पंकज मिश्रा ने जिला संयुक्त चिकित्सालय डिबुलगंज (अनपरा) मे कोविड-19 संक्रमितो के उपचार योग्य व आवश्यक चिकित्सा सूविधाओ की बहाली किये जाने की मांग

अनपरा• कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को दृष्टिगत जिला संयुक्त चिकित्सालय डिबुलगंज (अनपरा) अथवा अवधुत भगवान राम स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अनपरा-औडी को अविलम्ब अस्थाई कोविड अस्पताल बनाये जाने तथा ऊर्जान्चल के क्रिटिकली पाल्युटेड एरिया व आस-पास के क्षेत्रों में निवासरत आबादी को उच्च स्तरीय चिकित्सा सूविधा उपलब्ध कराये जाने के दृष्टिकोण से जिला संयुक्त चिकित्सालय डिबुलगंज (अनपरा) को पूर्ण क्षमता व चिकित्सा व्यवस्था के साथ संचालित किया जाये-पंकज मिश्रा

सामाजिक कार्यकर्ता पंकज मिश्रा ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सहित जिलाधिकारी व अन्य आला अधिकारीयो को प्रेषित विस्तृत रिपोर्ट व ज्ञापन मे बताया है कि कोविड-19 संक्रमण अत्यधिक तेजी से फैल रहा है तथा जनपदः-सोनभद्र मे म्योरपुर ब्लाक के अन्तर्गत अनपरा व शक्तिनगर परिक्षेत्र मे कोविड-19 संक्रमित मरीजो की संख्या सर्वाधिक है। औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण अनपरा-शक्तिनगर परिक्षेत्र का जनसंख्या घनत्व महानगरों की तरह है जो कोविड-19 के तेजी से फैल रहे संक्रमण का प्रमुख कारण है वही देश की ऊर्जाधानी के रुप में जाने वाले ऊर्जान्चल में चिकित्सा सुविधा नगण्य है जिसके कारण अनपरा-शक्तिनगर परिक्षेत्र मे कोविड-19 संक्रमितो को समुचित उपचार की सूविधा आक्सीजन आदि उपलब्ध नही हो पा रहा है इसके अतिरिक्त कोयला खनन व अन्य औद्योगिक गतिविधियो के कारण अनपरा-शक्तिनगर परिक्षेत्र मे स्थित वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग पर कई गुना ज्यादा दबाव है जिसके कारण उक्त सडक सर्वाधिक दुर्घटना बाहुल्य किलर रोड के रुप मे चिन्हित है व उक्त सडक पर होने वाली दुर्घटनाओ मे घायल व्यक्तियो को अनपरा-शक्तिनगर परिक्षेत्र मे समुचित इलाज नही मिलने व जिला व वाराणसी स्थित चिकित्सालयो की दुरी अत्यधिक होने के कारण चिकित्सा के अभाव मे असामायिक मौतो के शिकार होते है। वर्तमान मे कोविड-19 के बढ़ते प्रभाव को दृष्टिगत जिला संयुक्त चिकित्सालय डिबुलगंज (अनपरा) मे कोविड-19 संक्रमितो के उपचार योग्य व आवश्यक चिकित्सा सूविधाओ की बहाली किये जाने की मांग को संज्ञान मे लेकर जिलाधिकारी-सोनभद्र द्वारा दिनांकः-23 अप्रैल, 2021 को जिला संयुक्त चिकित्सालय डिबुलगंज (अनपरा) का निरीक्षण किया गया व कोविड-19 अस्पताल के रुप में उपयोग में लाये जाने को लेकर सम्बन्धितों से चर्चा की गयी।
जिलाधिकारी के निरीक्षण के पश्चात प्रेषित ज्ञापन व रिपोर्ट मे बताया है कि जिला संयुक्त चिकित्सालय डिबुलगंज (अनपरा) का निर्माण 30 वर्ष पूर्व अनपरा व आस-पास की आबादी जो जिला मुख्यालय से 100 से 125 किलोमीटर दूरी पर है को बेहतर व सुलभ चिकित्सा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 100 शैय्या का अस्पताल बनाया गया था परन्तु उक्त अस्पताल विशेषज्ञ डाक्टरो तथा पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य आवश्यक संसाधनो की अनुपलब्धता के कारण पुरी क्षमता से आज तक संचालित नही हो सका है। वर्तमान में अस्पताल मे 06 जनरल वार्ड है