काशी में होगा धर्मनिर्णयालय का गठन,हिन्दू खुद को न समझे अकेला- ज्योतिषपीठ शंकराचार्य

सुरभी चतुर्वेदी की रिपोर्ट


वाराणसी। परमाराध्य परमधर्माधीश अनंतश्रीविभूषित ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज के सन्यास के 21 वर्ष पूर्ण होने पर,शंकराचार्य के रूप में रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में मनाये जाने वाले सन्यास समज्या कार्यक्रम को अभूतपूर्व सफलता हासिल हुई,सन्तों भक्तों की भारी भीड़ कार्यक्रम स्थल पर उमड़ पड़ी,रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का हाल खचाखच भरा हुआ था और बाहर हजारों की भीड़ ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
शंकराचार्य जी महाराज के प्रथम सन्यास समज्या कार्यक्रम स्थल पर पहुचने पर विशेष परिधान सुसज्जित डमरू व शंख वादक दल ने सन्तों भक्तों के साथ पूज्य शंकराचार्य महाराज का स्वागत करते हुए रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर परिसर में झंडारोहण स्थल पर ले गए जहां पूज्य शंकराचार्य जी महाराज ने सर्वप्रथम झंडारोहण किया।इसके अनन्तर 213 से अधिक संस्थओं ने पुज्य शंकराचार्य जी महाराज के चरणों मे अभिनंदन पत्र समर्पित कर उनका वंदन किया।

तत्पश्चात् पूज्य शंकराचार्य जी महाराज बच्चों के द्वारा यौगिक क्रियाओं व योग कलाओं का प्रदर्शन किया जिसका अवलोकन पुज्य शंकराचार्य जी महाराज ने रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर हाल के सीढ़ी पर खड़े होकर किया।जिसके अनन्तर पूज्य शंकराचार्य जी महाराज कावेंशन सेंटर हाल में बनाये गए विशाल मंच पर विराजमान हुए।जिसके बाद कार्यक्रम का आरंभ वैदिक मंगलाचरण से हुआ।कार्यक्रम में राम जनम योगी ने 3 मिनट तक लगातार शंख वादन किया जिसका स्वागत उपस्थित संतों व भक्तों ने करतल ध्वनि से किया।जब व्यक्ति सन्यासी बनता है तो उसका नवजन्म होता है इसी बात को दृष्टिगत रखते हुए पं श्रीकृष्ण तिवारी जी ने शोहर और मांगल्य गीत प्रस्तुत किया।जिसके अनन्तर शंकराचार्य जी महाराज का पादुका पूजन ज्योतिर्मठ के मुख्य कार्याधिकारी श्री चन्द्र प्रकाश उपाध्याय,गिरीश चन्द्र तिवारी,रवि त्रिवेदी आदि लोगों ने किया।फिर काशी विद्वत परिषद के डॉ श्रीप्रकाश मिश्रा जी ने स्वागत भाषण किया।

श्रृंगेरी पीठ व द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य ने प्रेषित किया मंगलकामना सन्देश
श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य महास्वामी विधु शेखर भारती जी ने और उनके बाद द्वारकाशारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज ने चलचित्र के माध्यम से अपना मंगलकामना संदेश प्रेषित किया।इस अवसर पर तिरुपति बाला जी के प्रतिनिधि गोविंद जी ने बालाजी का प्रसाद व स्मृति चिन्ह पुज्य महाराजश्री को समर्पित किया।
शंकराचार्य जी ने किया काशी के 21 विभूतियों को सम्मानित
पुज्य शंकराचार्य जी महाराज ने काशी के सुमेधा पाठक सहित 21 विभूतियों को सम्मानित किया।
शंकराचार्य जी के कुंडली का हुआ विश्लेषण
राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त विद्वान पं शत्रुघ्न त्रिपाठी ने शंकराचार्य जी महाराज के कुंडली का विश्लेषण कर यह सिद्ध किया कि जब पूज्य शंकराचार्य जी महाराज का जन्म हुआ उस समय ग्रह नक्षत्रों का योग बहुत ही अद्भुत था जैसा किसी दिव्य अवतारी पुरुष का होता है।साथ ही बद्रीनाथ केदारनाथ के प्रतिनिधियों द्वारा शंकराचार्य जी महाराज को बद्रीनाथ का प्रसाद, अंगवस्त्र इत्यादि समर्पित किया।
राममंदिर विवाद के मुख्य अधिवक्ता ने दिया सन्यास परम्परा पर व्याख्यान
अयोध्या राम मंदिर श्रीराम जन्मभूमि के सुप्रीमकोर्ट के मुख्य अधिवक्ता जिन्होंने राम मंदिर का केस लड़कर हिंदुओं के पक्ष में करवाया उन्होंने सन्यास परम्परा के ऊपर शोधपूर्ण व्याख्यान प्रस्तुत किया।
सिख,इसाई,मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों सहित राष्ट्र के प्रमुख विद्वानों ने दिया अपना उद्बोधन व दर्शाया शंकराचार्य जी के प्रति अपना निष्ठा

