जीवन मंत्र । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से महापदम कालसर्प योग पारिभाषितमहापदम कालसर्प योग पारिभाषित
महापदम कालसर्प योग पारिभाषित
महापदम कालसर्प योग की भारतीय ज्योतिष में प्रचलित परिभाषा के अनुसार जब किसी कुंडली में राहू छठे घर में स्थित हों, केतु कुंडली के बारहवें घर में स्थित हों तथा बाकि के सभी ग्रह राहू और केतु के बीच में स्थित हों अर्थात बाकि के सभी ग्रह कुंडली के छठे तथा बारहवें घर के बीच में स्थित हों तो ऐसी कुंडली में महापदम कालसर्प योग का निर्माण हो जाता है जो जातक के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में समस्याएं पैदा कर सकता है। किन्तु महापदम कालसर्प दोष की प्रचलित परिभाषा में बताईं गई शर्तें किसी कुंडली में इस दोष के निर्धारण के लिए पर्याप्त नहीं हैं तथा किसी कुंडली में महापदम काल सर्प योग की उपस्थिति निश्चित करने के लिए कुंडली में उपस्थित और भी कई महत्वपूर्ण तथ्यों का ध्यानपूर्वक अध्ययन करना आवश्यक है तथा इन सभी तथ्यों का भली-भांति अध्ययन करने के पश्चात ही कुंडली में महापदम कालसर्प योग की उपस्थिति का निर्णय लेना चाहिए। इस दोष के निर्धारण के लिए विचार करने योग्य महत्वपूर्ण तथ्यों में से अधिकतर तथ्यों का वर्णन मैने अनंत कालसर्प योगनामक लेख में किया है तथा इन तथ्यों के बारे में जानने के लिए पाठक इस लेख को पढ़ सकते हैं। आइए अब यह देखते हैं कि किसी कुंडली में वास्तविक रूप से उपस्थित होने पर महापदम काल सर्प योग नाम का यह दोष जातक के लिए किस प्रकार की समस्याएं पैदा कर सकता है।
महापदम कालसर्प योग जातक के वैवाहिक जीवन में समस्याएं पैदा कर सकता है तथा इन समस्याओं की गंभीरता इस दोष के बल पर निर्भर करती है। योग के प्रभाव के कारण जातक का अपनी पत्नि के साथ समय समय पर झगड़ा होता रहता है तथा आम तौर पर इस झगड़े की शुरुआत रात को सोने के समय बिस्तर पर होने वाली बातचीत के दौरान ही होती है। महापदम कालसर्प योग के प्रभाव के कारण सोने के समय पति-पत्नि में किसी न किसी बात को लेकर बहस हो जाती है जो बढ़कर झगड़े का रुप धारण कर लेती है जिसके कारण जातक को चैन की नींद लेने में बाधा आती है। बहुत से मामलों में इस दोष के प्रभाव के कारण जातक की पत्नि तो झगड़े के बाद शीघ्र ही सो जाती है किन्तु जातक को इस झगड़े से पैदा हुए तनाव के कारण नींद नहीं आ पाती और जातक देर रात तक बिस्तर पर करवटें बदलता हुआ झगड़े के बारे में ही सोचता रहता है। इस प्रकार महापदम कालसर्प दोष के प्रभाव के कारण जातक की रात की नींद पर बुरा प्रभाव पड़ता है तथा वहीं पर इसे दोष के असर के चलते जातक को अपनी पत्नि के साथ शारीरिक सुख प्राप्त करने में भी बाधा आती है क्योंकि रात को होने वाले इन झगड़ों के कारण पति पत्नि बिना शारीरिक संबंध बनाए ही एक दूसरे से नाराज हो कर सो जाते हैं। महापदम काल सर्प योग के कुंडली में बलवान होने की स्थिति में जातक के अपनी पत्नि से होने वाले झगड़े कई बार गंभीर रुप धारण कर लेते हैं जो कुछेक मामलों में लंबे अलगाव अथवा तलाक का कारण भी बन जाते हैं।
