धूम्र पान करने वालो को कोरोना का ज्यादा खतरा – डॉ. एस के पाठक


पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट

वाराणसी।वाराणसी) द्वारा “विश्व धूम्रपान निषेध दिवस” (31 मई 2022) के अवसर पर अस्सी स्थित – “सुबह बनारस मंच” से एक जन जागरूकता के तहत एक नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया I इस कार्यक्रम के अंतर्गत एक नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का भी आयोजन ब्रेथ ईजी अस्तपताल के वरिष्ठ श्वांस एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डा. एस. के पाठक के नेतृत्त्व में किया गया जिसमे ३५० से भी ज्यादा लोगो के फेफड़े की नि:शुल्क जाँच की गयी I कार्यक्रम के शुरुआत में वहाँ मौजूद सभी मरीजों एवं ब्रेथ ईजी के टीम कों शपथ दिलायी कि आज के दिन से न वो धूम्रपान करेंगे और न ही किसी को सलाह देंगे और इस बुरी लत को भरसक रोकने का प्रयाब्रेथ ईजी चेस्ट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (अस्सी,स करेंगे I
डॉ. पाठक ने मरीजो को बताया – “सिगरेट का धुआं रिसेप्टर प्रोटीन अधिक बनाने के लिए फेफड़े को फुला देता है, जिसका इस्तेमाल कोरोना वायरस मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए करता हैI इस तरह के मामलों में रोग के गंभीर लक्षण दिख सकते हैं I धूम्रपान छोड़ना आपको कोरोना संक्रमण से लड़ने में मदद करेगा, इसलिए धूम्रपान छोड़ने का इससे बेहतर कोई और समय नहीं होगा I धुम्रपान व गुटखा खाने वाले मुख्यत: वो होते है जो कभी दूसरों की देखा देखी, कभी बुरी संगत मे पडकर कभी मित्रो के दबाब में, कई बार कम उम्र मेँ खुद को बडा दिखाने की चाहत में तो कभी धुएँ के छ्ल्ले उडाने की ललक, कभी फिल्मों मे अपने प्रिय अभिनेता को धूम्रपान करते हुए देखकर तो कभी पारिवारिक माहौल का असर तम्बाकू उत्पादों की लत का कारण बनता है l”
डॉ. पाठक ने आगे बताया कि – “प्रत्येक वर्ष दुनिया भर में 4.9 मिलियन लोग धूम्रपान की वजह से मरते हैं, इसके अलावा दुनिया भर में 40 फीसदी बच्चे, 35 फीसदी महिलाएं और 33 फीसदी मर्द बिन चाहे सिगरेट का धुंआ पीते हैं, जिसे पैसिव स्मोकिंग कहते हैं I डॉ. पाठक आगे बताते हैं कि पैसिव स्मोकिंग के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन के आकलन के अनुसार पौने चार लाख लोग दिल की बीमारियों के कारण मरते हैं तो डेढ़ लाख से अधिक लोग सांस की बीमारी के कारण, इसके अलावा 37 हजार लोग अस्थमा से और साढ़े 21 हजार फेफड़े के कैंसर से मरते हैं I”
डॉ. एस के पाठक ने आगे बताया कि – “तम्बाकू एक धीमा जहर है जो सेवन करने वाले व्यक्ति को धीरे धीरे करके मौत के मुँह मे ढकेलता रहता है l लोग जाने अनजाने मे तम्बाकू उत्पादों का सेवन करते रहते है, धीरे धीरे शौक लत मेँ परिवर्तित हो जाता है और तब नशा आनंद प्राप्ति के लिए नहीं बल्कि ना चाहते हुए भी किया जाता है I जिस प्रकार इस लॉक डाउन में भी तम्बाकू पदार्थ अच्छी मात्रा में बिका हैं, हम अंदाजा लगा सकते हैं कि लोगो में इसका नशा कितना होगा I” डॉ. पाठक आगे बताते हैं कि “धुम्रपान एवँ तम्बाकू खाने से मुँह् ,गला, श्वासनली व फेफडोँ का कैंसर के अलावा दिल की बीमारियाँ (Heart Disease ), धमनी काठिन्यता, उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), पेट के अल्सर (Stomach Ulcer ), अम्लपित (Acidity) व अनिद्रा (insomnia) आदि रोगों की सम्भावना संभवतः हैं ।
डॉ. एस.के पाठक ने अंत में बताया –“ब्रेथ ईजी समय-समय पर जन जागरूकता कार्यक्रम करता रहता हैं, जिसमे नि:शुल्क चिकित्सा शिविर, जन जागरूकता रैली, ऑनलाइन के मध्यम से जन जागरूकता कार्यक्रम आदि मुख्य हैं ।

Translate »