राम विवाह, अयोध्या आगमन व श्री राम वनवास का हुआ मंचन

मंथरा ने कैकेयी से राम के प्रति कुंठा भरी, जाना पड़ा वनवास राम जी को

चोपन-सोनभद्र(सत्यदेव पांडेय)- चोपन में चल रही रामलीला का कथानक बालकांड से अयोध्या कांड की ओर अग्रसर हुआ। जिसमें राम-सीता विवाह, जनक द्वारा बारात का स्वागत, बारात का अयोध्या लौटना, दशरथ द्वारा राम के राज्याभिषेक की घोषणा आदि और श्री राम वनवास दृश्यों ने वातावरण को आनंदमय बना दिया। शनिवार को श्री राम का विवाह, राम वन गमन की लीला का मंचन किया गया। इसमें राम लीला मंचन में भगवान की बारात जनकपुर पहुंचने पर जनकपुर वासियों ने उनका स्वागत किया। महाराज जनक ने बारातियों को तिलक लगाया तत्पश्चात भगवान श्री राम को माला पहनाकर आरती उतारी व वैदिक रीति से श्री राम-सीता जी का पाणिग्रहण संस्कार आयोजित किया गया। मंचन में दिखाया गया कि सभी नगरवासी विदाई के समय भावुक हो गए।अयोध्या पहुंचने पर श्री राम सीता जी का स्वागत किया गया, जिसके बाद भगवान श्री राम को अयोध्या के राजा का अभिषेक की तैयारी जोरों से चल रही थी, किंतु रानी कैकेयी की दासी मंथरा उनके मन में राम के प्रति कुंठा भरती है। राम के राजतिलक की जगह भरत का राजतिलक कराये, आपके पुत्र भरत का हित राजा बनने से ही संभव है। राजकाज भरत को दिलवाने व राम को वनवास भेजने की सलाह देती है, वह महाराज द्वारा दिये गए वरदान को महाराज दशरथ से मांग लें। मंथरा की बात मानकर रानी कैकई कोप भवन में चली गयी, महाराज ने कोप भवन में पहुंचकर रानी को समझाने की कोशिश की, परंतु रानी अपने फैसले पर अटल रही, आखिर महाराज ने दोनों वरदान भरत को राजतिलक व श्री राम को 14 वर्ष का वनवास दिया। महाराज की आज्ञा का पालन करते हुए राम जी सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास को निकल पडे़, जिससे अयोध्या नगरवासी दु:खी व्यथित होकर महामंत्री सुमंत्र के रथ को रोकने लगे। भगवान नगरवासियों के आग्रह पर दिन में रुक गये, लेकिन रात्रि में सो रहे नगरवासियों को छोड़कर श्री राम ने सुमंत्र के रथ पर आरूढ़ होकर वन के लिये प्रस्थान कर गये। रामलीला के दौरान शनिवार की रात चित्रकूट के कलाकारों ने राम वनवास का मनोरम मंचन किया। कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति देखकर दर्शक भावुक हो उठे।
शनिवार की कथा में पदेन अध्यक्ष बीजेपी मंडल अध्यक्ष चोपन सुनील सिंह, उपाध्यक्ष सतनाम सिंह, मनोज सिंह सोलंकी, सुशील पांडे, लल्लू श्रीवास्तव, मोम बहादुर, अजित पंडा, महामंत्री- सुरेश जयसवाल एवं कोषाध्यक्ष अभिषेक दुबे। मंत्री- विनीत पांडे, उमेश बिंद, धर्मेंद्र जायसवाल, अजय कुमार, राम कुमार मोदनवाल, जितेंद्र जयसवाल, मीडिया प्रभारी- अनुज जयसवाल/अशोक मद्धेशिया, संरक्षण मंडल- संजय जैन, सत्यप्रकाश तिवारी, कैलाश मौर्या, कमल किशोर सिंह, सतेंद्र कुमार आर्य, प्रदीप अग्रवाल, राम आश्रय जायसवाल, दिनेश गर्ग, दीनानाथ सेठ, अशोक सिंघल, तीर्थराज शुक्ला, राजन जायसवाल, रोशन सिंह, रावण प्रभारी- सियाराम तिवारी, राजू चौरसिया, रिंकू अग्रहरि एवं अनिल जायसवाल, अमर शर्मा, शुभम चौरसिया और कलाकारों के इस भावपूर्ण मंचन को देखने के लिए नगर व आस-पास के क्षेत्रों से आये श्रद्धालु मौजूद रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन कथा वाचक पंडित शितलेश शरण मिश्र ने अपनी मधुर वाणी से कर मंच को और सुंदर बना दिया।

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