उत्तर प्रदेश के चार मंडलों के 11 जनपद को मिलाकर समेकित ग्रोथ-हब के रूप में विकास विषयक नीति आयोग की बैठक

सुरभी चतुर्वेदी की रिपोर्ट

वाराणसी।अन्ना रॉय, वरिष्ठ सलाहकार/ एडिशनल सेक्रेटरी नीति आयोग की अध्यक्षता में प्रदेश के चार मंडलों को ग्रोथ-हब के रूप में विकास विषयक बैठक आहूत की गई। इसमें मैक किन्सी, डिलोईट, आईएसईजी कंपनियों के सलाहकार और नीति आयोग के सिंसल्टैंट के साथ साथ उत्तर प्रदेश के नियोजन विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

उक्त बैठक में प्रदेश के चार मण्डल क्रमशः वाराणसी, मिर्ज़ापुर, आज़मगढ़ एवं प्रयागराज के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा, मुत्थूकुमारस्वामी बी0, मनीष चौहान एवं विजय विश्वास पंत, विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्षगण समेत अन्य अधिकारिगण तथा सलाहकार एवं प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।

उक्त बैठक संबंधित बिंदु निम्नवत् हैं-

  • बैठक में श्रीमती अन्ना रॉय, वरिष्ठ सलाहकार, नीति आयोग ने बताया कि इस बैठक का मूल उद्देश्य, पूरे परिक्षेत्र के विकास से जुड़ी हुई है। प्रत्येक मंडल में विकास का लक्ष्य इस प्रकार हो कि समेकित ग्रोथ हब की विकास दर प्रदेश की विकास दर से भी तेज हो।
  • श्रीमती अन्ना रॉय, वरिष्ठ सलाहकार, नीति आयोग ने वाराणसी को देश-विदेश के आगंतुकों हेतु पहली पसंद के रूप में एक अनुपम टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने के लिए मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा व उनकी टीम के प्रयासों को सराहा।
  • श्रीमती अन्ना रॉय, वरिष्ठ सलाहकार, नीति आयोग द्वारा यह बताया गया कि किसी भी शहर के सार्वभौमिक विकास केलिए चार मापदंड क्रमशः बेस-लाइनिंग, ग्रोथ इंडिकेटर्स, सिटी-लिविंग स्टैण्डर्ड तथा सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर पर मंथन किया जाना मूलभूत है।
  • बैठक में सर्वप्रथम मनीष चौहान, मंडलायुक्त, आज़मगढ़ द्वारा अपने प्रस्तुतीकरण से सर्वप्रथम यह अवगत कराया गया कि आज़मगढ़ मंडल में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, एम0एस0एम0ई0 स्किल पार्क, महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेज, मास्टरप्लान 2031 आदि परियोजनाओं का कार्य चल रहा है तथा आज़मगढ़ की प्रसिद्ध ब्लैक पॉटरी के कारीगरों के उत्साहवर्धन हेतु प्रयास किए जा रहे हैं।
  • मंडलायुक्त-आज़मगढ़ द्वारा यह बताया गया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण से आज़मगढ़ मंडल का गोरखपुर एवं राजधानी लखनऊ तक का सफ़र सुगम हुआ है तथा अच्छी संख्या में लोग प्रतिदिन इस सुगम कनेक्टिविटी का लाभ ले रहे हैं।
  • मंडलायुक्त-आज़मगढ़ ने यह बताया कि निकट भविष्य में आज़मगढ़ मंडल में स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर, पायलट ट्रेनिंग स्कूल आदि की सुविधाओं का विकास तथा इस मंडल को पूर्वांचल के एक प्रमुख मेडिकल एवं लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित किया जा सकता है जिससे रोज़गार एवं अर्थव्यवस्था के नए आयाम खुलेंगे।
  • तदोपरांत विजय विश्वास पंत, मंडलायुक्त-प्रयागराज द्वारा अपने प्रस्तुतीकरण से प्रयागराज मण्डल में शिक्षा, धर्म, अर्थव्यवस्था, विधि, निर्यात आदि क्षेत्रों में उच्च न्यायालय की बेंच, आई0आई0टी0 एवं एम0एन0आई0टी0, चावल एवं अमरूद के निर्यात, महाकुंभ एवं माघमेला आदि की महत्ता बताई गई।
  • मंडलायुक्त-प्रयागराज द्वारा यह अवगत कराया गया कि प्रयागराज मण्डल में ₹ 10,000 करोड़ से अधिक लागत से गंगा एक्सप्रेस-वे, रेलवे ऑटोमेशन सिस्टम (स्काडा), ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर आदि परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है।
  • मंडलायुक्त-प्रयागराज द्वारा यह सहयोग दिये गये कि प्रयागराज मण्डल में ग्रीनफील्ड टॉउनशिप, कछुआ सेंचुरी का आधुनिकीकरण, चावल एवं अमरूद के निर्यात में बढ़ोतरी, सेल्फ-स्टडी सेंटर आदि हेतु कार्य किया जा सकता है।
  • तदोपरांत मुत्थूकुमारस्वामी बी0, मंडलायुक्त-मिर्ज़ापुर, द्वारा अपने प्रस्तुतीकरण से मिर्ज़ापुर मण्डल अन्तर्गत मिर्ज़ापुर, सोनभद्र एवं भदोही ज़िले में विंध्य कॉरिडोर, त्रिकोणी सर्किट, वन्यजीव अभ्यारण्य, फॉसिल पार्क, लखनिया दरी एवं विंधम फॉल, क़ालीन उद्योग आदि के माध्यम से पर्यटन, धर्म, व्यवसाय, हस्तशिल्प आदि क्षेत्रों में संभव आयामों के बारे में व्याख्यान दिया गया।
