[ad_1]
अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने से नरेंद्र मोदी की चार साल पुरानी सरकार को भले ही कोई डर नहीं रहा हो, लेकिन इसने सभी राजनीतिक दलों को 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए खुद को कमर कसने का एक मौका जरूर दे दिया। पेश है एक विश्लेषण।
[ad_2]
Source link