सिंगरौली।विश्व गौरैया दिवस पर गौरेया बचाने की हिंडालको महान की अनोखी मुहीम
आस पास के परिक्षेत्र में बाटे गौरैया के घरौंदे
20 मार्च है यानी कि विश्व गौरैया दिवस।प्रकृति की सुंदरतम रचनाओं में से एक, घर-आंगन को अपनी चंचल अदाओं से खुशगवार बनाने वाली नन्ही गौरैया की घटती आबादी को रोकने और उसके संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक और संवेदनशील बनाने के उद्देश्य हिंडालको महान ने गौरैया को बचाना है इस उद्देश्य से उसके कृत्रिम घोसले तैयार कर पेड़ो में टांगे गये व गौरैया का होना प्रकृति के लिये कितना जरूरी है इस विषय पर ग्राम बाघाडीह गाँव के लोगो को जागरूक करते हुये पेड़ों पर इस कृत्रिम घोंसलो को टागा गया,कार्यक्रम में हिंडालको महान का पर्यावरण विभाग की टीम के साथ साथ सी.एस.आर.व उद्यानिकी विभाग की टीम शामिल रही। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पर्यावरण विभाग के विभाग प्रमुख गिरिजा पंडा, उत्पल सरकार,विनोद कुशवाहा,मोहितेंद्र,विनय शुक्ला,महादेव,सी.एस.आर.विभाग से विभाग प्रमुख संजय सिंह,विजय बैश्य,धीरेंद्र तिवारी,शीतल श्रीवास्तव,बीरेंद्र पाण्डेय,खुशबू गुप्ता,प्रवीण श्रीवास्तव,अरविंद बैश्य व उद्यानिकी विभाग से विभाग प्रमुख रमेश मोबालिया, देवेंद्र चंदेल व श्रवण सेन उपस्थित रहे। इस दिवस पर लोगों को विश्व गौरैया दिवस मनाने का उद्देश्य व लोगों को गौरैया के संरक्षण के प्रति जागरूक करना और कैसे गौरैया को संरक्षित किया जाए इस पर लोगो को अवगत कराया कि गौरैया की संख्या विश्व भर में कमी आ रही समस्या को देखेते हुये पूरे यूरोप में सामान्य रूप से दिखाई पड़ने वालीये चिड़िया पूरी तरह से विलुप्त होने के कगार पर है। वही नीदरलैंड में रेड लिस्ट में रखा गया है। हिंडालको महान के द्वारा घरेलू चिड़िया को घरौंदा देने के पहल की पर्यावरणविद व पक्षी प्रेमीयो ने तारीफ की है ,वही इस पहल के परिणाम आने वाले वक्त में पता चलेगा कि इससे गौरैया प्रजाति संख्या में कितनी वृद्धि हुई है।