न जाने कितनों का हाथ , पाव, तोड़ेगी यह सड़क।
पूरे विश्व की बुद्ध भक्तों को आस्था रखने वाले लोगो को यह यातनाएं क़ाल्पनीय हैं, इस कॉलनी में तीन विश्वविद्यालय के कुलपति, और 5 देश के अपने गेस्ट हाउस भी हैं , फिर भी प्रशासन उदासीन।
रिपोर्टर पुरूषोतम चर्तुवेदी

वाराणसीः महात्मा बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ में मठ-मंदिरों की राह गड्ढों भरी है। संग्रहालय के सामने से बुद्धा सिटी कालोनी को जाने वाली 370 मीटर सड़क क्षतिग्रस्त है। इससे अक्सर लोग गिरते-पड़ते और चोटिल होते रहते हैं। लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व कालोनी में नया ट्रांसफार्मर लगाने के लिए बिजली विभाग ने भूमिगत केबिल बिछाने के लिए सड़क की खोदाई की। सड़क के दूसरे तरफ का हिस्सा गैस पाइप के लिए खोदाई कर छोड़ दिया गया। इससे सड़क

गड्ढों में तब्दील हो गई। बारिश होने पर उनमें पानी भर जाता है।इस सड़क से ही कालोनी स्थित बौद्ध मठ व आध्यात्मिक केंद्रों तक पर्यटकों का जाना होता है। इसमें दी ग्रेट शाक्या मोनलम बौद्ध मठ, चकमा बौद्ध मठ व ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शामिल हैं। कालोनी वासियों संग पर्यटकों को आने-जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बड़े-बड़े गड्ढे में बरसात का पानी इकट्ठा होने के कारण आने जाने वाले सभी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है साथ ही साथ कीचड़ फिसलन और स्ट्रीट लाइट न होने के कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है कॉलोनी वासियों का कहना है कि कई बार शिकायत के बावजूद भी अभी तक कोई कार्य नहीं हो पाया है!
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