परिस्थितियों से जल्दी ढल जाने की अपनी क्षमता भी दिखाई थी। वे इस सीरीज के लिए भारत के फर्स्ट च्वाइस ओपनर बन गए थे। उनकी चोट इतनी गंभीर थी कि उन्हें पहले टेस्ट मैच से बाहर होना पड़ा।

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पृथ्वी की सोच आक्रामक
यह देखना होगा कि वे दूसरे टेस्ट मैच से पहले फिट हो पाते हैं या नहीं। उनकी अनुपस्थिति से कप्तान विराट कोहली भी काफी निराश हुए होंगे, जो सीरीज में मजबूत शुरुआत की उम्मीद कर रहे थे। दोनों टीमें सीरीज में कैसा प्रदर्शन करेंगी, यह काफी हद तक पहले टेस्ट मैच के प्रदर्शन पर निर्भर है। शॉ भारतीय टॉप ऑर्डर में गेम प्लान का अहम हिस्सा थे। उनकी आक्रामक सोच है और उनके पास स्ट्रोक की बड़ी रेंज है। ऐसे में वे स्टार्क, हेजलवुड और कमिंस से निपटने में अहम किरदार साबित हो सकते थे।

पृथ्वी की अनुपस्थिति में खराब शुरुआत का खतरा
कुछ उसी तरह से जैसे वीरेंद्र सहवाग ने 2003-04 और 2008 में किया था। विराट कोहली को छोड़कर भारतीय बल्लेबाजी दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में काफी लचर रही थी। खराब शुरुआत के कारण ऐसा था। शॉ की अनुपस्थिति में यह खतरा फिर से मंडरा रहा है। मुरली विजय और लोकेश राहुल ने दूसरी पारी में रन बनाए, लेकिन तब तक मैच में प्रतिस्पर्धा खत्म हो चुकी थी।

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धवन या मयंक को शामिल किया जा सकता है
शॉ की चोट दो अहम फैसलों की ओर ले जा सकती है। अगर वे दूसरे टेस्ट के लिए अनफिट होते नजर आए तो शिखर धवन या मयंक अग्रवाल (वे अभी न्यूजीलैंड में हैं) के रूप में दूसरा ओपनर टीम में शामिल किया जा सकता है। दूसरा यह कि अगर भारतीय मैनेजमेंट को लगेगा कि बल्लेबाजी कमजोर हो सकती है तो वह सात बल्लेबाजों के साथ उतरने का फैसला कर सकती है। इससे कोहली के गेंदबाजी विकल्प कम हो जाएंगे।

इंग्लैंड-दक्षिण अफ्रीका में पांच गेंदबाज खेले थे
इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में भारत ने लगातार पांच गेंदबाजों को तरजीह है। गेंदबाज प्रशंसनीय तरीके से कई बार टीम के लिए जीत की स्थिति बनाने में सफल भी रहे। ऐसा होने पर भारतीय टीम पहले टेस्ट से पूर्व एक कदम आगे तो दो कदम पीछे ले जाती नजर आएगी। निश्चित तौर पर विराट कोहली ने ऐसी शुरुआत नहीं चाही होगी। कई बिना नींद की रातें उनके आगे हैं।

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India’s Playing-11 will be affected after Prithvi Shaw injury

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