महिलाओं का सम्मान ही आजादी का अमृत : विजय शंकर चतुर्वेदी

  • फोर एस ग्रुप का आयोजन, सात विशिष्ट महिलाओं का सम्मान
    सोनभद्र, भारत की स्त्रियों को स्वामी विवेकानंद पुरुषों से ज्यादा सक्षम मानते थे, यह उदबोधन विजय शंकर चतुर्वेदी ने बतौर मुख्य अतिथि दे रहे थे, उन्होंने कहा कि महिलाओं का सम्मान ही आजादी का अमृत है।

  • चुर्क के फोरएस फार्मेसी कॉलेज के सभागार में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत क्षेत्र की सात विशिष्ट महिलाओं को सम्मानित किया गया जिन्होंने अलग अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किये हैं। संस्था के निदेशक डॉ जय नारायण तिवारी ने इस सम्पूर्ण कार्यक्रम को महिला सशक्तिकरण से जोड़ते हुए कहा कि जब तक महिलाएं स्वस्थ, शिक्षित, आत्मनिर्भर नहीं होंगी तब तक समाज में बदलाव नहीं आएगा, इसके लिए चाहे घर हो या समाज उसे समर्थन देना चाहिए ।
    सामाजिक संघर्ष हेतु शांता भट्टाचार्या , आकाशवाणी की सुरसरि पांडेय, कर्मशीलता और स्वावलंबन में रानी द्विवेदी, मीडिया से इंदु पांडेय, योग और प्राकृतिक चिकित्सा में सुधा चतुर्वेदी , शिक्षा के क्षेत्र में पूजा अग्रवाल और कंचन चौबे को सम्मानित किया गया .
    बतौर मुख्य वक्ता शिक्षाविद ओमप्रकाश त्रिपाठी ने आजादी के पचहत्तर वर्षों में संस्कार, संस्कृति और समाज में हुए विचलन पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि भारतीय नारी ही संस्कृति की गरिमा को सुरक्षित रख सकती है। विशिष्ट अतिथि प्रबुद्ध समाजसेवी राजेश द्विवेदी ने कहा बेटियां सफलता का आसमान चूम रही हैं, चाहे खेल का मैदान हो या देश की सीमा, हर जगह वे अपनी प्रतिभा और हिम्मत से लोहा मनवा रही हैं।
    संस्थान की प्रबंधक कुमुद शर्मा ने सभी सम्मानित महिलाओं को अंगवस्त्रम और प्रमाणपत्र भेंट किया । निदेशक श्री तिवारी ने सभी अतिथियों को पौधे भेंट किया ।
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