सारेजेवो. एक ऐसा देश, जिसकी आबादी महज 50 लाख के करीब की है- बॉस्निया एंड हर्जोगोविना। इस देश का 8 साल का बच्चा। नाम- इस्माइल जुल्फिक। मेहनत रंग लाई तो इस छोटे से देश के छोटे बच्चे की कहानी पूरी दुनिया जानेगी। इस्माइल स्विमर हैं और ओलिंपिक की तैयारी कर रहे हैं। इस्माइल बड़ा खास बच्चा है। जन्म से ही उसके दोनों हाथ नहीं हैं, चलने में भी एक पैर कुछ दिक्कत करता है।
पहली बार पानी में पैर डालते ही भाग गए थे इस्माइल : कोच
4 साल की उम्र में इस्माइल को उसकी मां पहली बार स्वीमिंग के लिए लाईं। इस्माइल के कोच आमेल कापो बताते हैं, ‘मुझे याद है कि इस्माइल जब पहली बार आया और हम उसे पूल के पास ले गए तो उसने अपना पैर पानी में डाला। उसे इतना डर लगा कि वापस भाग आया। हमने भी जबरदस्ती नहीं की। मैंने 1-2 दिन का वक्त लिया, उसे ये भरोसा दिलाया कि- मैं उसे कुछ नहीं होने दूंगा। फिर उसे पूल में उतारा। इसके बाद 3 साल में उसने ऐसी तैयारी की कि अब वो अपने से 4-5 साल बड़े लोगों के साथ पूल में उतरता है।’
ओलिंपिक पूल उनको प्रशिक्षित करते हैं जिनसे ऐसीस्पर्धाओं में उतरने की क्षमता हो
इस्माइल जुल्फिक अब तक डोमेस्टिक लेवल पर 7 मेडल जीत चुके हैं। अब उन्हें ओलिंपिक पूल में तैयारी के लिए सेलेक्ट किया गया है। ओलिंपिक पूल मतलब ऐसा स्वीमिंग पूल, जो पूरी तरह ओलिंपिक या इंटरनेशनल प्रतिस्पर्धाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है। इस पूल में उन तैराकों को ही ट्रेनिंग दी जाती है, जिसे भविष्य में ओलिंपिक जैसी स्पर्धाओं में उतरने के योग्य समझा जा रहा हो।
इस्माइल ने सिर्फ गोल्ड या सिल्वर मेडल ही जीते
इस्माइल के कोच बताते हैं कि उसने अब तक किसी भी स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल नहीं जीता है। हमेशा या तो गोल्ड जीता है, या सिल्वर। इस्माइल अब तक अलग-अलग लेवल पर करीब 10 स्पर्धाओं में हिस्सा ले चुके हैं। उन्हें 2017 में बॉस्निया के उभरते स्पोर्ट्सपर्सन का पुरस्कार मिल चुका है। इस्माइल हफ्ते में 3 दिन प्रैक्टिस करते हैं। इसके लिए घर से 70 किमी का सफर तय करते हैं।
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