खेल डेस्क. आईपीएल के 12वें सीजन की शुरुआत 23 मार्च से हो जाएगी। अब तक 11 सीजन में इस टी-20 लीग ने भारत को कई खिलाड़ी दिए। लीग ने बहुत सारे खिलाड़ियों के करियर को संवारा भी। इनमें कुछ ऐसे खिलाड़ी दिए, जिन्होंने टीम इंडिया में लंबे समय के लिए अपना स्थान बनाया। उनमें जसप्रीत बुमराह, युजवेंद्र चहल, हार्दिक पंड्या, रविंद्र जडेजा और यूसुफ पठान का नाम मुख्य तौर पर सामने आता है। बुमराह तो दुनिया के नंबर एक वनडे गेंदबाज भी हैं।
पठान पहले सीजन, तो जडेजा दूसरे सीजन की खोज माने जाते हैं। इन्हीं नामों में अंबाती रायडू भी एक हैं, जिनका करियर आईपीएल से ही पटरी पर लौटा। वे 2007 में घरेलू मैच में डेब्यू कर चुके थे, लेकिन आईपीएल में बेहतर प्रदर्शन की बदौलत 2013 में पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेले।
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आईपीएल से भारत के लिए अब तक की सबसे बड़ी खोज बुमराह ही माने जाते हैं। लसिथ मलिंगा के साथ मुंबई इंडियंस में खेलने वाले बुमराह का एक्शन भी उन्हीं की तरह था। उन्होंने पहला आईपीएल मैच 2013 में खेला, लेकिन 2016 में वे पहली बार सबकी नजरों में आए। तब उन्होंने 14 मैच में 15 विकेट हासिल कर लिए। 2016 आईपीएल के खत्म होने के बाद उन्हें टीम इंडिया में खेलने का मौका मिल गया। तब से वे टीम के नियमित सदस्य हैं। उन्होंने 10 टेस्ट में 49, 49 वनडे में 85 और 42 टी-20 में 41 विकेट लिए। वे आईसीसी वनडे रैंकिंग में दुनिया के नंबर एक गेंदबाज हैं।
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आईपीएल से निकले सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक चहल हैं। उन्होंने पहली बार 2013 में आईपीएल खेला, लेकिन एक मैच में ही हिस्सा ले पाए। 2014 में उन्होंने 14 मैच में 12, 2015 में 15 मैच में 23 विकेट और 2016 में 13 मैच में 21 विकेट लिए। प्रदर्शन में निरंतरता को देखते हुए उन्हें 2016 में वनडे और टी-20 टीम में शामिल किया गया। तब से वे टीम इंडिया के नियमित सदस्य हैं। उन्होंने इस दौरान 41 वनडे में 72 और 31 टी-20 में 46 विकेट हासिल किए।
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आईपीएल 2015 में पहली बार हार्दिक को खेलने का मौका मिला। उन्होंने नौ मैच खेले, जिसमें 112 रन बनाए और एक ही विकेट ले सके। 2016 में भी उनका प्रदर्शन खास नहीं था। 11 मैच में तीन विकेट ही ले सके और सिर्फ 44 रन ही बना सके। मुंबई हार्दिक को एक ऑलराउंडर के तौर पर इस्तेमाल करती थी। भारतीय चयनकर्ता उनके ऑलराउंड प्रतिभा को देखते हुए टीम इंडिया में उन्हें 2016 में शामिल कर लिया। वे तब से टीम के नियमित सदस्य हैं।
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भारतीय टीम में महेंद्र सिंह धोनी के उत्तराधिकारी माने जाने वाले पंत ने पहली बार आईपीएल में दिल्ली के लिए 2016 में खेला। पंत ने उस सीजन में 10 मैचे खेले और 198 रन बनाए। 2017 में 14 मैच में 366 और 2018 में 14 मैच में 684 रन बनाए। उनकी बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग को देखते हुए चयनकर्ताओं ने 2017 में उन्हें टी-20 अंतरराष्ट्रीय खेलने का मौका दिया, लेकिन 2018 के प्रदर्शन के बाद पंत ने भारतीय टीम के लिए अपना दावा मजबूती से ठोका। वे धोनी के बाद टीम में विकेटकीपर के लिए चयनकर्ताओं की पहली पसंद हैं।
