-अनिल बेदाग़-
मुंबई : ज़िंदगी में तपिश कितनी भी हो, कभी हताश मत होना। क्योंकि धूप कितनी भी तेज़ हो, समुंदर सूखा नहीं करते। अभिनेता व मॉडल आर्य का जीवन भी समुंदर की तरह कभी ना सूखने वाला और गतिमान रहा है, जो कठिन परिस्थितियों में भी हताश नहीं हुए। चार साल पहले एक्टर बनने के लिए पानीपत के एक छोटे से गांव से मुंबई में कदम रखा था। 20 दिन तक कुली का काम किया। पुलिस वाले की प्रताड़ना झेलनी पड़ी लेकिन संघर्ष से पीछे नहीं हटे। आर्य कहते हैं कि तभी अचानक धर्मपाल नाम का व्यक्ति उनकी लाइफ में आया, जो एक तरह से मेरे लिए दूसरा जन्म था। वो अभिनेता संजय दत्त के यहां कुक थे। उन्होंने मेरी हिम्मत बढ़ाते पूरा साथ दिया। इंडस्ट्री से मेरी पहचान करवाई। मुझे ऑडीशन में जाने के लिए रोजाना 100 रुपये देते थे। मैंने कुछ धारावाहिक और प्रिंटशूट किये। कोलकाता की एक लड़की ने हेल्प की और मुझे इंटरनेशनल प्रोजेक्ट दिलवाती रही।
इस बीच हरियाणा भी वापस आया और यहां हरियाणा राइस ब्रांड शुरू किया, जिसने मुझे आर्थिक मज़बूती दी। मेरे ब्रांड का राइस लैंथ वाला और बिना मिक्सिंग का है इसलिए पसंद किया जाने लगा, लेकिन मैंने बॉलीवुड से खुद को अलग नहीं किया। फैशन और हेल्थ से जुड़ी तीन मैगज़ीन्स को कवर कर रहा हूँ। फैशन डे क्लोथिंग कंपनी भी है मेरी। दो प्रोजेक्ट भी हाथ में हैं। संघर्ष करने वालों से कहना चाहता हूँ कि यूं ही नहीं जीता कछुआ खरगोश से, उसकी चाल धीमी थी लेकिन वो लगातार चलता रहा। लगातार चलोगे तो सफलता मिलेगी।