सुरक्षा कारणों से अब तक 4 टीमें विपक्षी देश में खेलने से कर चुकी हैं इनकार

[ad_1]


खेल डेस्क. पाकिस्तान ने भले ही पुलवामा हमले में अपना हाथ होने से इनकार किया है, लेकिन भारत सरकार इस घटना के लिए उसे ही दोषी मानती है। हमले के बाद से वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच पर भी संकट मंडरा रहा है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि सरकार मना करती है तो टीम इंडिया वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ मैच नहीं खेलेगी। सौरव गांगुली, आकाश चोपड़ा, हरभजन सिंह समेत कई पूर्व भारतीय क्रिकेटर्स भी पाकिस्तान से मैच खेलने के खिलाफ हैं।

इंग्लैंड में 30 मई से 14 जुलाई तक वर्ल्ड कप के मैच होने हैं। मौजूदा कार्यक्रम के मुताबिक भारत-पाकिस्तान का मैच 16 जून को मैनचेस्टर में होना है। भारत अगर पाकिस्तान से नहीं खेलता है तो वर्ल्ड कप में यह 5वां मौका हौगा, जब कोई टीम मैच खेलने से इनकार करेगी। इससे पहले 1996 और 2003 वर्ल्ड कप में दो-दो मैच नहीं खेले गए थे। भारत 5वां देश होगा जो वर्ल्ड कप में सुरक्षा संबंधी या प्रतिद्वंद्वी से अच्छे रिश्ते नहीं होने के कारण किसी खास टीम के खिलाफ मैच नहीं खेलेगा।

ऑस्ट्रेलिया की टीम श्रीलंका में नहीं खेली थी।

1. ऑस्ट्रेलिया v/s श्रीलंका (1996) : यह वर्ल्ड कप भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका की संयुक्त मेजबानी में हुआ था। वर्ल्ड कप से पहले श्रीलंका में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) लगातार धमाके कर रहा था। 17 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया-श्रीलंका के बीच वर्ल्ड कप का 5वां मुकाबला खेला जाना था। लगातार हो रहे धमाकों से चिंतित ऑस्ट्रेलियाई टीम ने श्रीलंका में खेलने से मना कर दिया। इसके बाद श्रीलंका को वॉकओवर दिया गया और उसे दो अंक मिल गए। बाद में लाहौर में दोनों टीमें फाइनल में आमने-सामने हुईं। श्रीलंका मैच जीतकर पहली बार चैम्पियन बना था।

श्रीलंका

2. वेस्टइंडीज v/s श्रीलंका (1996) : ऑस्ट्रेलिया के मना करने के बाद वेस्टइंडीज टीम भी टूर्नामेंट के 15वें मैच में श्रीलंका से नहीं खेली। कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में मैच नहीं होने के कारण लंकाई टीम को फिर दो अंक मिल गए। इसे वह ग्रुप दौर में शीर्ष पर पहुंच गया। विंडीज टीम चौथे स्थान पर रही। हालांकि, वेस्टइंडीज किसी तरह सेमीफाइनल में पहुंच गया, लेकिन वहां ऑस्ट्रेलिया के हाथों उसे हार का सामना करना पड़ा।

3. इंग्लैंड v/s जिम्बाब्वे (2003) : दक्षिण अफ्रीका को पहली बार वर्ल्ड कप की मेजबानी मिली। उसके साथ केन्या और जिम्बाब्वे भी संयुक्त मेजबान थे। पहली बार टूर्नामेंट में 14 टीमें हिस्सा ले रही थी। जिम्बाब्वे के हरारे स्पोर्ट्स ग्राउंड पर वर्ल्ड का 8वां मुकाबला खेला जाना था, लेकिन इंग्लैंड ने मेजबान देश के खिलाफ खेलने से मना कर दिया। उसने यह फैसला जिम्बाब्वे में राजनीतिक संकट और सुरक्षा कारणों से लिया। इससे जिम्बाब्वे को 4 अंक मिले। इंग्लैंड 12 अंकों के साथ टूर्नामेंट से बाहर हो गई। वह नॉकआउट में नहीं पहुंच पाई। वहीं जिम्बाब्वे की टीम नॉकआउट में जगह बनाने में सफल रही। हालांकि, वह सुपर सिक्स में श्रीलंका से हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई।

केन्या

4. न्यूजीलैंड v/s केन्या (2003) : टूर्नामेंट का 21वां मुकाबला केन्या और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाना था। केन्या में आतंकी घटनाओं की धमकियों के ध्यान में रखते हुए न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने वहां खेलने से मना कर दिया। इससे केन्या को दो अंक मिले। टूर्नामेंट में केन्याई टीम ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। जहां उसे भारत ने 91 रन से हराया। फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराकर तीसरी बार खिताब अपने नाम किया था।

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


भारत-पाकिस्तान मैच पर संकट।


ऑस्ट्रेलिया की टीम श्रीलंका में नहीं खेली थी।


न्यूजीलैंड की टीम 2003 में केन्या में नहीं खेली थी।

[ad_2]
Source link

Translate »