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हार्दिक के भाई क्रुणाल भी मुंबई के लिए खेलते हैं। क्रुणाल 2016 से आईपीएल खेल रहे हैं। वे भी अपने छोटे भाई की तरह ऑलराउंडर ही हैं। बस फर्क ये है कि हार्दिक तेज गेंदबाज हैं और क्रुणाल स्पिन। क्रुणाल ने अब तक 39 मैच में 30 की औसत से 708 रन बनाए। उनका स्ट्राइक रेट 153.91 का है। क्रुणाल ने 7.12 की इकॉनमी रेट से 28 विकेट भी लिए। वे पिछले साल टीम इंडिया में शामिल किए गए। अब तक 11 टी-20 में 11 विकेट ले चुके हैं।
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राजस्थान के लिए जडेजा का प्रदर्शन बेहतरीन रहा। उन्होंने पहले दो आईपीएल में कुल 27 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 156 रन बनाए और छह विकेट लिए थे। जडेजा के आंकड़े भले ही कम थे, लेकिन उनके कप्तान शेन वॉर्न ने पहले ही सीजन में भारत का स्टार बताया था। जडेजा ने उनकी इस भविष्यवाणी को सही साबित किया। उन्होंने आईपीएल में कुल 154 मैच में 1821 रन बनाए और 93 विकेट भी लिए। जडेजा ने भारत के लिए 2009 में पहला मैच खेला। वे अभी टीम में हैं। उन्होंने 41 टेस्ट, 151 वनडे और 40 टी-20 खेले।
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हैदराबाद रणजी टीम के लिए घरेलू मुकाबले खेलने वाले रायडू ने 2010 में पहली बार आईपीएल में खेला। उन्होंने 2007 में ही पहला घरेलू मुकाबला खेला था, लेकिन अपने अनुचित व्यवहार के कारण वे राष्ट्रीय टीम में नहीं आ सके। 2010 से 2013 तक उन्होंने आईपीएल में 66 मैच खेले। इस दौरान रायडू ने 1349 रन बनाए। 8 अर्धशतक भी लगाए। उनके प्रदर्शन में निरंतरता को देखते हुए 2013 में उन्हें वनडे टीम में शामिल किया गया। वे भारतीय टीम के सदस्य हैं। अब तक 55 वनडे और छह टी-20 खेल चुके हैं।
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राहुल ने अपना पहला आईपीएल मैच में 2013 में खेला, लेकिन अगले दो सीजन तक वे कुछ खास नहीं कर सके। 2016 में राहुल ने 14 मैच में 44 की औसत से 271 रन बनाए। इसके बाद राहुल को वनडे टीम में जगह मिल गई, लेकिन प्रदर्शन में निरंतरता की कमी के कारण वे टीम से अंदर-बाहर होते रहे। पिछले सीजन में राहुल ने पंजाब के लिए 54 की औसत से 659 रन बना दिए। तब से वे टीम इंडिया के 15 सदस्यीय टीम में बने रहते हैं। राहुल ने 34 टेस्ट, 14 वनडे और 27 टी-20 खेले हैं।
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आईपीएल के पहले संस्करण में सबसे ज्यादा चर्चा जिस खिलाड़ी की हुई, वे यूसुफ पठान ही थे। उन्होंने पहले सीजन में 16 मैच में 31 की औसत से 435 रन बना दिए। पठान ने आठ विकेट भी लिए थे। उनके ऑलराउंड प्रदर्शन से राजस्थान रॉयल्स खिताब जीतने में सफल रहा था। वे आईपीएल से पहले भारत के लिए एकमात्र टी-20 खेले थे, लेकिन इस प्रदर्शन के बाद वनडे टीम में उन्हें तुरंत शामिल कर लिया गया। पठान ने 2008 से 2012 तक 57 वनडे खेले। वहीं, 22 टी-20 में भारत का प्रतिनिधित्व किया। 2012 से उनके प्रदर्शन में गिरावट आई और टीम इंडिया से उन्हें बाहर कर दिया गया।
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अपनी सटीक लाइन और लेंग्थ के लिए पहचाने जाने वाले मोहित ने 2013 में पहली बार आईपीएल खेला। उन्होंने 15 मैच में 20 विकेट लिए। 2014 में 23 विकेट हासिल किए। 2013 में मोहित के बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें तुरंत ही भारतीय वनडे टीम में जगह मिल गई। वे दो साल तक टीम के सदस्य रहे। इस दौरान 26 वनडे और आठ टी-20 खेले। इनमें क्रमश: 31 और छह विकेट ही ले पाए। बेहतर प्रदर्शन नहीं करने के कारण 2015 में उन्हें टीम इंडिया से बाहर कर दिया गया।