धूमधाम, सादगी एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा बारावफात

पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट

*कोरोना महामारी के दृष्टिगत जुलूस नहीं निकाला जा सकेगा।

*जो लोग बेनियाबाग जाते थे, इस बार वह कार्यक्रम नहीं होगा।

*15’15 का कोई भी 3 शामियाना लगाया जा सकता है।

वाराणसी।जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बारावफात पर्व को लेकर रविवार को कैंप कार्यालय पर महत्वपूर्ण बैठक संबंधित संस्थाओं के साथ की।
’’’’’’’धूम-धाम से मनाया जायेगा बारावफात ।
बैठक में संस्था के प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए यह तय किया गया कि अंजुमनों को नमाज पढने तथा दुआखानी करने के लिए अनुमति दी जायेगी। किसी भी मुहल्ले में अंजुमन कार्यक्रम करती है तो उसे थाने से परमिशन लेना होगा। इस तरह के कार्यक्रम कें लिए अधिकतम 200 लोगों की अनुमति होगी तथा सभी कार्य क्रम बन्द जगह पर या कवर/टेंट लगाकर ही किया जायेगा। जो भी कार्यक्रम पहले खुले में होता था वह भी टेंट लगाकर ही होगा। बैठक में टेंट की साईज की निर्धारण भी सबकी सहमति से प्रशासन द्वारा किया गया है। इसके लिए तीन चांदनी की टेंट लगाने की परमिशन संबंधित मजिस्ट्रेट द्वारा दी जायेगी। इसलिए सभी आयोजकों को आवेदन में टेंट की संख्या भी देनी होगी। मस्जिदों में भी 29 की रात एवं 30 को दुआखानी की जायेगी तथा नाथ पढने का कार्यक्रम भी पहले जैसे ही किया जायेगा तथा मस्जिदों में इस कार्य के लिए अनुमति की आवश्यक नहीं होगी, परन्तु किसी भी दशा में 200 से ज्यादा लोग अनुमन्य नहीं होंगे। इसकी तैयारी भी संबंधित द्वारा पहले से ही कर ली जाय। बारावफात पर्व पर रोशनी, झालर व सजावट करने पर प्रतिबंध नहीं होगा। यह खुशी का पर्व है इसलिए सजावट इत्यादि पर कोई रोक नहीं है तथा इसके लिए किसी भी अनुमति की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्यक्रम सड़क पर न हो तथा टेंट सड़क पर न लगे।
’’15’15 का कोई भी 3 शामियाना लगाया जा सकता है। सबके साथ मीटिंग कर यह तय किया गया कि कोरोना की वजह से कोई भी जुलूस नहीं निकाला जायेगा तथा टाटा मैजिक गाड़ियों से जूलुस इत्यादि के रूप में जो लोग बेनियाबाग जाते थे, इस बार वह कार्यक्रम नहीं होगा। इसलिए टाटा मैजिक या छोटी गाड़िया किराये पर लेकर पिछले वर्ष की तरह तैयार न करायें। बैठक में प्रशासन द्वारा यह आश्वस्त किया गया कि इस बार जो कार्यक्रम हो रहे हैं वह सिर्फ कोविड महामारी के कारण हो रहे हैं तथा अगले वर्ष के कार्यक्रम पूर्वरत वर्षों 2019 की तरह से होगा। इससे किसी जुलूस/रास्ते पर क्लेम खत्म नहीं होगा। बैठक में यह भी तय किया गया कि जुलूस नहीं निकालने के कारण अंजुमन एवं नाथ पढ़ने के लिए पिछले साल से अधिक अनुमति की आवश्यकता पडती है तो प्रशासन द्वारा दिया जायेगा। बैठक में यह भी तय किया गया कि जुलूस पर रोक के कारण जो अंजुमन 30 अक्टूबर को सड़कों पर नहीं आ पायेंगी , वे कहीं अन्य जगह पर अपना कार्यक्रम पंडाल लगाकर करना चाहे तो इसके लिए उन्हें अपने थाने पर आवेदन देना होगा तथा इसकी अनुमति संबंधित मजिस्ट्रेट द्वारा जारी कर दी जायेगी।
’’’’ इस प्रकार इस वर्ष जुलूस पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा। जुलूस की जगह अंजुमनों को मोहल्ले में कार्यक्रम करने के लिए अलग से अनुमति जारी की जायेगी। ताकि अंजुमने नाथ पढने तथा दुआखानी के माध्यम से इस पर्व को उल्लास के साथ मुहल्लों में मना सकें।

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