  • मंडलायुक्त-मिर्ज़ापुर द्वारा अवगत कराया गया की भदोही ज़िले में 63,000 से अधिक बुनकर क़ालीन बनाने का कार्य कर रहे हैं तथा इस माध्यम से ₹4000 करोड़ से अधिक धनराशि से अर्थव्यवस्था को लाभ होता है। इसके अतिरिक सैंडस्टोन, पॉटरी, राइस-मिल तथा स्ट्रॉबेरी, केले, ड्रैगन ग्रूइट आदि की खेती से नये आयाम प्राप्त हुए हैं।
  • शिक्षा के क्षेत्र में भी मिर्ज़ापुर मण्डल में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कॉलेज, काशी हिंदू विश्वविद्यालय (दक्षिण परिसर), इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ कारपेट टेक्नोलॉजी आदि जैसे संस्थान भी हैं।
  • वर्तमान में मिर्ज़ापुर मण्डल में शिवशंकरी धाम पुनर्विकास, गंगा घाटों का पुनर्विकास, एन०एच० 135-ए, मेगा सोलर पार्क, बाणसागर सिंचाई परियोजना, कंचर बांध आदि परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है।
  • मंडलायुक्त-मिर्ज़ापुर द्वारा यह बताया गया कि मिर्ज़ापुर मण्डल में चुनार लॉजिस्टिक पार्क, फार्मर एक्सपोर्ट फैसिलिटेशन सेंटर, ट्राइबल स्किल डेवलपमेंट सेंटर, आयुष सेंटर ऑफ़ एक्सलेंस आदि परियोजनाओं से मिर्ज़ापुर मण्डल का सार्वभौमिक विकास संभव होगा।
  • तदोपरांत कौशल राज शर्मा, मंडलायुक्त-वाराणसी द्वारा वाराणसी मण्डल संबंधित विवरण तथा मण्डल अन्तर्गत विभिन्न विकास परियोजनाओं की प्रेज़ेंटेशन दी गई।
  • मंडलायुक्त-वाराणसी द्वारा यह बताया गया कि धर्म, अध्यात्म एवं शिक्षा के शहर वाराणसी में चौमुखी विकास हेतु परियोजनाएँ पूर्ण हुई हैं तथा क्रियाशील हैं।
  • वाराणसी की सड़क, आकाश, जल, रेल मार्गों से कनेक्टिविटी सुगम बनाने हेतु विभिन्न परियोजनाओं जैसे रोपवे, मल्टीमॉडल टर्मिनल, एयरपोर्ट विस्तारीकरण,रेल लाइनों का डब्लीकरण तथा विद्युतीकरण, सड़कों की फ़ोर तथा सिक्स लेनिंग के कार्य किए गए हैं।
  • मंडलायुक्त-वाराणसी द्वारा यह अवगत कराया गया कि श्री काशी विश्वनाथ धाम के नव्य एवं भव्य स्वरूप के लोकार्पण से काशीदर्शन हेतु भारी संख्या में आगंतुक आरहे हैं। वाराणसी में इंफ़्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के साथ प्राचीन भाग में मूलभूत संसाधन का विकास, स्वस्थ्य पर्यावरण की दृष्टि से सीएनजी नावों का संचालन, बायोगैस प्लांट, ख़ेल क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम तथा सिगड़ा स्टेडियम, शिक्षा के क्षेत्र में सीपेट इंस्टीट्यूट, वैदिक विज्ञान केंद्र, स्मार्ट स्कूल, अटल आवासीय विद्यालय, सब्ज़ी एवं फलों के निर्यात हेतु इंटीग्रेटेड पैक हाउस जैसी परियोजनाओं की सौग़ात काशीवासियों को मिली है।
  • मंडलायुक्त-वाराणसी द्वारा यह बताया गया की भविष्य में वाराणसी के विकास में यहाँ टाउनशिप का विकास, शहर में सुगम यातयात, अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का विस्तारीकरण, लॉजिस्टिक हब रवम इंडस्ट्रियल टाउनशिप, पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सुगमता, एग्री-एक्सपोर्ट तथा एग्री-प्रोसेसिंग जैसे कार्य प्रस्तावित है।
  • वाराणसी भविष्य में पर्यटन के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था तथा फ़िल्म इंडस्ट्री हेतु भी एक प्रमुख हब बन के निकलेगा।
  • मंडलायुक्त-वाराणसी ने यह कहा कि देश-विदेश की बेस्ट प्रक्टिसेस के अध्ययन कर के वाराणसी में नवीन परियोजनाओं का विकास किया जाएगा तथा सरकारी विभागों का भी संबंधित परियोजनाओं के अनुसार ओरिएंटेशन किए जाने पर ज़ोर दिया जाएगा।
  • अंत में श्रीमती अन्ना रॉय, वरिष्ठ सलाहकार, नीति आयोग द्वारा चार मंडलों की प्रेजेंटेशन से संबंधित विभिन्न सुझावों पर चर्चा की गई तथा बैठक के समस्त प्रतिभागियों से विभिन्न नीतियाँ बनाए जाने हेतु विचार, विवरण एवं सहयोग की अपेक्षा की गई। विभिन्न विभागीय मण्डल स्तर के अधिकारियों को उनके द्वारा बताया गया कि नीति आयोग कि टीम के द्वारा उनसे डेटा प्राप्त किए जाएँगे जिसको उपलब्ध कराने में वो मदद करें। ग्रोथ हब की पूरी योजना तीन माह में ही तैयार की जानी है।

उक्त सूचना समस्त सम्मानित समाचार पत्रों/न्यूज़ पोर्टल में सादर प्रकाशनार्थ प्रेषित है।

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