अनपरा सोनभद्र।महिलाओं की उपलब्धियों का सम्मान करने, लैंगिक समानता के बारे में जागरूकता बढ़ाने और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। यह अंतर्राष्ट्रीय अवसर महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने और समाज, अर्थव्यवस्था, संस्कृति और राजनीति में उनके योगदान को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।आये हम उर्जान्चल के महिलाओं के इस दिवस जाने क्या विचार है।
महिलाओं ने समाज को विकसित बनाने में अहम भूमिका निभाई है-इंदु सिंह

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दिशिता महिला मंडल रेनुसागर की अध्यक्षा इंदु सिंह ने वार्ता के दौरान बताया कि अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाए जाने वाला 8 मार्च का दिन सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि यह एक आंदोलन है, एक सोच है, एक समर्पण है ,उन महिलाओं के लिए जिन्होंने समाज को नई दिशा दी है।महिलाओं ने ही समाज को विकसित बनाने में अहम भूमिका निभाई है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला सशक्तीकरण की बात करें तो महिलाओं को अपने हक के लिए पहले खुद से लड़ना होगा, ताकि वह दुनिया से लड़ने में मजबूत हो सके। इस साल की थीम “एक्सीलरेट एक्शन” हमें याद दिलाती है कि अगर हम अभी कदम नहीं उठाएंगे, तो समानता की यह दौड़ और लंबी हो जाएगी।महिला सशक्तिकरण केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। जब हम बेटियों को आगे बढ़ने का मौका देंगे, जब हम महिलाओं को निर्णय लेने का हक देंगे, तभी असली समानता आएगी।आज, हम सभी यह प्रण लें कि हम महिलाओं का समर्थन करेंगे, उनके अधिकारों की रक्षा करेंगे और उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अंत मे अपने सन्देश में कहा कि “नारी केवल एक शब्द नहीं, बल्कि संपूर्ण सृष्टि का आधार है, वह जीवनदायिनी है, प्रेम की मूर्ति और रिश्ते संवारने वाली शक्ति है।”
नारी का सम्मान ही समाज की असली पहचान -अपर्णा मिश्रा

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर अनपरा नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी अपर्णा मिश्रा ने वार्ता के दौरान बताया कि भारतीय संस्कृति में नारी को शक्ति, ममता और त्याग का प्रतीक माना गया है। हमारे शास्त्रों में कहा गया है “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवताः”, अर्थात जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवताओं का वास होता है। लेकिन समाज में आज भी महिलाओं को समान अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ता है। महिला दिवस हमें यह याद दिलाता है कि महिलाओं को केवल एक दिन नहीं, बल्कि हर दिन सम्मान मिलना चाहिए।महिला दिवस पर हम सभी को महिलाओं के योगदान को सराहना कराना चाहिए और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
समाज को नारी शक्ति के योगदान को पहचानने की आवश्यकता है-कविता श्रीमाली

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दिशिता महिला मंडल रेनुसागर की सचिव कविता श्रीमाली ने वार्ता के दौरान बताया कि महिला दिवस हर दिन मनाया जाना चाहिए, क्योंकि महिलाएं हर दिन समाज के विकास में योगदान देती हैं।यह पंक्ति नारी के अद्वितीय महत्व और शक्ति को दर्शाती है। इतिहास गवाह है कि महिलाओं ने अपने साहस और संघर्ष के साथ बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना किया और मुश्किल परिस्थितियों में भी अपने आत्मविश्वास से असंभव को संभव कर दिखाया। हर साल महिलाओं के अधिकारों, समानता और उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य महिलाओं की सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक-आर्थिक उपलब्धियों को याद करना और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है।अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अंत मे अपने सन्देश में कहा कि “मुस्कराकर और दर्द भुलाकर, रिश्तों में बंद थी दुनिया सारी, हर पग को रोशन करने वाली, वो शक्ति हैं एक नारी।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सिर्फ जागरूकता नही बल्कि बदलाव लाना जरूरी-निशा

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हिण्डालको रेनुसागर की पर्चेज हेड निशा महापात्रा ने वार्ता के दौरान बताया कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 का लक्ष्य केवल जागरूकता बढ़ाना नहीं, बल्कि ठोस बदलाव लाना है। यह दिन हर महिलाओं को उनके काम, अधिकार और समानता के लिए बढ़ावा देता है, साथ ही यह उनके अधिकारों को लेकर सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक में उनके सफलता को लेकर उनके हिम्मत को दिखाता हैं।दुनियाभर में महिलाएं वेतन असमानता, लैंगिक भेदभाव, घरेलू हिंसा और कार्यस्थल पर असमान अवसरों का सामना कर रही हैं। इन सभी समस्याओं पर जल्द से जल्द कोई तेजी से ठोस कदम उठाए जाए।अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अंत मे अपने सन्देश में कहा कि “तेरी कोमलता में भी ताकत छुपी है, तेरी मुस्कान में भी संघर्ष बसा है, तू खुद में एक पूरी दुनिया है।”