
पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट
*फसलों की कटाई के पश्चात बचे हुए अवशेष को जलाया जाना प्रतिबंधित है-कौशल राज शर्मा
*फसल अवशेष जलाया जाना एक दंडनीय अपराध है-डीएम
वाराणसी। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने किसान भाइयों को अवगत कराते हुए बताया है कि धान की कटाई के पश्चात फसल अवशेष को न जलाएं। वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण)-1981 की धारा-19 की उपधारा (5) के अंतर्गत पर्यावरण अनुभाग उत्तर प्रदेश शासन के गजट नोटिफिकेशन द्वारा फसलों की कटाई के पश्चात बचे हुए अवशेष को जलाया जाना प्रतिबंधित किया गया है। राष्ट्रीय हरित अभिकरण के आदेश के अनुसार फसल अवशेष जलाया जाना एक दंडनीय अपराध है।
जिलाधिकारी ने बताया कि पर्यावरण विभाग के आदेश के अनुसार पर्यावरण को हो रहे क्षतिपूर्ति की वसूली के निर्देश हैं। इसमें 2 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए रू0 2500/-, 02 से 05 एकड़ क्षेत्र के लिए रू0 5000/- और 05 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए रू0 15000/- तक पर्यावरण कंपनसेशन की वसूली के निर्देश हैं तथा धारा-24 के अंतर्गत क्षतिपूर्ति की वसूली एवं धारा-26 के अंतर्गत उल्लंघन की पुनरावृत्ति होने पर संबंधित के विरुद्ध कारावास एवं अर्थदंड लगाए जाने के संबंध में कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय हरित अभिकरण द्वारा पारित आदेश के क्रम में शासन द्वारा खरीफ मौसम में फसल अवशेष जलाए जाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की रोकथाम करने के संबंध में पराली जलाए जाने से रोक लगाने का आदेश पारित किया गया है। उन्होंने किसान भाइयों से अपील करते हुए कहा है कि वे अपने फसल के अवशेष न जलाए और अर्थदंड से बचें तथा पर्यावरणीय असंतुलन को बचाए रखें।
SNC Urjanchal News Hindi News & Information Portal