पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट
वाराणसीः भारत में सर्दियों के मौसम का बेसब्री से इंतज़ार किया जाता है, लेकिन इस मौसम के साथ ही सर्दी, ज़ुकाम और सांस की बीमारियों के मामले भी बढ़ जाते हैं; ये सभी समस्याएं सर्दियों के मौसम में आमतौर पर देखी जाती हैं और इनका मुख्य कारण है इम्युनिटी कम होना। च्यवनप्राश तकरीबन 3000 साल पुराना और जाना-माना आयुर्वेदिक फॉर्मूला है जो शरीर की इम्युनिटी (बीमारियों से लड़ने की ताकत) बढ़ाता है और आमतौर पर होने वाले इन्फेक्शन जैसे सर्दी-जुकाम आदि से भी सुरक्षित रखता है। डाबर च्यवनप्राश में ‘रसायन’ हर्ब्स मौजूद होते हैं जो अपने इम्युनोमोड्युलेटरी इफेक्ट्स के कारण कई तरह के इन्फेक्शन से बचाते हैं।
आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के प्रयास में डाबर च्यवनप्राश ने आज विशाल जागरुकता अभियान की शुरूआत की है। खासतौर पर देश भर के ज़रूरतमंद बच्चों को ध्यान में रखते हुए यह अभियान शुरू किया गया है। अभियान के तहत डॉ परमेश्वर अरोड़ा, एम.डी., (आयुर्वेदिक) बी.एच.यू. वाराणसी गोल्ड मैडलिस्ट एवं सीनियर कन्सलटेन्ट, आयुर्वेदिक , जागरुकता सत्रों का आयोजन करेंगे, जिनके ज़रिए बच्चों को जानकारी दी जाएगी कि बदलते मौसम में वे किस तरह अपनी इम्युनिटी बढ़ाकर बैक्टीरिया एवं वायरस से होने वाली आम बीमारियों से अपने आप को सुरक्षित रख सकते हैं।
अभियान की शु़रुआज आज एक विशेष सत्र के साथ वाराणसी में हुई, जिसमें विशाल भारत संस्थान के 200 से ज़्यादा बच्चों ने हिस्सा लिया। इन सर्दियों में बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए जागरुक बनाने के उद्देश्य से इस सत्र का आयोजन किया गयाा था। बच्चों को यह भी बताया गया कि वे हाइजीन की अच्छी आदतों और सेहतमंद आहार को अपनाकर अपनी इम्युनिटी बढ़ा सकते हैं।
इस अवसर पर डाबर इंडिया लिमिटेड के मार्केटिंग हैड- हेल्थ सप्लीमेन्ट् स, श्री प्रशांत अग्रवाल ने कहा, ‘‘कोविड-19 के दौर में इम्युनिटी को मजबूत बनाना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। 40 जड़ी-बूटियों जैसे आंवला, अश्वगंधा और गिलोय के गुणों से भरपूर डाबर च्यवनप्राश हमेशा से बीमारियों से लड़ने के लिए इम्युनिटी बढ़ाता रहा है। डाबर च्यवनप्राश पर कई बड़े अध्ययन किए गए हैं जो बताते हैं कि यह फॉर्मूला इम्युनिटी बढ़ाने में बेहद कारगर है। इसे कोविड-19 इन्फेक्शन से बचाव के लिए भी कारगर पाया गया है। अध्ययनों से साफ हो गया है कि डाबर च्यवनप्राश के नियमित सेवन से कोविड-19 इन्फेक्शन की संभावना 12 गुना तक कम हो जाती है। यह भी पाया गया है कि डाबर च्यवनप्राश का नियमित सेवन करने से कोविड-19 इन्फेक्शन की गंभीरता 6 गुना तक कम हो जाती है।
डॉ परमेश्वर अरोड़ा, एम.डी. (आयुर्वेद) ने कहा, ‘‘मौसम बदलने के दौरान तापमान में भी अचानक उतार-चढ़ाव आते हैं, जिसके चलते सर्दी, ज़ुकाम, खांसी जैसी बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। ज़ुकाम, खांसी और सांस की बीमारियों से लड़ने का सबसे कारगर तरीका है- इम्युनिटी बढ़ाना। डाबर च्यवनप्राश एक बेहतरीन फॉर्मूला है जो बदलते मौसम में इम्युनिटी बढ़ाकर इन बीमारियों से सुरक्षित रखता है।’’इस अभियान के तहत डाबर च्यवनप्राश ने देश के 18 शहरों यानि वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, अहमदाबाद, अमृतसर, जयपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता, पटना, इंदौर, रायपुर, पुणे, औरंगाबाद, रांची, बैंगलुरू, हैदराबाद, चेन्नई और चण्डीगढ़ के जाने-माने एनजीओ के साथ हाथ मिलाया है।‘‘डाबर च्यवनप्राश पिछले 100 सालों से हर भारतीय की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। यह अभियान हमारे इन्हीं प्रयासों को दर्शााता है। सर्दियों में बीमारियों के कारण बहुत से लोगों को अपनी जांन तक गंवानी पड़ती है। अपने इस अभियान के माध्यम से हम खासतौर पर गरीब समुदायों के बच्चों तक पहुंचेंगे और उन्हें च्यवनप्राश मुहैया कराकर इम्युनिटी बढ़ाने के बारे में जानकारी भी देंगे श्री प्रशांत अग्रवाल ने आगे कहा।