लाइफस्टाइल डेस्क. आज टेडी बियर डे है। टेडी का इस्तेमाल अपनों को मनाने, प्यार का इजहार करने उन्हें और करीब लाने में किया जाता है। लेकिन बहुत कम ही लोग जानते हैं कि टेडी बियर देने की शुरुआत कहां से हुई और इसका नाम टेडी क्यों पड़ा? आज हम इसी के बारे में बताते हैं…
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साल 1902 की बात है। 14 नवंबर को मिसिसिपी राज्य के गवर्नर एंड्रू एच लॉन्गिनो के निमंत्रण पर अमेरिका के राष्ट्रपति थियोडोर टेडी रूजवेल्ट एक बार भालू का शिकार करने मिसिसिपी राज्य गए थे। लेकिन वे एक भी भालू का शिकार नहीं कर पाए।
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तब रूजवेल्ट के असिस्टेंट हॉल्ट कॉलियर ने एक काले भालू को पेड़ से बंधवा दिया और रूजवेल्ट को उसका शिकार करने की सलाह दी। लेकिन भालू की मासूमियत देख कर रूजवेल्ट उस पर गोली नहीं चला सके और वापस लौट आए।
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इसके बाद घटना के बारे में कई अखबारों ने छापा। बाद में क्लिफोर्ड बेरीमैन नाम के पॉलिटिकल कार्टूनिस्ट ने इसे कार्टून का रूप दे दिया। यह कार्टून 16 नवंबर 1902 को वाशिंगटन पोस्ट अखबार में छापा गया।
इस कार्टून से प्रेरित होकर ब्रुकलिन के एक दूकानदार मॉरिस मिकटॉम ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर एक भालू बनाया बनाया। जिसे उन्होंने रूजवेल्ट को डेडिकेट किया। उन्हीं के नाम पर इसका नाम टेडी बियर रखा गया।
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रूजवेल्ट की परिमिशन मिलने पर मिटकॉम उनके नाम का इस्तेमाल करके बड़े पैमाने पर टेडी बियर बनाने लगे और एक कंपनी भी खोल ली। इसके बाद यह पूरी दुनिया में फैल गया। तब इसका उत्पादन बच्चों के खिलौने के रूप में किया जा रहा था। धीरे-धीरे इसे प्यार का इजहार करने और अपनों को मनाने के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा।
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