आधार कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश लाएगी सरकार, कैबिनेट से मिली मंजूरी

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नई दिल्ली. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आधार और अन्य कानून (संशोधन) विधेयक-2019 पर अध्यादेश लाने को मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि कैबिनेट ने गुरुवार को आधार को स्वैच्छिक रूप से मोबाइल नंबर, बैंक खातों से जोड़ने को कानूनी आधार प्रदान करने करने के लिए अध्यादेश लाने को मंजूरी दी।

  1. वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बताया कि लोकसभा ने 4 जनवरी को इससे संबंधित विधेयक पारित कर दिया था, लेकिन विधेयक राज्य सभा में पेश नहीं किया जा सका। इसलिए अब सरकार यह अध्यादेश ला रही है। इन संशोधनाें के जरिए आधार के दुरूपयोग को रोकने और लोगों की निजता को बनाए रखने के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं। अब किसी व्यक्ति की पहचान के लिए आधार को अनिवार्य नहीं बनाया जाएगा।

  2. सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितम्बर को अपने फैसले में आधार कानून के कुछ प्रावधानों को निरस्त कर दिया था, जिससे लोगों के मौलिक अधिकारों की रक्षा की जा सके और उनकी निजता को बरकरार रखा जा सके।

  3. नए अध्यादेश के मुताबिक, किशोरोंको 18 वर्ष की उम्र पूरी होने पर आधार संख्या रद्द करने का विकल्प देने समेत कई नए नियम लागू हो जाएंगे। इसमें आधार के इस्तेमाल और निजता के लिए तय नियमों के उल्लंघन पर दंड का प्रावधान है।

  4. टेलिग्राफ एक्ट और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में केवाईसी के लिए आधार स्वैच्छिक है। कोई भी कंपनी अगर आधार की जानकारी का इस्तेमाल करती है, तो उसे सुप्रीम कोर्ट और आधार एक्ट के तहत निजता मानकों का पूरा ध्यान रखना होगा। इस अध्यादेश के आने के बाद कोई व्यक्ति जो जिसके पास आधार नहीं है, उसे किसी भी योजना से वंचित नहीं किया जा सकेगा।

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      Cabinet approves Aadhaar Ordinance to allow its use as ID proof for bank accounts, SIM connection

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