प्रयागराज-लवकुश शर्मा
हनुमानगंज-नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ई-विचार गोष्ठी “नयी शिक्षा नीति और शिक्षा की भाषा” में विशिष्ट वक्ता के रूप में बोलते हुए महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा, महाराष्ट्र के कुलपति प्रो. रजनीश शुक्ल ने भारत सरकार द्वारा लायी गई नई शिक्षा नीति पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने शिक्षा में मातृ भाषा पर जोर देने एवं पारम्परिक मूल्यों के प्रति निष्ठा की व्याख्या की।

उन्होंने कहा कि शिक्षा मनुष्य निर्माण की एक प्रक्रिया है। मनुष्य को संसाधन या उपकरण समझना मनुष्य को रोगी बनाने का प्रयास है। नई शिक्षा नीति में भाषा संस्कृति और कला को पहली बार समाविष्ट किया गया है।
इस अवसर पर नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ० एस०सी० तिवारी ने अपने उद्घाटन उद्बोधन में नई शिक्षा नीति को उत्साहवर्धक बताते हुए इसमें दिए गए कई प्रावधानों को स्पष्ट किया। साथ ही उन्होंने पूर्व की शिक्षा नीति एवं नई शिक्षा नीति के विशेषताओं की चर्चा की।कुलाधिपति श्री जे०एन० मिश्र ने शिक्षा के क्षेत्र में नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति ग्रामीण भारत को नई दिशा दे सकने में सक्षम होगी।
वेबिनार में अतिथियों का स्वागत सम्बोधन विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री आर०एल० विश्वकर्मा ने किया। संचालन एवं संयोजन डॉ० हिमांशु शेखर सिंह ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ० प्रबुद्ध मिश्र ने किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं छात्र आनलाइन उपस्थित रहे।
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