प्रचार-प्रसार विभागीय स्तर पर ‘‘आई0टी0आई0 चलो अभियान‘‘
को संचालित कर किया जा रहा है
डी0एस0टी0 सीटों पर प्रवेश लाने वाले समस्त प्रशिक्षार्थी अपनी सम्पूर्ण प्रशिक्षण काल के अन्तर्गत 03 से 12 माह तक की अवधि उद्योगों में व्यतीत करेंगे
डी0एस0टी0 से प्रशिक्षित युवाओं को बेहतर रोजगार
प्राप्त करने में सुगमता प्राप्त होगी
-सचिव आलोक कुमार
लखनऊः दिनांकः 18 अगस्त, 2021
प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के सचिव श्री आलोक कुमार ने बताया कि प्रदेश के राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण सत्र अगस्त, 2021 से प्रारम्भ हो गयी है, जिसकी अन्तिम तिथि 28 अगस्त, 2021 तक है। जिसका प्रचार-प्रसार विभागीय स्तर पर ‘‘आई0टी0आई0 चलो अभियान‘‘ को संचालित कर किया जा रहा है। इसके साथ-साथ प्रशिक्षण सत्र अगस्त, 2021 से प्रदेश के समस्त संस्थानों की कुल 14,356 सीटों का ड्यूल सिस्टम ट्रेनिंग-डी0एस0टी0 के अन्तर्गत उद्योगों की सहभागिता से संचालित किया जायेगा। डी0एस0टी0 सीटों पर प्रवेश लाने वाले समस्त प्रशिक्षार्थी अपनी सम्पूर्ण प्रशिक्षण काल के अन्तर्गत 03 से 12 माह तक की अवधि उद्योगों में व्यतीत करेंगे, जहॉ वे शॉप-फ्लोर पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। डी0एस0टी0 से प्रशिक्षित युवाओं को बेहतर रोजगार प्राप्त करने में सुगमता प्राप्त होगी। साथ ही साथ उद्योग अपनी मांग व आवश्यकता के अनुरूप कामगार भी तैयार कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि आई0टी0आई0 चलों अभियान तथा ड्यूल सिस्टम ट्रेनिंग-डी0एस0टी0 अभियान/कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार जनपद स्तर से किये जाने हेतु समस्त जिलाधिकारियों को पत्र प्रेषित किया गया है। जिससे सुदूर ग्रामीण अंचलों के युवा भी लाभान्वित हो सकें।
श्री कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार युवाओं के सर्वागींण विकास एवं अवस्थापना सुविधाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कटिबद्ध है, जिसके माध्यम से उत्पन्न होने वाले रोजगार के अवसरों से प्रशिक्षित युवा जनशक्ति की आपूर्ति प्रदेश के राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा प्रशिक्षण युवाओं के माध्यम से की जाती है। इसलिये प्रदेश में सृजित हो रहे रोजगार के अवसरों के अनुकूल प्रशिक्षण की सुविधा हेतु राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की उपयोगिता स्वतः सिद्ध होती है।
श्री कुमार ने बताया कि व्यावसायिक शिक्षा और तकनीकी कौशल व्यक्ति के साथ-साथ समाज व देश के समावेशी विकास की रीढ़ हैं व्यक्ति के लिये मात्र शिक्षित होना पर्याप्त नहीं है, बल्कि आजीविका के लिये हुनरमंद व तकनीकी शिक्षा से सम्पन्न होना भी आवश्यक है। भारत सरकार की मेक इन इण्डिया स्टार्ट अप एण्ड स्टैण्ड अप तथा डिजिटल इण्डिया आदि योजनाओं की सफलता का ऊर्जा स्त्रोत व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से कौशल प्रशिक्षित युवा है।
सम्पर्क सूत्र: धर्मवीर खरे
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