पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट
वाराणसी।बनारस के संभ्रात लोगों प्रयास रंग लाया है। मंडुवाडीह स्टेशन का नाम बदलकर बनारस किए जाने के जिला प्रशासन के प्रस्ताव को गृह मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। मंजूरी मिलने के साथ ही अब मंडुवाडीह स्टेशन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा और उसकी पहचान बनारस स्टेशन से होगी। मंडुवाडीह स्टेशन के नाम बदलते ही सभी प्रमुख स्टेशनों का नाम धार्मिक नगरी पर ही होगा।
मंडुवाडीह स्टेशन का नाम बदलकर बनारस करने की मांग काफी दिनों से चल रही थी। इसमें धार्मिक नगरी के वरिष्ठ पत्रकार से लेकर मानिंद लोग काफी प्रयासरत थे। इसके बाद हाल ही में उपराज्यपाल बने मनोज सिन्हा भी उसमें जुड़ गए। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर स्टेशन का नाम बदलने को कहा था। उन्होंने पत्र में लिखा था कि मंडुवाडीह का जुड़ाव बनारस से नहीं होता है। इसलिए उसे बदलकर बनारस किया जाए।
इसके बाद पिछले साल तत्कालीन जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने मंडुवाडीह का नाम बदलकर बनारस करने का प्रस्ताव गृहमंत्रालय को भेजा। उस दौरान लोकसभा चुनाव के चलते नाम नहीं बदला जा सका। अब गृह मंत्रालय ने नाम बदलने को मंजूरी दे दी है।
चारों प्रमुख स्टेशन होंगे धार्मिक नगरी के नाम
मंडुवाडीह स्टेशन का नाम बदलते ही बनारस के सभी प्रमुख स्टेशन धार्मिक नगरी के नाम होंगे। इसमें वाराणसी कैंट, वाराणसी सिटी, काशी और अब बनारस स्टेशन होगा।
बुकिंग में आती थी समस्या
मंडुवाडीह के बारे में बाहर के लोग परिचित नहीं थे। ऐसे में उनको टिकट बुकिंग करने के दौरान काफी परेशानी होती थी। बनारस या वाराणसी नाम से खोजते थे। जबकि कई प्रमुख ट्रेने मंडुवाडीह से चलती है। इनमें शिवगंगा से लेकर कई वीआईपी ट्रेन हैं।