पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट
वाराणसी। सारनाथ थाना क्षेत्र के रिंग रोड पर बदमाशों और पुलिस में मुठभेड़ हो गई। बताया जा रहा है कि 50 हजार का इनामी मोनू चौहान बीते दिनों लालपुर में प्रेमा देवी के घर में घुसकर गोली मारने के मामले में और घड़ी व्यवसाई श्याम बिहारी मिश्रा की हत्या में वांछित था। अभियुक्त मोनू ने पुलिस को देखकर फायरिंग की। जिसके बाद पुलिस की जवाबी कार्यवाही में उसे गोली लगी है। घायल अवस्था में पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई है। एसपी सीटी विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि मोनू के साथ उसका एक साथी भी मौजूद था। एनकाउंटर के दौरान अधेरे का फायदा उठाकर वह फरार हो गया है। बताया जा रहा है कि इस एनकाउंटर में पुलिस के भी 2 जवान घायल है। इलाज के लिए उन्हें भी अस्पताल में दाखिल करवाया गया है।
घटना की जानकारी देते हुए एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि क्राइम ब्रांच और पुलिस को सूचना मिली कि बिते दिनों प्रेमा देवी की और घड़ी व्यवसाय श्याम बिहारी मिश्रा की हत्या में शामिल मोनू चौहान और उसका साथी अनिल इस वक्त रिंग रोड पर मौजूद है और किसी घटना को अंजाम देने की फिराक में है। जिसके बाद पुलिस ने घेराबंदी की, इस दौरान दोनों तरफ से गोलियां चली। इस एनकाउंटर में क्राइम ब्रांच के एक सिपाही और चौकी प्रभारी पांडेपुर इस मुठभेड़ में घायल हुए हैं। जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। वहीं मोनू की इलाज के दौरान मौत हो गई है। एनकाउंटर के बीच अंधेरे का फायदा उठाकर अनिल मौके से फरार हो गया है जिसके लिए कॉम्बिंग की जा रही है।
बता दें कि शातिर मोनू सनी गिरोह का शूटर रह चुका है। 2015 में वाराणसी के थाना कोतवाली क्षेत्र में कबीरचौरा में एसटीएफ की टीम से हुई एक मुठभेड़ में कुख्यात गैंगस्टर सनी सिंह मारा गया था, जिसमें मोनू चौहान भागने में सफल हो गया था। इसे 2017 में तत्कालीन थानाध्यक्ष शिवानंद मिश्रा ने भी गिरफ्तार किया था। मूल रुप से चोलापुर के लाखी गांव का रहने वाला मोनू हाल में पाण्डेयपुर खजुरी इलाके में रह रहा था।