जिसमे 03 भू-तल पर व 03 प्रथम तल पर स्थित है जिसमे कोविड-19 मानक के अनुरुप लगभग 36 बेड लगाकर संक्रमितो का उपचार किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त लगभग चालीस कमरे है जो पर्सनल वार्ड है जिसमे प्रत्येक मे दो-दो बेड लगाये जा सकते है। अस्पताल मे वार्डो के साथ आवश्यकतानुसार शौचालय उपलब्ध है। वार्डो व शौचालय मे पाईप लाईन के माध्यम से पानी की आपुर्ति हो रही है आंशिक रुप से अनुरक्षण व साफ-सफाई की आवश्यकता होगी। विद्युत की उपलब्धता बीस से बाईस घण्टे है इसके अतिरिक्त 20 केवीए का सोलर पैनल भी विद्युत आपुर्ति के लिये स्थापित है जो वर्तमान मे संचालित है। चौबीस घण्टे विद्युत की निर्बाध्य आपुर्ति आवश्यकता होने पर वर्तमान मे इम्पीरियल गैसेज करहिया-अनपरा को दिये जाने वाली चौबीस घण्टे निर्बाध्य विद्युत आपुर्ति लाईन से संयोजित किया जा सकता है। आक्सीजन की आपुर्ति की वर्तमान आवश्यकताओ को देखते हुये उक्त अस्पताल इम्पीरियल गैसज करहिया-अनपरा से लगभग 3.5 किमी दुर पर अवस्थित है जहां से अतिशीघ्र सुगमता से आक्सीजन की आपुर्ति की जा सकती है। इसके अतिरिक्त औद्योगिक क्षेत्र होने के नाते औडी-अनपरा मे कई गैस आपुर्तिकर्ता व तीस किमी की दुरी पर बैढन-सिंगरौली मे भी चार आक्सीजन प्लांट स्थित है जिनसे निर्बाध व त्वरित आक्सीजन की आपुर्ति ली जा सकती है। कोविड-19 के संक्रमितो के उपचार योग्य बनाये जाने के दृष्टिकोण से अनपरा तापीय परियोजना, लैंको पावर प्राईवेट प्रोजेक्ट लिमिटेड, नार्दर्न कोलफिल्डस लिमिटेड ककरी, बीना, खडिया के चिकित्सालयो के चिकित्सकीय व पैरामेडिकल स्टाफ की सेवाए अन्तरिम राहत के तौर पर ली जा सकती है। अनपरा-शक्तिनगर परिक्षेत्र के विभिन्न स्वयंसेवी संगठनो द्वारा उक्त अस्पताल को कोविड-9 संक्रमितो के उपचार योग्य बनाये जाने की स्थिति मे स्थाई रुप से भोजन की सूविधा बहाल होने तक चिकित्सालय मे कोविड-19 गाईडलाईन के अनुसार मरीजो व उनके परिजनो को पैकेट बन्द नाश्ता, भोजन व काढा तथा आवश्यकतानुसार अस्पताल के कर्मचारियो को भोजन आदि उपलब्ध कराये जाने की अपनी प्रबल इच्छा जताई गयी है। उक्त अस्पताल मे संसाधनो, उपकरणों की उपलब्धता व निर्माण कार्य लैन्को अनपरा पावर प्राइवेट लिमिटेड अनपरा, अनपरा तापीय परियोजना, एनसीएल ककरी, बीना, कृष्णशिला, खडिया व सिंगरौली मुख्यालय के सीएसआर मद से किया जा सकता है। परियोजनाओ के सीएसआर मद के बाबत केन्द्र सरकार द्वारा जारी वर्तमान निर्देश के अनुसार परियोजनाएं अपने सीएसआर मद से अस्थायी कोरोना चिकित्सालय बना सकती है जिसे उनके सीएसआर गतिविधियों में सम्मिलित माना जायेगा। अवगत यह भी कराना है कि जिला संयुक्त चिकित्सालय डिबुलगंज (अनपरा) में मा0 राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा पारित आदेश व गठित ओवर साइट कमेटी के निर्देश के क्रम में जिलाधिकारी महोदय, सोनभद्र द्वारा विगत वर्ष दिये निर्देशानुसार एनसीएल सिंगरौली द्वारा उक्त अस्पताल के अनुक्षण व जीर्णोद्धार का कार्य अपनी सीएसआर की कार्य योजना में सम्मिलित करते हुए 406 लाख रुपये व्यय करने की स्वीकृति दी है जिससे उक्त अस्पताल का बाउण्ड्रीवाल का निर्माण, फ्लोरिंग, इलेक्टिक्ल वायरिंग, लाइट, फैन इत्यादि, एक लाखलीटर क्षमता का ओवर हेड टैंक, क्षतिग्रस्त खिडकी, दरवाजो को बदलना, एल्युमीनियम