हनुमानगंज- नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय में भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी के दिनांक 31 अगस्त 2020 को आकस्मिक निधन पर एक शोक सभा हुई। शोक सभा में विश्वविद्यालय के शिक्षकों कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने डॉ० प्रणब मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की, दो मिनट का मौन रखकर ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने एवं इस असामयिक समय में उनके परिवार को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की गई।
इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलाधिपति द्वारा प्रेषित शोक संदेश को पढ़ा गया। उन्होंने कहा कि डॉ० प्रणव मुखर्जी का निधन न केवल देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है बल्कि मेरे लिए यह एक व्यक्तिगत क्षति है। मैं उन्हें तब से बेहद करीब से जानता था जब वे 1973 में औद्योगिक विकास मंत्री के रूप में केंद्र सरकार में शामिल हुए थे। उनका हमारे एवं नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय के ऊपर स्नेह सदैव बना रहा। इस दु:खद क्षण में, मैं अपनी ओर से और साथ ही विश्वविद्यालय की ओर से शोक संतप्त परिवार और शोक संतप्त राष्ट्र के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ।

शोकसभा के दौरान प्रतिकुलपति डॉ० एस०सी० तिवारी ने बताया कि वह ऐसे राष्ट्रपति थे जिनका राजनीति, इतिहास और कानून पर समान अधिकार था। परीक्षा नियंत्रक डॉ राजेश तिवारी ने कहा कि उन्होंने हमेशा स्वच्छ राजनीति को प्रमुखता दी। वह ऐसे राष्ट्रपति थे जो पक्ष-विपक्ष में समान रूप से सम्मानित थे। विश्वविद्यालय के हनुमानगंज एवं जमुनीपुर परिसर में शोक सभा के बाद इस शोक के समय में एक दिन का शोकावकाश घोषित कर दिया गया।
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