वाराणसी से सुरभी चतुर्वेदी कि रिपोर्ट
डीएम की अध्यक्षता में हुई जिला टास्क फोर्स की बैठक, दिए जरूरी निर्देश
जन्म से लेकर पांच वर्ष तक के छूटे हुए बच्चों व गर्भवती का होगा टीकाकरण वाराणसी। जनपद में सोमवार (11 सितंबर) से सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 का दूसरा चरण शुरू होगा। इस संबंध में शुक्रवार को कैंप कार्यालय में जिलाधिकारी एस. राजलिंगम की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हिमांशु नागपाल भी मौजूद रहे। तीन चरणों में संचालित होने वाले इस टीकाकरण अभियान में शून्य से पांच वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को नियमित टीके और गर्भवती को टीडी के टीके लगाए जा रहे हैं। बैठक में जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी ने दूसरे चरण की सभी तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने नियमित टीकाकरण से छूटे हुए जन्म से लेकर पाँच वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती को टीकाकरण से आच्छादित करने पर विशेष जोर दिया और कहा अभियान में उच्च जोखिम, शहरी मलिन बस्तियों, दूर-दराज के क्षेत्रों पर विशेष जोर दें। साथ ही टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवारों को जागरूक कर शत-प्रतिशत टीकाकरण कराएं। टीकाकरण सत्रों के स्थान को लेकर अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाए, जिससे परिजन अपने बच्चों व गर्भवतियों का आसानी से टीकाकरण करा सकें। आशा कार्यकर्ता के माध्यम से घर-घर जाकर किए गए सर्वेक्षण (हेड काउंट सर्वे) के अनुसार माइक्रोप्लान तैयार कराया जाए। अभियान के तहत टीकाकृत किए गए बच्चों और गर्भवती के कवरेज की एंट्री ई-कवच पोर्टल पर अनिवार्य रूप से की जाएगी। टीकाकरण सत्र हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, वीएचएसएनडी सत्र, निजी चिकित्सालयों में भी आयोजित किए जाएंगे। अभियान में प्रमुख रूप से मीजल्स रूबेला (एमआर) टीकाकरण के साथ ही “पाँच साल, सात बार छूटे न टीका एक भी बार” पर जोर दिया जाए। अभियान में आईएमए, निजी चिकित्सकों, एनएसएस, स्थानीय स्वयं सेवी सहायता समूह व विकासशील संस्थाओं डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूएनडीपी आदि सहयोग करें। जिलाधिकारी ने अपील की है कि सभी परिजन जन्म से लेकर पाँच वर्ष तक के सभी बच्चों और गर्भवती का टीकाकरण समय से कराएं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि अभियान की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। दूसरे चरण में छूटे हुये पाँच वर्ष तक के कुल 17,476 बच्चों व 3333 गर्भवती को टीकाकरण के लिए लक्षित किया गया है। इसके साथ ही मीजल्स रूबेला (एमआर) प्रथम के टीके के लिए 3424 व एमआर द्वितीय के लिए 3092 बच्चों का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि पहले चरण में लक्ष्य के सापेक्ष 94 प्रतिशत बच्चों और 97 प्रतिशत गर्भवती का टीकाकरण किया गया। इसी के अंतर्गत नौ से 12 माह तक के 4430 (110 प्रतिशत) बच्चों को मीजल्स रूबेला की पहली डोज तथा 16 से 24 माह के 3976 (104 प्रतिशत) बच्चों को मीजल्स रूबेला की दूसरी डोज लगाई गई। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (प्रतिरक्षण) डॉ एके मौर्य ने बताया कि दूसरे चरण के लिए जनपद में कुल 1753 टीकाकरण सत्र तैयार किए गए हैं,जो कि पिछले चरण से 106 सत्र ज्यादा हैं। शहरी क्षेत्र में 461 व ग्रामीण में 1292 सत्र बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि जनपद में प्रत्येक बुधवार और शनिवार को नियमित टीकाकरण सत्र चलाया जा रहा है। इसके बावजूद किन्हीं कारणों से कई बच्चे व गर्भवती टीकाकरण से छूट जाती हैं। इसी को लेकर सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 अभियान संचालित किया जा रहा है। टीकाकरण बच्चों व गर्भवती को गंभीर बीमारियों के साथ ही टीके से रोकी जा सकने वाली जन्मजात बीमारियों की जटिलताओं से बचाता है। इससे बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। बैठक में एसीएमओ डॉ संजय राय, डिप्टी डीआईओ डॉ यतीश भुवन पाठक, डीपीओ दिनेश कुमार सिंह, जिला सूचना अधिकारी डॉ सुरेन्द्र पाल, अधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, डीएचईआईओ हरिवंश यादव, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूएनडीपी के प्रतिनिधि एवं अन्य अधिकारी व स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।