वाराणसी से सुरभी चतुर्वेदी की रिपोर्ट
माननीय राज्यपाल उत्तर प्रदेश श्रीमती आनंदीबेन पटेल द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों के सुदृढ़ीकरण हेतु विकास खंड सेवापुरी, आराजीलाइन तथा काशी विद्यापीठ में सामग्री किट वितरित किया गया
विकास खंड सेवापुरी के 100 आंगनबाड़ी केंद्रों को एसबीआई लखनऊ मंडल द्वारा सामग्री किट का वितरण किया गया
वेदांता समूह के अनिल अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा विकास खंड आराजीलाइन के ग्राम हरसोस तथा विकास खंड काशी विद्यापीठ के ग्राम अलाउद्दीनपुर के आंगनबाड़ी केंद्रों ( नंदघर ) पर सामग्री किट तथा स्मार्ट टेबलेट का वितरण किया गया
उच्च शिक्षा प्रतिशत को 23% से बढ़ाकर 2030 तक 50% करने की दिशा में सार्थक प्रयास हो- राज्यपाल
जन्म के एक घंटे के अन्दर बच्चों को माँ के दुध प्रतिशत को 24% से बढ़ाने की दिशा में भी प्रयास होना चाहिए ताकि बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो सके-राज्यपाल
वाराणसी। माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के प्रेरणा से आंगनबाड़ी केंद्रों के सुदृढ़ीकरण हेतु चलाये जा रहे अभियान के क्रम में विकास खंड सेवापुरी पर आयोजित कार्यक्रम में माननीया राज्यपाल की मौजूदगी में 100 आंगनबाड़ी केंद्रों को एसबीआई लखनऊ मंडल द्वारा सामग्री किट का वितरण किया गया। कार्यक्रम में बोलते हुए माननीया राज्यपाल द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों को सामग्री किट वितरित किया गया जिसमें बच्चों के खेलने का समान, स्मार्ट टेबलेट, बैठने को कुर्सियाँ, खाने को बर्तन इत्यादि सामानों का वितरण सुनिश्चत हुआ। माननीया राज्यपाल द्वारा कहा गया कि इस प्रकार के सामग्री वितरण से आंगनबाड़ी केंद्रों को और कुशल बनाया जायेगा जिससे बच्चों की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी।
माननीया राज्यपाल ने एसबीआई के प्रति आभार जताते हुए कहा गया कि इससे बच्चों को मनोरंजन के अधिक अवसर मिलेंगे जिससे उनके खेलने, सीखने तथा शारीरिक क्षमता का अधिक विकास हो सकेगा। बच्चों को खेलते हुए देखकर अलग ही आनंद की प्राप्ति होती है। माननीया राज्यपाल द्वारा नई शिक्षा नीति पर बात रखते हुए कहा गया कि अगर हमको विश्वविद्यालयों तक पहुंचना है तो हमें आंगनबाड़ी केंद्रों की तरफ देखना ही होगा। 3 से 6 वर्ष की उम्र बच्चों के सीखने, उनके विकास की उम्र होती, आंगनबाड़ी केंद्रों पर सुधार करके हम बच्चों को कुपोषण से दूर कर सकते, उनको स्वस्थ बना सकते तभी हम एक मजबूत भारत का निर्माण कर सकते। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों पर अच्छा खाना व पोषण युक्त आहार की बात कही।
माननीया राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों से 2023 को पूरा विश्व बाजरा वर्ष के रूप में मना रहा जिससे मोटे अनाजों के उपजाने का प्रचलन बढ़ा है तथा विश्व में मोटे अनाज की मांग बढ़ी है इसका सीधा फायदा हमारे किसानों को होगा। मोटे अनाज के उपयोग से बच्चों में कुपोषण दूर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि छात्रावासों में भी मोटे अनाज के उपयोग को बढावा मिला है। प्रधानमंत्री के द्वारा मोटे अनाज को दिए गए नाम ‘श्रीअन्न’ की भी चर्चा उन्होंने कार्यक्रम में की।
उन्होंने आंगनबाड़ी समूह को एक परिवार बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री पिछले 21 साल से बिना छुट्टी लिये देश की सेवा कर रहे उसी प्रकार आप सभी भी अपने कार्यों को अच्छे से करें तथा बच्चों को मेहनत से पढ़ाएं और सिखाएँ। राज्यपाल महोदया द्वारा पोषण वाटिका की भी तारीफ की गयी। कार्यक्रम में एसबीआई के महाप्रबंधक शरद चांडक भी मौजूद रहे।
न्यूट्री बार, सामग्री किट तथा टेबलेट वितरण कार्यक्रम के क्रम में राज्यपाल महोदया द्वारा वेदांता समूह के अनिल अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा विकास खंड आराजीलाइन के हरसोस गांव के आंगनबाड़ी केंद्र तथा काशी विद्यापीठ के अलाउद्दीनपुर में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र जिनको कि नंद घर में बदला गया है पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया गया जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बात रखते हुए कहा कि वर्तमान में उच्च शिक्षा में हमारा प्रतिशत 23% है जिसको की बढ़ाकर 2030 तक हमें 50% करना है इसलिए हम सबकी सामुहिक जिम्मेदारी है कि आंगनबाड़ी केंद्र के बाद बच्चे का प्रवेश कक्षा 1 में सुनिश्चित हो सके तथा कक्षा 12 के बाद बच्चे का प्रवेश विश्वविद्यालय में हो सके तभी हम इस आकड़े को प्राप्त कर सकते।
माननीया राज्यपाल द्वारा अस्पतालों में प्रसव की बात भी रखी गयी जिसमें उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमारे देश में 86% ही प्रसव अस्पतालों में होते बाकी बचे 14% प्रसव भी अस्पतालों में सुनिश्चत हो सके इस दिशा में भी कार्य किए जाने की जरूरत है ताकि कोई भी प्रसव घर पर न हो। उन्होंने बच्चों में जन्म के तुरंत बाद स्तनपान पर बात रखते हुए कहा कि अभी केवल 24%बच्चे ही जन्म के एक घण्टे बाद माँ का दुध पीते हमें इसे भी बढ़ाने की जरूरत है ताकि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सके।
माननीया राज्यपाल द्वारा नंद घर में बच्चों के बीच फल का वितरण करते हुए उनसे कविताओं को सुना गया। उन्होंने ग्राम प्रधानों को भी आंगनबाड़ी पर बनने वाले व्यंजनों को खाने को कहा ताकि क्वालिटी को बनाये रखा जा सके।
कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मुख्य विकास अधिकारी द्वारा बताया गया कि लगभग 90% आंगनबाड़ी को डिजिटल रूप में परिवर्तित किया जा चुका है तथा काशी विद्यापीठ के 95% से अधिक केंद्रों का कायाकल्प किया जा चुका है।
कार्यक्रम में वेदांता समूह की श्रीमती रितु झिंगन और प्रिया अग्रवाल द्वारा समूह के द्वारा तीन ब्लाकों सेवापुरी, काशी विद्यापीठ और आराजीलाइन में किये जा रहे कार्यों को रखा गया।