सुनीता हत्याकांड: दोषी पति को 10 वर्ष की कैद
- 10 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
- जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी
सोनभद्र। साढ़े पांच वर्ष पूर्व हुए सुनीता हत्याकांड के मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार यादव की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी पति को 10 वर्ष की कैद व 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक घोरावल थाना क्षेत्र के बसही गांव निवासी चंपा पत्नी काशीनाथ ने घोरावल थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसकी बेटी सुनीता की शादी राजेश उर्फ पप्पू कोल पुत्र स्वर्गीय दुलारे निवासी घुरकरी , थाना घोरावल, जिला सोनभद्र के साथ हुई थी। बीते दो – तीन साल से बेटी सुनीता के साथ उसका पति राजेश मारपीट करता चला आ रहा था। घटना 23 मार्च 2018 की रात करीब 11 बजे की है। बेटी का पति शराब पीकर आया और मिट्टी का तेल छिड़क कर घर में आग लगा दिया और वह वहां से फरार हो गया। अगल – बगल के लोग मौके पर पहुंच कर आग को बुझाया। बेटी सुनीता को जले हाल में लोगों ने जिला अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया। हालत गंभीर होने पर दवा इलाज कराते समय एक माह तीन दिन बाद बेटी सुनीता की मौत हो गई। इस तहरीर पर पुलिस ने एफ आई आर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने के बाद दोषसिद्ध पाकर दोषी राजेश उर्फ पप्पू कोल को 10 वर्ष की कैद एवं 10 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता ज्ञानेंद्र शरण रॉय ने बहस की।