पुरूषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट
वाराणसी।आज वाराणसी में उत्तर पदेश संगीत नाटक अकादमी लखनऊ द्वारा पद्मविभूषण श्रीमती गिरिजा देवी जी की स्मृति में अकादमी द्वारा प्रकाशित पत्रिका छायानट के विशेष अंक का विमोचन संस्कृति मंत्री धर्मार्थ पर्यटन एवं प्रोटोकॉल डॉ नीलकंठ तिवारी के करकमलों से हुआ । साथ मे यू पी संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ राजेश्वर आचार्य जी एवं उपाध्यक्ष श्री धन्नूलाल गौतम एवं उनकी पट शिष्या पद्मश्री श्रीमती मालिनी अवस्थी तथा विदुषी मंजू सुंदरम जी भी सम्मिलित हुई।: इस अवसर पर मंत्री जी ने काशी की समस्त विभूतियों की स्मृति में ऐसे ही कार्यक्रमो की आवश्यक्ता पर बल दिया । और अप्पा जी की आने वाली पीढ़ियों के लिए आदर्श बताया । इस उपलक्ष्य में अप्पा जी के शिष्य श्री राहुल मिश्र एवं रोहित मिश्र द्वारा गायन से आरंभ हुआ । आपके साथ तबला संगति रही श्री आनंद मिश्र एवं हारमोनियम पर साथ दिया पं धर्मनाथ मिश्र ने। गायन का आरंभ हुआ राग भीमपलासी में मध्य तीनताल में निबद्ध बंदिश से बोल थे अजहू न आये श्याम साथ ही द्रुत तीनताल में निबद्ध बंदिश सुनाया बोल थे जा जा रे मंदिरवा । साथ ही कैसा जादू डारा से आनंदित किया।
राग मधुवंती में त्रिताल गोविंद गुण गावो साथ ने ठुमरी भी सुनाया बोल थे मोरा सईया उतरेंगे पार साथ मे दादरा सुनाया बोल थे सावरिया प्यारा रे मोरा गुईया। इसके उपरांत पद्मश्री मालिनी अवस्थी जी ने अप्पा जी को स्वरांजलि अर्पित की आपके साथ तबला संगति रही पं रामकुमार मिश्र जी की एवं हारमोनियम पर साथ दिया पं धर्मनाथ मिश्र ने । मालिनी जी ने गायन का आरंभ किया राग राग मधुवंती में मध्य त्रिताल ने निबद्ध बंदिश से बोल थे गोविंद गुण गावो साथ अप्पा जी जी प्रिय ठुमरी भी सुनाया बोल थे मोरा सईया उतरेंगे पार साथ मे दादरा सुनाया बोल थे सावरिया प्यारा रे मोरा गुईया