आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्रबुद्ध जनों ने किया विचार व्यक्त
- स्व की अवधारणा को जन-जन तक पहुंचाने का लिया गया संकल्प।
-भारत माता की उतारी गई आरती एवं निकाला गया तिरंगा यात्रा।
विशेष संवाददाता द्वारा
सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)- भारत के स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव के ब्लॉक करमा का उद्घाटन समारोह शुक्रवार को चंद्रगुप्त मौर्य इंटर कॉलेज मधुपुर के प्रांगण में हर्ष उल्लास के साथ किया गया। मुख्य वक्ता विंध्य संस्कृति शोध समिति उत्तर प्रदेश ट्रस्ट के निदेशक एवं इतिहासकार दीपक कुमार केसरवानी ने स्वाधीनता आंदोलन में आदिवासियों का योगदान विषय पर अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि-“आजादी के दीवानों ने भारत माता को अंग्रेजी दासता से मुक्ति का सपना स्व के पुनरुत्थान के माध्यम से देखा था, जिसके अभाव में हमारा देश गुलाम हुआ और देशवासियों को राजनैतिक, आर्थिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा। स्व की अवधारणाओं को आगे बढ़ाते हुए आज से 264 वर्ष पूर्व इन आदिवासी नायको, महानायको क्रांतिवीरों ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ प्रथम बार हथियारबंद आंदोलन किया। जो आधुनिक इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना थी,इनके त्याग, तपस्या, बलिदान की गौरव गाथाएं आज भले इतिहास के पाठ्य पुस्तकों में दर्ज न हो,लेकिन भारतीय लोक में इनकी लोक गाथाएं आज भी कहीं और सुनी जाती है।
कार्यक्रम में वक्ता के रूप में अपना विचार व्यक्त करते हुए सोन साहित्य संगम के संयोजक एवं बार काउंसिल उत्तर प्रदेश के मनोनीत सदस्य राकेश शरण मिश्र ने कहा कि-“स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग, तपस्या, और बलिदान के कारण आज हम आजाद हैं और आजाद भारत का अमृत महोत्सव मनाने के लिए यहां पर उपस्थित हुए हैं, आंदोलन में सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, उधम सिंह, राम प्रसाद बिस्मिल, आदि क्रांतिकारियों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता उनके विचारों को भावी पीढ़ियों तक पहुंचाना एवं स्व का एहसास जन-जन को कराना अमृत महोत्सव का लक्ष्य है, बावजूद इसके आज भी भारत में ब्रिटिश कालीन नियम, कानून व्यवस्था हमें कानूनी, मानसिक, सामाजिक गुलामी का एहसास कराती है। उन्होंने अमर शहीदों पर आधारित अपनी एक स्वरचित कविता का भी वाचन किया जिसे लोगों ने खूब सराहा।
समाजसेवी हरिदास खत्री ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि-” हमारा देश अखंड रहा है, लेकिन ब्रिटिश कालीन इतिहासकारों द्वारा लिखे गए इतिहास में हमारे भारत को खंडित दिखाने का प्रयास किया गया और इस प्रयास में वे सफल रहे लेकिन आज आजादी के 75 वर्ष बाद हमारे देश के नागरिकों में स्वाभिमान जगाने के लिए अमृत महोत्सव का आयोजन सराहनीय है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं मीडिया फोरम ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष
मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि-” देश में स्वाधीनता की लड़ाई विविध ढंग से लड़ी गई, क्रांतिकारियों, देशभक्तों ने जहां एक ओर ब्रिटिश साम्राज्य का विरोध करके गोलियां, लाठियां खाकर लड़ाई लड़ी,वही कलमकारो, साहित्यकारों, कवियों ने अपने साहित्य, पत्रकारिता के माध्यम से ब्रिटिश हुकूमत का विरोध किया तब जाकर हमें 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली।
हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि हम जन-जन में अपने साधनों, विचारों के माध्यम से देश की एकता और अखंडता का दीप जलाएं।
जिला पंचायत सदस्य एवं कर्मा ब्लाक प्रमुख ने भी मातृ शक्ति के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने का कार्य किया। कार्यक्रम का सफल संचालन समाजसेवी दिनेश ने किया।
शिक्षक रामविलास द्वारा देशभक्ति गीत एवं ग्रामोदय शिशु मंदिर बाल शिक्षण संस्थान, उच्च माध्यमिक विद्यालय बहुआर, बाल शिक्षण संस्थान के छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम के आयोजक भूपेंद्र, राजीव, जितेंद्र, उमाशंकर प्रसाद, संतोष, आत्मानंद सहित अन्य लोगों द्वारा अतिथियों को माल्यार्पण कर उनका स्वागत सम्मान किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं भारत माता की आरती के साथ कार्यक्रम किया गया।
अंत में अमृत महोत्सव यात्रा निकाला गया और यह यात्रा मधुपुर नगर के विभिन्न मोहल्लों, गलियों से गुजरते हुए आयोजन स्थल पर वापस पहुंच कर समाप्त हुआ।
इस यात्रा में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रमेश मिश्रा, भाजपा नेता ओम प्रकाश दुबे, अशोक मौर्य, उदयनाथ सिंह, ज्ञानेंद्र शरण राय, पत्रकार हर्षवर्धन केसरवानी सहित नगर के स्वयंसेवी संगठनो, शिक्षण संस्थानों से जुड़े तमाम लोग सम्मिलित रहे।