कोरोना काल में जन्माष्टमी: बाजार में आए मास्क और पीपीई किट पहने कान्हा

पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट

वाराणसी।कोरोना वायरस महामारी के बीच बाल-गोपाल के मूर्तियों के जरिए लोगों को एक संदेश देने की कोशिश की जा रही है। बाजार में मास्क और पीपीई किट पहले कान्हा की मूर्तियां लोगों को खूब आकर्षित कर रहीं है
कोरोना काल में जन्माष्टमी: बाजार में आए मास्क और पीपीई किट पहने कान्हा कोरोना काल में कान्हा का श्रृंगार
कोरोना वायरस महामारी के बीच कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां भी जोरों पर हैं। हर साल की तरह इस बार भी जन्माष्टमी पर बाजार सज कर तैयार है लेकिन कोरोना का असर कान्हा की मूर्तियों पर भी दिखाई देने लगा है. बाल गोपाल की मूर्तियां कहीं पीपीई किट और कोरोना कैप पहने हुईं हैं तो कहीं मास्क, सर्जिकल कैप और फेस शील्ड के साथ कान्हा पूरी तरह तैयार दिख रहे हैं।

गोपाल जी की मूर्तियों पर कपड़ों के अलावा अलग से लगे सुरक्षा के यह सारे इंतजाम लोगों को खूब आकर्षित कर रहे हैं।कान्हा की मूर्ति लेने आए भक्तों का कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए संदेश देने का इससे अच्छा और कोई माध्यम नहीं हो सकता. वहीं, दुकानदार गणेश पटेल बताते हैं कि लोगों जागरूक करने के लिए उन्होंने भगवान कृष्ण की मूर्ति को पीपीई किट, मास्क, सर्जिकल कैप, फेस शील्ड और कोरोना कैप से सजाया है। इसका उद्देश्य लोगों तक एक संदेश पहुंचाना है।

दुकानदार गणेश पटेल ने बताया कि भगवान की मूर्तियों के जरिए सामाजिक रूप से संदेश देने का काम वह पहले भी कर चुके हैं। जैसे पहले न्यू मोटर व्हीकल एक्ट के दौरान उन्होंने मूर्तियों के लिए हेलमेट तैयार कराए थे तो उसके पहले कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान खेल से संबंधित सामान भी छोटे आकार में तैयार कराया था।

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