वैश्विक महामारी काल में सकारात्मक पत्रकारिता की भूमिका पर मंथन

नारद जयंती पर वेबिनार- राष्ट्र के समृद्ध में सहयोगी पत्रकारिता वंदनीय: टीएन मिश्र

-लोक कल्याणकारी हो पत्रकारिता का रूप
-कोरोना पर जनता में भय का कृतिम भूत

ओबरा (सतीश चौबे) : असत्यता से पूर्ण पत्रकारिता अक्षम्य है, वहीं अपनी जान की परवाह किये बगैर वैश्विक महामारी में ग्रामीण अंचलों तक सीमित संसाधनों में राष्ट्र भावना से प्रेरित पत्रकारों की सेवा और लेखनी वंदनीय है हम सब सदैव आदि पत्रकार भगवान नारद के पदचिह्नों पर चलें लोक कल्याण में लगना ही नारद जयंती की सार्थकता है। उक्त बातें नारद जयंती पर” वैश्विक महामारी काल में सकारात्मक पत्रकारिता की भूमिका” पर विश्व संवाद केंद्र काशी से आयोजित वेबिनार में मुख्य वक्ता वाराणसी के त्रिलोक नाथ शुक्ल ने कही। इसके पूर्व संगोष्ठी की शुरूआत विशिष्ट वक्ता आचार्य प्रमोद चौबे ने भगवान नारद के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित, पूजन-अर्चन कर किया। मुख्य वक्ता ने कहा कि हमें सत्य की कसौटी पर खरी तथ्यात्मक खबरों को ही इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया में प्रस्तुत करना चाहिए। प्रत्येक मामले में समाधान, न कि विवाद की प्रस्तुति

होनी चाहिए। विशिष्ट वक्ता कौशलेंद्र पांडेय ने कहा कि ऐसी खबरों से लोक कल्याण के विपरीत व समाज में तनाव पैदा हो। इनसे पत्रकारों को हर हाल में बचना चाहिए। पुरानी तस्वीर की नई तस्वीर बनाकर छापने की दूषित मानसिकता ने वैश्विक महामारी के दौरान आग में घी का काम किया है। सकारात्मक पत्रकारिता ही राष्ट्र, समाज को समृद्ध बनाने में समर्थ है। विशिष्ट वक्ता आचार्य प्रमोद चौबे ने कहा कि कुछ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने कोरोना को लेकर जनता में भय का कृतिम भूत बनाकर फैला दिया है। बीमारी ने कम भय के भूत ने लोगों की ज्यादा जान ली है। पत्रकारिता नकारात्मक हो ही नहीं सकती अगर वह नकारात्मक है तो महज व्यवसाय ही नहीं बल्कि कोठों के धंधों से भी गन्दा है। विदेशी मीडिया से भी सीख लेनी चाहिए जैसे वे दूसरे देशों की खामियों को भले ही बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं पर खुद के देश की खामियों की चर्चा तक नहीं करते। अध्यक्षता कर रहे घोरावल से वीरेंद्र मिश्र ने कोरोना से बचाव के लिए किसी और की शायरी पढ़कर बखूबी समझाने का प्रयास किया। बेवजह घर से निकलने की जरूरत क्या है।मौत से आँख मिलाने की जरूरत क्या है। सबको मालूम है बाहर की हवा है कातिल।फिर कातिल से उलझने की जरूरत क्या है।जिन्दगी हजार नियामत है, संभाल कर रखे।फिर कब्रगाहो को सजाने की जरूरत क्या है।दिल को बहलाने के लिये, घर में वजह काफी है।फिर गलियों में बेवजह भटकने की जरूरत क्या है। वेबिनार में विषय प्रवर्तन, स्वागत और आभार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जिला प्रचार प्रमुख विवेक कुमार मालवीय ने किया। वेबिनार में विभाग प्रचारक नितिन, विभाग संघचालक पुनीत लाल, विभाग कार्यवाह दीप नारायण,विभाग शारीरिक प्रमुख वंशधारी, विभाग कुटुंब प्रबोधन दिलीप कृष्ण भारद्वाज, जिला प्रचारक विशाल, जिला कार्यवाह सतीश जिला संघ चालक केशरी कुमार पुरवार, जिला सह संघचालक प्रमोद त्रिपाठी, नगर प्रचार प्रमुख अनपरा अशोक, मनोज सिंह आदि मौजूद रहे। कोरोना में पत्रकारिता धर्म का निर्वाह करते हुए जान गवाने वाले पत्रकारों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई वेबिनार शांति पाठ से पूर्ण हुआ।

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