आखिरी पल के रोमांच तक चले मुकाबलों के बीच इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के इस संस्करण की धीमी और नीरस शुरुआत की बात अब बेमानी हो चुकी है। अतीत का बोझ कई बार हमें वर्तमान के बारे में सोचने से रोक देता है। जो लोग टी-20 क्रिकेट की आलोचना करते हैं, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आप इस प्रारूप के रोजाना के रोमांच का लुत्फ उठाने से खुद को महरूम कर रहे हैं।
रसेल, वॉर्नर, डिविलियर्स की बेहतरीन बल्लेबाजी
आंद्रे रसेल, डेविड वॉर्नर और एबी डीविलियर्स ने आईपीएल के इस सीजन को अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी की चमक से चकाचौंध किया है। मैं ऋषभ पंत और पृथ्वी शॉ की क्षमताओं से भी अभिभूत हैं। इस फॉर्मेट में आप कोई कदम पीछे नहीं खींच सकते। इस बेखौफ युवा पीढ़ी ने इस बात को दिल से स्वीकार किया है। उनके प्रदर्शन में यह स्वाभाविकता नजर भी आती है।
राशिद, बुमराह, कुलदीप और रबाडा की अतुलनीय गेंदबाजी
राशिद खान के दो विकेट हों या आरसीबी की विस्फोटक बल्लेबाजी के खिलाफ बुमराह के दो ओवर या फिर दिल्ली कैपिटल्स और कोलकाता नाइटराइडर्स के मैच में पारी के अंत में कुलदीप यादव के दो बेहतरीन ओवर। वैसे तो ये मैच नाटकीयता से भरपूर रहा, लेकिन मेरा ध्यान एक लम्हे ने जीता। जब हम सोच रहे थे कि आंद्रे रसेल को किस तरह रोका जा सकता है तब कगिसो रबाडा ने अतुलनीय गेंदबाजी से इस सवाल का जवाब तलाश लिया। मिडिल स्टम्प पर फेंकी गई रबाडा की वह यॉर्कर गेंद इस टूर्नामेंट का यादगार पल बन गई। इस दौरान वे एक मुश्किल पेशे की चुनौतियों का सहजता से सामना करने की कोशिश करते दिखते हैं।
संजू के बल्लेबाजी करते समय वक्त थम जाता है
मैं सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ संजू सैमसन के शतक पर पूरा अध्याय लिख सकता हूं। ऐसे में जब टी-20 क्रिकेट में ताबड़तोड़ गति से घटनाएं होती हैं जब संजू बल्लेबाजी करते हैं तो मानो वक्त धीमा हो जाता है और कई बार तो रुक-सा जाता है। वे स्टाइलिश हैं और बिल्कुल भी जल्दबाजी में नहीं दिखते। न ही उनके शॉट किसी ताकतवर शरीर से निकले होते हैं। मगर उनकी बल्लेबाजी का लुत्फ उठाने का मौका मिलना अद्भुत है।
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