कुंडली में महापदम काल सर्प दोष के प्रभाव के कारण जातक को अपनी पत्नि से लंबे समय के लिए दूर रहना पड़ सकता है तथा इन अलगावों के कारण कई प्रकार के हो सकते हैं। उदाहरण के लिए मेरे पास कुंडली से संबंधित परामर्श प्राप्त करने वाला एक जातक अपनी कुंडली में इस योग के प्रभाव के कारण अपने विवाह के 12 साल के पश्चात भी काम के सिलसिले में अमेरिका में रहता हैं तथा उसकी पत्नि शादी के पहले दिन से ही भारत में रह रही है जबकि जातक इस सारे समय में से अधिकतर समय अमेरिका में ही रहा है तथा हर साल केवल एक दो महीने के लिए ही अपनी पत्नि तथा परिवार के पास भारत आ पाता है। महापदम कालसर्प योग के कारण जातक को अपने जीवन का बहुत सा समय विदेशों में ही व्यतीत करना पड़ सकता है तथा इस दोष के कारण विदेशों में रहने वाले अधिकतर जातक आम तौर पर कई साल विदेशों में रहकर भी न तो कोई विशेष धन अर्जित कर पाते हैं तथा न ही कोई अन्य विशेष उपलब्ध कर पाते हैं तथा इसके विपरीत इस दोष से पीड़ित बहुत से जातकों को विदेशों में अपने जीवन का बहुत सा समय बड़ी तंगी तथा परेशानी में गुजारना पड़ सकता है। कुंडली में महापदम कालसर्प योग के बहुत बलवान होने पर कई बार जातक विदेश जाने के बाद आजीवन वहीं पर रहने को विवश हो जाता है तथा ऐसे जातक की मृत्यु भी अपने घर-परिवार तथा देश से दूर विदेश में ही हो जाती है। कुंडली में महापदम कालसर्प योग के प्रभाव के कारण कुछ जातकों को एक लंबे समय के लिए देश या विदेश में कारावास की सजा भी हो जाती है तथा ऐसे जातकों को बहुत सा समय कारावास में सजा के रुप में रहना पड़ता है।
महापदम काल सर्प योग के प्रभाव के कारण जातक को अपने जीवन में समय समय पर धन की तंगी का सामना करना पड़ता है जिसका कारण जातक का लंबे समय तक बिना किसी व्यवसाय के रहना हो सकता है अथवा जातक के पास व्यवसाय से आ रही कमाई से बहुत अधिक धन खर्च होना हो सकता है। इस योग के प्रभाव के कारण जातक को बहुत से अनचाहे तथा अनुचित खर्चों का सामना करना पड़ता है जिनके चलते जातक को धन की तंगी का सामना करना पड़ता है। महापदम काल सर्प योग के प्रभाव के कारण जातक को कई प्रकार के रोग भी हो सकते हैं तथा जातक को इन रोगों के उपचार के लिए बहुत सा धन अपने जीवन में समय समय पर खर्च करना पड़ सकता है। किसी कुंडली में महापदम काल सर्प दोष के बहुत बलवान होने पर यह दोष जातक की आयु पर भी दुष्प्रभाव डालता है जिसके कारण जातक सामान्य से कम आयु में ही मृत्यु को प्राप्त हो जाता है।
महापदम कालसर्प दोष के उपाय
इस दोष की शांति के लिए श्रावण मास में ३० दिन तक दूध एवं जल से शिव जी का अभिषेक करना चाहिए.
इस मास में कालसर्प दोष शांति करवाना भी लाभप्रद होता है.
पितरों के नाम से दिया गया दान कालसर्प दोष की पीड़ा को कम करने के लिए अच्छा उपाय माना गया है.
चांदी से निर्मित सर्पकार अंगूठी अथवा गोमेद रत्न पहनने से महापद्म कालसर्प दोष में राहत मिलती है.
महापद्म कालसर्प दोष की शांति के लिए श्रावण मास में किसी योग्य पंण्डित से विधिवत पूजा एवं हवन करने से शीघ्र लाभ मिलता है।
इस दोष के कारण यदि कर्ज हो गया है तो ऋणमोचक मंगल स्त्रोत्र का पाठ करना चाहिए।
महापद्म कालसर्प दोष से ग्रसित जातक को बेटी अथवा भुआ को कुछ ना कुछ उपहार देते रहना चाहिए।
नाग पंचमी के दिन राहु केतु के निर्दिष्ट संख्या अनुसार मंत्र जाप करवाकर हवन के पश्चात ब्राह्मण अथवा निसक्त लोगो को भोजन कराना चाहिए।