फ्रेमिंग/पाटिशन का कार्य, 02 आपरेशन थियेटर बनाये, पैथालाजी, लैबोरेट्री का पुर्णोद्धार व निर्माण प्रस्तावित है जिसे युद्ध स्तर पर बनाये जाने हेतु जिलाधिकारी महोदय से स्तर पर निर्देश दिया जाना वर्तमान परिस्थियों के दृष्टिगत व्यापक जनहित में होगा। साथ ही अवगत कराना है कि मुख्य चिकित्साधिकारी सोनभद्र द्वारा दिनांक- 24 जून, 2017 को महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उ0प्र0 लखनऊ को प्रेषित पत्र पत्रांक-मु0चि0अ0/स्था/2017-18/1138 में अधोहस्ताक्षरी के अधीन 50 शैय्या युक्त संयुक्त चिकित्सालय अनपरा-सोनभद्र को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप हेतु संचालित किये जाने के सम्बन्ध में अपनी प्रबल संस्तुति के साथ पत्र प्रेषित किया था।

उन्होने यह भी बताया है कि उत्तर-प्रदेश जिला खनिज फाउन्डेशन न्यास, नियमावली, 2017 में न्यास में उपलब्ध निधियों के उपयोग के बाबत जारी निर्देश में खनन व खनन संक्रियाओं से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्रों में- 17(ग) स्वास्थ्य देखभाल-प्रभावित क्षत्रों में प्राथंमिक/द्वितीयक/तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के सृजन पर ध्यान केन्द्रित किया जाना चाहिये। स्वास्थ्य देखभाल अवसंरचना के सृजन पर ही केवल जोर नही दिया जाना चाहिये, बल्कि ऐसी प्रभावी सुविधा उपलब्ध कराने के लिये अपेक्षित आवश्यक कर्मचारी, उपकरण और आपूर्तियों के उपबन्ध पर भी जोर दिया जाना चाहिये। उस सीमा तक स्थानीय निकायों, राज्य और केन्द्र सरकार के विद्यमान स्वास्थ देखभाल अवसरंचना के अनुरुप अनुपूरक प्रयास आर कार्य किया जाना चाहिये। राष्ट्रीय खनिक स्वास्थ्य संस्थान में उपलब्ध विशेषज्ञ को भी खनन से सम्बन्धित बीमारी और रोगों की देखभाल करने के लिये आवश्यक विशेष अवसंरचना को अभिकल्पित करने के लिये ध्यानाकर्षित किया जा सकता है। सामूहिक स्वास्थ देखभाल बीमा योजना, खनन से प्रभावित व्यक्तियों के लिये क्रियान्वित की जा सकती है के अनुसार जिला संयुक्त चिकित्सालय डिबुलगंज (अनपरा) जो जनपद-सोनभद्र में खनन व औद्योगिक गतिविधियों से प्रभावित 11 क्रिटिकली पोल्युटेड कलस्टरों के मद एक मात्र वृहद स्तर पर बनाया गया शासकीय अस्पताल है में चिकित्सीय संसाधन, लिक्वेड बेस आक्सीजन प्लाण्ट, ब्लड बैंक, टाक्सिलाजिकल लैब, 2 एडवान्स लाईफ सपोर्ट एम्बुलेन्स तथा विशेषज्ञ डाक्टरों व पैरामेडिकल कर्मचारियों की उपलब्धता स्थायी रुप से जिला खनिज फाउण्डेशन न्यास-सोनभद्र के मद से भी की जा सकती है।

जनपद-सोनभद्र में खनन व औद्योगिक गतिविधियों से प्रभावित 11 क्रिटिकली पोल्युटेड कलस्टरों में उच्च स्तरीय चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराये जाने व चिकित्सा व्यवस्था सुदृढ किये जाने के सम्बन्ध में माननीय हरित अधिकरण द्वारा भी ओ.ए नम्बरः-164/2018 मे 28 अगस्त, 2018 को पारित आदेश मे निम्नवत् निर्देशः-
“(VII) District Administration of respective States
