सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए समय से स्क्रीनिंग व वैक्सीनेशन जरूरी-जिलाधिकारी

वाराणसी से पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट

सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग व वैक्सीनेशन पर जागरुकता एवं संवाद कार्यक्रम सम्पन्न

डीएम ने महिला विद्यालयों की प्रधानाचार्यो व स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ किया संवाद

जागरुकता के लिए चलाया जाय अभियान, तभी होगा इस रोग का निदान-कौशल राज शर्मा

वाराणसी। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से जनपद में सर्वाइकल कैंसर (बच्चेदानी के मुख का कैंसर) के रोकथाम की दिशा में सभी स्तरों पर प्रयास किये जा रहे हैं। इस क्रम में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने रविवार को जिले के महिला विद्यालयों की प्रधानाचार्यो व स्वंय सेवी संस्थाओं के साथ बैठक की और कहा कि स्क्रीनिंग व वैक्सीनेशन से सर्वाइकल कैंसर पर काफी हद तक लगाम लगाया जा सकता है। यह तभी संभव है जब इस बारे में समाज में जागरुकता आयेगी। लिहाजा स्क्रीनिंग व वैक्सीनेशन के प्रति महिलाओं में जागरुकता लाने के लिए अभियान चलाया जाए। सर्किट हाउस के सभागार में रविवार को आयोजित सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग व वैक्सीनेशन पर जागरुकता एवं संवाद कार्यक्रम में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ ही महिला विद्यालयों की प्रधानाचार्यो, अध्यापिकाओं व स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ संवाद स्थापित किया। इस दौरान होमी भाभा कैंसर संस्थान की डा. रुचि पाठक ने बच्चेदानी के मुंह के कैंसर के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह रोग एक वायरस के चलते होता है जो यौन संक्रमण के चलते एक से दूसरे तक पहुंचता है। इसका प्रभाव 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में अधिक होता है। संक्रमण का प्रभाव अधिकांशतः कई वर्ष बाद देखने को मिलता है। उन्होंने बताया कि चूकि यह बीमारी यौन संक्रमण के चलते होती है लिहाजा इसके बचाव का एक बड़ा उपाय है कि नौ से 14 वर्ष की किशोरियों को इससे सम्बन्धित टीके की दो डोज जरूर लगवा दी जाए। यह टीका 15 से 26 वर्ष की उम्र में भी लग सकता है लेकिन तब टीके की कुल तीन डोज लगवानी होगी। चूंकि यह बीमारी लक्षण विहीन होती है और इससे पीड़ित होने का पता रोगी को बहुत देर में चलता है लिहाजा इससे बचाव के लिए प्रत्येक महिला को अपनी स्क्रीनिंग जरूर करवानी चाहिए ताकि रोग का जरा भी लक्षण नजर आये तो उसका उपचार शुरू किया जा सके। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने महिला विद्यालयों की प्रधानाचार्यो, अध्यापिकाओं से कहा कि इस बारे में वह अपने विद्यालय की छात्राओं व उनके अभिभावकों को जागरूक करें। विद्यालयों के नोटिस बोर्ड पर इस रोग की गंभीरता और बचाव के उपाय के बारे में जानकारी देते हुए इससे सम्बन्धित टीकाकरण और स्क्रीनिंग कराने की सलाह दी जाए। उन्होंने स्वयं सेवी संस्थाओं से भी अपील किया कि वह भी इस दिशा में सहयोग प्रदान करें। मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल ने कहा कि जिस तरह हम अन्य बीमारियों के टीके लगवाते है, उसी तरह अगर सर्वाइकल कैंसर का टीका भी अपनी बेटियों को लगवा दें तो उनका जीवन सुरक्षित हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में चलाये जा रहे अभियान में महिला विद्यालय के प्रधानाचार्यो व अध्यापिकाओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। यदि व अपनी छात्राओं के साथ-साथ विद्यालय आने वाले उनके अभिभावकों को इस बारे में जागरूक करेंगी तो इसके सार्थक परिणाम आयेंगे।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने कहा कि किशोरियों के टीकाकरण के साथ ही युवतियों, महिलाओं की ज्यादा से ज्यादा स्क्रीनिंग के जरिए इस रोग पर अंकुश लगाया जा सकता है। इसकी स्करीनिंग के लिए सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों, हेल्थ एण्ड वेलनेश सेंटर पर सुविधा उपलब्ध है और महिलाएं इसका लाभ उठा सकती है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. ए.के. मौर्य ने कहा कि देश में प्रतिवर्ष एक लाख 40 हजार से अधिक सर्वाइकल कैंसर पीड़ित मरीज मिल रहें है, इनमें हर वर्ष 25 प्रतिशत को अपनी जान गवांनी पड़ती है। यदि नौ से 14 वर्ष की किशोरियों के टीकाकरण के साथ ही महिलाओं के स्क्रीनिंग पर हम ध्यान दें तो इस रोग पर काफी अंकुश लगाया जा सकता है। बैठक में डीएचईआईओ हरिवंश यादव, डा. अतुल सिंह, डा. आरबी यादव, डा. यतीश भुवन पाठक, डा. मनोज सिंह, डा. अमित सिंह होमी भाभा कैंसर संस्थान की निशा, डा. रुचि व आखिलेश, जिला विधालय निरीक्षक उपस्थित थें।

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