नो बॉल पर फ्री-हिट मिले, नया ओ‌वर शुरू करने के लिए 45 सेकंड का वक्त तय हो

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लंदन. टेस्ट क्रिकेट को और ज्यादा रोचक बनाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। क्रिकेट के नियम बनाने वाली 232 साल पुरानी संस्था मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) वर्ल्ड क्रिकेट कमेटी ने मंगलवार को तीन अहम बदलाव का प्रस्ताव रखा है। ये हैं- टेस्ट मैच में भी नो बॉल पर फ्री हिट दी जाए। धीमे खेल में तेजी लाने के लिए शॉट क्लॉक (टाइमर) का इस्तेमाल हो। जुलाई से शुरू होने वाली वर्ल्ड टेस्ट क्रिकेट चैम्पियनशिप में एक ही तरह की बॉल का इस्तेमाल हो।

माइक गेटिंग की अध्यक्षता वाली एमसीसी की कमेटी में पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली, कुमार संगकारा, रिकी पोंटिंग जैसे दिग्गज क्रिकेटर शामिल हैं। टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए हर साल क्रिकेट के नियम में कोई न कोई बदलाव किए जाते हैं। नो बॉल पर फ्री हिट का इस्तेमाल वनडे और टी-20 में पहले ही किया जा रहा है। इसके तहत नो बॉल के बाद अगली गेंद पर बल्लेबाज को फ्री हिट मिलती है।

नए बल्लेबाज को मैदान में आने के लिए 60 सेकंड ही मिलें
इसके अलावा टेस्ट क्रिकेट में स्लो ओवर रेट पर लगाम लगाने के लिए भी बैठक में चर्चा हुई। इसके तहत फील्डिंग कर रही टीम को अगला ओवर शुरू करने के लिए 45 सेकंड का टाइम दिया जाएगा। नए बल्लेबाज को आने के लिए 60 सेकंड का समय दिया जाएगा। इसका पालन नहीं करने वाली टीम को चेतावनी दी जाएगी। पारी में दोबारा गलती होने पर विपक्षी टीम को 5 पेनल्टी रन दिए जाएंगे। कोई देश टेस्ट में एसजी गेंद इस्तेमाल करता है, कोई कूकाबूरा तो कोई ड्यूक।

डीआरएस को भी समय बर्बादी का कारण माना
प्रस्ताव है कि सभी देश एक जैसी गेंद इस्तेमाल करें। एमसीसी ने बताया कि जब इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के प्रशंसकों से टेस्ट में कम दिलचस्पी के बारे में पूछा गया, तो 25% प्रशंसकों ने धीमी ओवर गति का जिक्र किया। इन देशों में स्पिनर कम ओवर फेंकते हैं। कभी तो दिन के 90 ओवर भी पूरे नहीं हो पाते। डीआरएस लेने और पवेलियन से खिलाड़ियों के आने-जाने में लगने वाले समय से भी मैच की रफ्तार सुस्त होती है।

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Test cricket: Free-hit on No Ball, 45 seconds to start new over, recommend shot clock

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