मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मिर्जापुर, भदोही व चंदौली के बाढ़ कार्यों की समीक्षा की

पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट

मुख्यमंत्री ने बाढ़ की स्थिति एवं प्रभावित लोगों के सहायता एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की

आपदा में धन की कमी नहीं है, सही समय पर पात्र तक सहायता पहुंचे-मुख्यमंत्री

बाढ़ आपदा प्रभावित व्यक्ति से सहानुभूति व संवेदनशीलता से व्यवहार करें-योगी आदित्यनाथ

राहत सामग्री से कोई पीड़ित व्यक्ति वंचित नहीं रहे

बाढ़ प्रभावित फसल क्षेत्र का सर्वे कराकर बीमा योजना में सहायता करें

बाढ़ प्रभावित हर गांव/वार्ड के लिए अलग नोडल अधिकारी नामित करें

बाढ़ राहत शिविरों में महिलाओं व बालिकाओं की सुरक्षा के प्रति सतर्कता रखें, महिला आरक्षित तैनात करें

वाराणसी।बाढ़ क्षेत्रों, खाली हुए घरों के क्षेत्रों में पेट्रोलिंग बढ़ाएं लोगों की सतर्कता के प्रति सावधान करें-मुख्यमंत्री वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में गुरुवार को सर्किट हाउस के सभागार में जनपद में बाढ़ की स्थिति एवं राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा की। यहीं से उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा मिर्जापुर, भदोही व चंदौली जनपद में बाढ़ की स्थिति एवं राहत कार्यों की समीक्षा की। बाढ़ से सर्वाधिक मिर्जापुर जनपद प्रभावित हुआ है। वाराणसी में बड़ी आबादी इसकी चपेट में आई है। मिर्जापुर में 141 गांव प्रभावित हैं, जिसमें आबादी ज्यादा प्रभावित हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में कमांड कंट्रोल रूम का अच्छा उपयोग हुआ था, इसे बाढ़ राहत, सूचना के आदान-प्रदान में उपयोग कर सकते हैं। सभी चारों जिलों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि हर बाढ़ प्रभावित गांव के लिए अलग नोडल अधिकारी नियुक्त करें। राहत कार्य तत्काल उपलब्ध कराएं। बाढ़ क्षेत्रों में नावों की समुचित संख्या में व्यवस्था रखें। उत्तराखंड, राजस्थान, बुंदेलखंड क्षेत्र आदि में भारी वर्षा होती है, तो उसका प्रभाव गंगा नदी में आता है जो वाराणसी पर असर डालेगा। पूरे सितंबर तक बाढ़ के खतरे से अलर्ट रहें। राहत सामग्री वितरण में जनप्रतिनिधियों का सहयोग ले। जिन घरों में पानी भरा है, वहां खाना पैकेट, पेयजल व्यवस्था करें। जिन्हें जरूरत हो एलपीजी सिलेंडर भिजवाए। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में लोगों को गर्म पानी के सेवन को जागरूक करें। प्रकाश के लिए पेट्रोमैक्स व अन्य साधनों की व्यवस्था करें। जब बाढ़ पानी नीचे निकलेगा तब स्वास्थ्य, पंचायत व नगर विकास को सतर्क रहना होगा। वहां स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, स्वच्छ पेयजल उपलब्धता का कार्य करना होगा। बाढ़ से जहरीले कीड़े, कुत्तों की समस्या के दृष्टिगत एंटी स्नेक, एंटी रेबीज वैक्सीन क्षेत्रों में तैयार रखें। बाढ़ चौकी, राहत शिविर 24 घंटे सक्रिय है। राहत शिविरों में महिलाओं व बालिकाएं के प्रति सतर्कता रखें। महिला आरक्षी लगाएं। पशुओं के चारे, दवा की समुचित व्यवस्था रखें और पशुपालकों से संवाद रखें। बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों से सहानुभूतिपूर्वक व संवेदनशीलता से पेश आये। पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाये। लोगों को सतर्कता के प्रति सावधान करें, कहीं चोरी की घटना नहीं हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा में धन की कमी नहीं है, सही समय पर पात्र व्यक्ति तक पहुंचे। कोई बाढ़ पीड़ित व्यक्ति राहत सामग्री से वंचित नहीं रहे। जिला प्रशासन जनप्रतिनिधियों का सहयोग ले। मिर्जापुर में 404 गांव प्रभावित हुए हैं, जिसमें 141 में आबादी प्रभावित है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी मिर्जापुर को कहा कि बाढ़ सर्वेक्षण के दौरान चुनार क्षेत्र में नाव नहीं दिखी, वहां तत्काल व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में वर्षा होती है तो उसका प्रभाव गंगा में आता है जो वाराणसी में दिखता है। इसलिए सावधानी व सतर्कता बनाए रखने की जरूरत है। मिर्जापुर व भदोही भी सावधानी व सतर्कता रखें। वाराणसी में पुलिस द्वारा 42 नावे संचालित है। 25 सब इंस्पेक्टर 100 सिपाही वायरलेस सेट के साथ चौकसी व राउंड कर रहे हैं। बाढ़ से कुल 161 गांव व वार्ड प्रभावित हुए हैं, जिसमें 39490 आबादी प्रभावित हुई है। 22 बाढ़ राहत केंद्र संचालित हैं जिनमें 3237 लोग रुके हैं। 111 नावे लोगों की सहायता को लगी हुई है। इसके अतिरिक्त एनडीआरएफ, पीएससी, जल पुलिस की मोटर बोट लगी है। एनडीआरएफ, पीएसी, जल पुलिस बराबर निगरानी व रेस्क्यू कर रही है। अब तक बाढ़ प्रभावित लोगों को 5300 राशन किट वितरित किए जा चुके हैं। कम्युनिटी किचन संचालित कर प्रतिदिन 3950 लोगों को पका पकाया भोजन दिया जा रहा है। लोगों की चिकित्सा सुविधा हेतु प्रतिदिन 32 मेडिकल कैंप लगे हैं, जिसके द्वारा 1260 लोगों को दवाइयां भी दी गई है। 660 लोगों को ओआरएस के पैकेट दिए गए। 8050 ग्लोबिन की टेबलेट वितरित की जा चुकी है। बाढ़ से प्रभावित पशुओं के लिए प्रतिदिन 30 पशु चिकित्सा कैंप लगे हैं। जिसके द्वारा 4640 पशुओं की चिकित्सा की जा चुकी है। 1381 कुंतल चारा पशुओ हेतु वितरित किया जा चुका है। प्रभावित क्षेत्रों/गांव में फागिंग व एंटी लारवा का छिड़काव किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों में फागिंग मशीन और क्रय कर इस कार्य को बढ़ाया जा रहा है। जिला स्तर व प्रत्येक तहसील पर बाढ़ कंट्रोल रूम संचालित है। बाढ़ राहत केंद्रों पर दूध की 1971 पैकेट 12 अगस्त की सुबह तक वितरित हुए। छोटे बच्चे, बुजुर्गों को केले का वितरण हुआ। जनप्रतिनिधियों ने बाढ़ राहत के उम्दा कार्यों के लिये जिला प्रशासन की तारीफ की। बैठक में पर्यटन मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी, स्टांप मंत्री रविंद्र जायसवाल, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, विधायक सुरेन्द्र नारायण सिंह, विधायक डॉ अवधेश सिंह, एमएलसी लक्षमण आचार्य, एमएलसी अशोक धवन, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, महापौर मंजुला जायसवाल, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, आईजी एस के भगत, पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी, नगर आयुक्त सहित अन्य विभागीय अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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