पंचायतो को सशक्त बना ग्राम स्वराज्य का सपना करें पूरा

सांस्कृतिक प्रदूषण से बचाने की जिमेवारी ले समाज

बनवासी सेवा आश्रम में दो दिवसीय ग्राम स्वराज्य शिविर का समापन

(म्योरपुर/पंकज सिंह)

म्योरपुर ब्लॉक क्षेत्र स्थित सामाजिक संस्थान बनवासी सेवा आश्रम के विचित्रा महाकक्ष में प्रेम भाई के पुण्यतिथि और विनोबा भावे के 125 वी जयंती वर्ष पर आयोजित दो दिवसीय ग्राम स्वराज्य शिविर का शनिवार को पंचायतो को सशक्त बनाने ,ग्राम स्वराज्य की दिशा में आगे बढ़ने और औधौगिक ,सांस्क़ृतिक प्रदूषण को दूर करने के संकल्प के साथ संपन्न हुआ।समापन अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे साहित्यकार पंडित अजय शेखर ने कहा कि आज जिस तरह औधौगिक प्रदूषण सिंघरौली परिक्षेत्र के लोगो को निगल रहा है।उसी तरह सांस्कृतिक प्रदूषण भी समाज के लिए खतरा बनता जा रहा है। कहा कि यह सब बाजार बाद का देंन है इससे बचना और लोगो को बचना होगा।कहा कि हमे न्यूनतम आवश्यकताओ पर जीने की आदत डालनी होगी ।वैभव की संस्कृति दुसरो के हक छीन कर ही पनपती है। जूम मीटिंग के माध्यम से तीसरी सरकार के संयोजक और नेहरू युवा केन्द्र के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक चंद्रशेखर प्राण ने कहा कि पंचायतो को सशक्त कर हम ग्राम स्वराज्य के दिशा में आगे बढ़ सकते है।उन्होंने ग्राम स्वराज्य के लिए गांधी के मुलमंत्रो की जानकारी भी दी और कहा कि सरकार को चाहिए कि वह पंचायतो को और अधिकार दे साथ ही दिए गए अधिकारों के प्रति जागरूक करें।आजादी बचाओ आंदोलन से जुड़े रहे सतेंद्र सिंह ने ब्रांड को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि ग्रामीण उत्पाद को खरीदने और प्रयोग से किसानों को लाभ होगा और रोजगार का सृजन भी होगा। क्षेत्र के रामेश्वर ,श्याम सुंदर फूलवंती ,बालम खरवार ,आदि ने क्षेत्र में ग्रंस्वराज संगठन,वनाधिकार,जंगल सरक्षण ,आदि पर विचार रखे। सुबह प्रेम ने आगन्तुको के प्रति आभार व्यक्त किया और आह्वान किया कि सभी लोग दो दिनों के विचार मंथन को अपने स्तर से आगे बढ़ाए।इसके पूर्व प्रेणना स्थल पर प्रेम भाई को याद करते हुए सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी। मौके पर रामचन्द्र दुबे, उधेष कुमार, दीपाकर सिंह, राम पाल जौहरी,रामजतन,उमेश चौबे,देवनाथ भाई ,मीना सिंह, फूलमती पी के शर्मा,राघुनाथ भाई।ओंकार नाथ पांडेय, चित्रांगद दुबे, दिवाकर शर्मा ,लालमन विजय, प्रदीप सिंह, आदि रहे।संचालन शिव शरण सिंह ने किया।
Translate »