e) As the patients with clinical manifestations suggestive of fluorosis were also noted to have severe malnutrition, mineral and nutrient supplements for these areas should be ensured by the District Administration. Further, patients with clinical manifestations suggestive of fluorosis must be monitored for their health through a scientific plan of periodic checkup as recommended by KGMU, AIIMS, Bhopal and IMS, BHU. Dental as well as bone fluorosis can be improved, if detected in the early stage. It is also essential to establish a Standard Toxicological Testing and Analysis Laboratory in the region. The earlier recommendation of establishment of Training Centers to train Health care workers including Doctors in KGMU, Lucknow and AIIMS, Bhopal for identifying the sources of diseases due to fluoride/mercury emission/discharge and treating the affected patients must now be do neat an early date.
f) There is a number of health related issues like silicosis, fluorosis, and the impact of mercury on the people in the area, which need to be examined in detail. The District Administration is urgently required to identify long term project needs with proper funding and adequate manpower under “Polluter Pays Principle” for estimating the magnitude of health related problem with special reference to silicosis, fluorosis, and the impact of mercury on the people in the area.” जिला प्रशासन व राज्य सरकारो के स्तर पर किये जाने हेतु दिये गये है।
उन्होने मांग कि है कि जिला संयुक्त चिकित्सालय, डिबुलगंज-अनपरा या वैकल्पिक स्थिति मे अवधुत भगवान राम स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अनपरा-औडी जो जिला मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल से 100 किमी से अधिक की दुरी पर अनपरा-शक्तिनगर व आस-पास के ग्रामीण परिक्षेत्र के मध्य अवस्थित है को जिला खनिज फाउण्डेशन ट्रस्ट सोनभद्र/ऊर्जान्चल में अवस्थित परियोजनाओ (लैन्को अनपरा पावर प्राइवेट लिमिटेड, अनपरा तापीय परियोजना, एनसीएल बीना, ककरी, कृष्णशिला, सिंगरौली मुख्यालय तथा एनटीपीसी-एसएसटीपीएस- शक्तिनगर) के सीएसआर मद से अविलम्ब कोविड-19 संक्रमण को देखते हुये त्वरित रुप से उक्त अस्पताल मे कोविड-19 संक्रमितो के उपचार योग्य व आवश्यक सूविधाओ की बहाली कर संक्रमितो का उपचार एव चिकित्सा प्रारम्भ किया जाने व माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा पारित आदेश दिनांक- 28/08/2018 के क्रम में जिला संयुक्त चिकित्सालय डिबुलगंज (अनपरा) जो जनपद-सोनभद्र में खनन व औद्योगिक गतिविधियों से प्रभावित 11 क्रिटिकली पाल्युटेड कलस्टरों के मध्य एक मात्र वृहद स्तर पर बनाया गया शासकीय अस्पताल है में चिकित्सीय संसाधन, लिक्वेड बेस आक्सीजन प्लाण्ट, ब्लड बैंक, टाक्सिलाजिकल लैब(विषाक्त तत्व जांच केन्द्र) व गहन चिकित्सा की आवश्यकता होने पर मरीज को वाराणसी या जिला चिकित्सालय व अन्य उच्च चिकित्सालयो मे भेजने हेतु Advance Life Support Ambulance तथा विशेषज्ञ डाक्टरों व पैरामेडिकल कर्मचारियों की नियुक्ति कर सुपर स्पेशलिटी/ट्रामा सेण्टर अस्पताल के रुप में स्थायी रुप सें संचालित किये जाने के बाबत अविलम्ब आवश्यक समुचित कार्यवाही कर व ऊर्जान्चल वासियो को कोविड-19 के संक्रमण में आपात चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है।

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