ज्योतिषपीठ जी ओर से पिंगल सांवत्सरी का विमोचन हुआ सम्पन्न
ज्योतिष्पीठ की ओर से पिंगल सांवत्सरी का साध्वी पूर्णम्बा दीदी,साध्वी शरदम्बा दीदी,ब्रम्हचारी मुकुंदानंद जी ने शंकराचार्य जी महाराज से कराया विमोचन।

काशी की राजकुमारी कृष्णप्रिया,गूगल ब्वाय कौटिल्य पंडित,कैप्टन अरविंद सिंह,डॉ शत्रुघ्न त्रिपाठी,डॉ परमेश्वर नाथ मिश्रा,परमजीत सिंह अलुवालिया,जन्तरलेश्वर यादव,पूर्व कुलपति गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रो.आर के मिश्रा,पण्डित कमलाकांत त्रिपाठी,गौरव भाटिया,श्रीभगवान वेदांताचार्य,काश्मीर के शारदा मंदिर के निर्माता रविन्द्र पंडिता,राजेन्द्र तिवारी,बिजेंद्र सती,भाष्कर डिमरी,धर्मदत्त चतुर्वेदी,बार एसोशिएसन के अध्यक्ष प्रभु नारायण पाण्डेय,गौरव तिवारी आदि लोगो अपना मंचीय उद्बोधन प्रस्तुत किया।

पूज्य शंकराचार्य जी महाराज ने दिया भक्तों को आशीर्वचन
रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में उपस्थित भक्तों व संतों के भीड़ को आशीर्वचन प्रदान करते हुए पूज्य शंकराचार्य जी महाराज ने सन्यास पर विस्तृत व्याख्या की एवं सन्यास व त्याग में अंतर स्पष्ट किया।
शंकराचार्य जी ने हिंदुओं से कहा कि स्वयं को अकेला न समझे आपके पथप्रदर्शक हम हैं।
शंकराचार्य जी ने बताया कि जब से वो शंकराचार्य पद पर प्रतिष्ठित हुए हैं तब से वो हिंदुओं के घर घर जाकर उनको आश्वासन दे रहे हैं और बता रहे हैं कि स्वयं को अकेला न समझें। आपके पथपदर्शक हम हैं और हम आपके दुःख सुख में सदैव आपके साथ खड़े हैं।
धर्म निर्णायल का हुआ गठन।शंकराचार्य जी ने धर्म के नाम पर हो रहे मनमाने को रोकने के लिए काशी में किया धर्मनिर्णयालय का गठन जिसमें काशी सहित देशभर के विद्वान होंगे सम्मिलित। इसमें पहला मुकदमा ज्योतिर्लिंग के विवाद पर होगा निर्णय।

कार्यक्रम का समापन रंगकर्मी उमेश भाटिया के आदि शंकराचार्य भगवान के एकाकी से और कलकत्ता से आये पं बिरजू महाराज के शिष्य कौशिक माइति के कत्थक नृत्य की प्रस्तुति समाप्त हुआ।

उक्त जानकारी पूज्य शंकराचार्य जी महाराज के प्रेस प्रभारी सजंय पाण्डेय ने दी है।

कार्यक्रम में विद्यायक सुशील सिंह,एमएलसी अन्नपूर्णा बृजेश सिंह के प्रतिनिधि ब्लाक प्रमुख,डीके सिंह,राजा भैया के प्रतिनिधि ब्लाक प्रमुख बबलू सिंह,पूर्व विद्यायक अजय राय,पूर्व विद्यायक सुरेंद्र सिंह के प्रतिनिधि दीपक सिंह,बीजेपी चिकित्सा प्रकोष्ठ चंदौली के जिला अध्यक्ष डॉ के.एन. पाण्डेय,कांग्रेस नगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे,मीडिया प्रभारी योगिराज सरकार,सुनील शुक्ला,रमेश उपाध्याय,यतींद्र चतुर्वेदी,सुनील उपाध्याय,सदानंद तिवारी,सतीश अग्रहरी,प्रभात वर्मा,आदि प्रमुख लोगो सहित देश विदेश से भारी संत व भक्त उपस्थित थे।

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