मुंबई. पिछले कुछ साल से युवराज सिंह के क्रिकेट भविष्य चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन खुद उनका मानना है कि समय आने पर इस खेल को सबसे पहले अलविदा कह देंगे। युवराज सिंह का इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है, लेकिन रविवार को दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मैच में उन्होंने मुंबई इंडियंस की ओर से खेलते हुए अर्धशतक जमाया। यह उनके लिए एक बढ़िया संकेत है।
दिल्ली के खिलाफ मैच गंवाने के बाद युवराज ने कहा, ‘जब समय आएगा, मैं संन्यास लेने वाला पहला व्यक्ति होंऊंगा।’ हालांकि, 2007 टी-20 और 2011 वनडे वर्ल्ड कप के हीरो रहे इस खिलाड़ी ने स्वीकार किया कि इसे जारी रखने को लेकर उन्हें कई बार दुविधा भी हुई।
पिछले 2 साल उतार-चढ़ाव भरे : युवराज
उन्होंने कहा, पिछले दो साल, मेरे लिए उतार-चढ़ाव भरे रहे और मैं यह फैसला नहीं कर पाया कि क्या किया जाए। युवराज ने कहा कि जब उन्होंने आत्मविश्लेषण किया तो पाया कि वे अब भी खेल का वैसा ही आनंद ले रहे हैं, जैसा अंडर-16 का क्रिकेटर के समय लेता था। वे तब राष्ट्रीय टीम के चयन के बारे में नहीं सोचते थे।
क्रिकेट इसलिए चुना क्योंकि इसे खेलने में मजा आया
उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए मुख्य बात यह है कि जब मैंने शुरुआत की तो खेल क्यों खेला। मैंने खेल इसलिए खेला, क्योंकि मुझे क्रिकेट खेलने में मजा आया। जब मै क्रिकेट का आनंद ले रहा था, तब मैं भारत के लिए नहीं खेल रहा था। तब मैं अंडर-14, अंडर-16 खेल रहा था। इसलिए तब से अब तक मैं क्रिकेट का आनंद ले रहा हूं, मैं खेलने जा रहा हूं।
सचिन से बात करना युवराज के लिए फायदेमंद रहा
इस संबंध में उन्होंने सचिन तेंदुलकर से भी बात की है। सचिन ने युवराज को बताया है कि करियर के आखिरी के दौर में वे कैसा महसूस करते थे। युवराज ने कहा, ‘मैं सचिन तेंदुलकर से भी बात करता रहता हूं। वे विस्तार से बताते हैं कि जब 37-38-39 के समय कैसे महसूस करते थे। उनसे बात करके चीजें मेरे लिए आसान हो गईं। और मैं सिर्फ इसलिए खेल रहा हूं, क्योंकि क्रिकेट को बहुत ज्यादा प्यार करता हूं।’
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