नई दिल्ली. शारदा चिटफंड और रोज वैली पश्चिम बंगाल के दो बड़े आर्थिक घोटाले हैं। इनमें निवेशकों को रकम तेजी से कई गुना बढ़ाने का लालच दिया गया था। बाद में पैसा बटोरकर कंपनियों बंद कर दी गईं। ये दोनों घोटाले 17000 करोड़ रुपए से अधिक के होने का अनुमान है।
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सीबीआई ने आशंका जाहिर की है किइन घोटालों की जांच से जुड़े रहे कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार सबूतों को नष्ट कर हैं। रविवार को जांच एजेंसी की टीम उनसे पूछताछ करने पहुंची थी। उलटा बंगाल पुलिस ने सीबीआई अफसरों को ही गिरफ्तार कर लिया।
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यह घोटाला करीब 2500 करोड़ रुपए का होने का अनुमान है। इसमें सागौन कारोबार के बॉन्ड्स में निवेश करने पर 25 साल बाद 34 गुना रिटर्न देने का वादा किया गया। वहीं, आलू के बिजनेस में 15 महीने में ही रकम दोगुनी करने का लालच दिया गया। बताया जाता है कि इसमें करीब 10 लाख लोगों ने निवेश किया था।
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सुदीप्ता सेन शारदाकंपनी की चेयरपर्सन थीं। उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का करीबी बताया जाता है। कहा जाता है कि तृणमूल के राज्यसभा सांसद कुणाल घोष कंपनी की मीडिया डिविजन के प्रमुख थे। पार्टी के एक अन्य सांसद की फोटो इस कंपनी के विज्ञापनों में प्रसारित की गई। 2013 में लोगों का पैसा समेट कर यह कंपनी बंद कर दी गई। सुदीप्ता लापता हो गई। बताया जाता है कि 13 अप्रैल 2013 से उससे कोई संपर्क नहीं हो सका है।
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यह घोटाला करीब 15000 करोड़ रुपए का होने का अनुमान है। इसमें भी आशीर्वाद और होलिडे मेंबरशिप स्कीम में पैसा लगाकर रकम कई गुना करने का वादा किया गया। बताया जाता है कि यह कंपनी करीब एक लाख निवेशकों से करोड़ों रुपए वसूल कर लापता हो गई।
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रोज वैलग्रुप के प्रबंध निदेशक शिवमय दत्ता इस घोटाले के मास्टरमाइंड बताए जाते हैं। इस घोटाले के तार बॉलीवुड और रिएल स्टेट कारोबारियों से जुड़े होने के आरोप हैं। घोटाले में नाम आनेके बाद पिछले महीने श्री वेंकटेश फिल्म्स के चीफ श्रीकांत मोहता को कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया गया। सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी ने ‘रोज वैली से राशि स्वीकार करने’ के संबंध में मोहता को नोटिस दिया था। दक्षिण कोलकाता में उनसे पूछताछ भी की गई थी।
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मनी लॉन्ड्रिंग और कंपनी नियमों को दरकिनार करने के आरोपों के चलते 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को इसकी जांच करने का आदेश दिया था। शारदा ग्रुप ने सिर्फ चार साल में पश्चिम बंगाल के अलावा झारखंड, उड़ीसा और पूर्वाेत्तर राज्यों में 300 ऑफिस खोल लिए थे। रोज वैली और शारदा चिटफंड मामले में सीबीआई ने अब तक 80 चार्जशीट फाइल की हैं। 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा रिकवर किए जा चुके हैं।
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इस घोटाले की जांच करने वाली पश्चिम बंगाल पुलिस की एसआईटी टीम की अगुआई 2013 में राजीव कुमार ने की थी। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि एसआईटी जांच के दौरान कुछ खास लोगों को बचाने के लिए घोटालों से जुड़े कुछ अहम सबूतों के साथ या तो छेड़छाड़ हुई थी या फिर उन्हें हटा दिया गया था। सीबीआई राजीव कुमार से इसी सिलसिले में पूछताछ करना चाहती है। पुलिस से टकराव के बाद सुप्रीम कोर्ट गई जांच एजेंसी ने कहा कि राजीव कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और वे सबूत नष्ट कर सकते हैं। राजीव कुमार पश्चिम बंगाल कैडर के 1989 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं।