झांसी। विश्व स्तनपान सप्ताह एक से सात अगस्त तक मनाया जाता है। स्तनपान शिशु को न सिर्फ स्वस्थ रखने और भरपूर पोषण देने का काम करता है बल्कि उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने व समुचित विकास में भी मदद करता है। स्तनपान एक विकल्प नहीं बल्कि संकल्प है जो हर एक माँ अपने बच्चे के साथ करती है, यह कहना है मेडिकल कॉलेज के बालरोग विभागाध्यक्ष डॉ ओमशंकर चौरसिया का।डॉ. चौरसिया बताते हैं कि कोविड उपचाराधीन माँ बच्चे को स्तनपान करा सकती है, बशर्ते उसे अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि स्तनपान के दौरान शारीरिक स्पर्श होता है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार माँ के दूध से कोविड फैलने की कोई पुष्टि नहीं हुई है। ऐसे में माँ सावधानी के साथ अपने बच्चे को स्तनपान करा सकती है। मेडिकल कॉलेज में लगभग चार कोविड उपचाराधीन महिलाओं का प्रसव कराया गया है, जो अब अपने बच्चे सहित घर जा चुकी है। उन्हे बच्चे को कैसे स्तनपान कराना है इसकी जानकारी दी गयी है।
डॉ चौरसिया बताते है कि यह साक्ष्य आधारित है कि जिन शिशुओं को एक घंटे के अंदर स्तनपान नहीं कराया जाता है उनमें नवजात मृत्यु दर की संभावना 33 प्रतिशत अधिक होती है। छः माह की आयु तक शिशु को केवल स्तनपान कराने पर आम बाल्यकालीन रोग जैसे दस्त एवं निमोनिया में क्रमशः 11 प्रतिशत व 15 प्रतिशत कमी लायी जा सकती है। लैंसेट की 2016 की रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि अधिक समय तक स्तनपान करने वाले बच्चों की बुद्धि उन बच्चों की अपेक्षा तीन पॉइंट अधिक होती है, जिन्हें माँ का दूध थोड़े समय के लिए मिलता है। इसके अलावा स्तनपान माओं में स्तन कैंसर से होने वाली मौत को भी कम करता है।
कोविड के दौरान स्तनपान से संबन्धित महत्वपूर्ण जानकारी-
यदि माँ कोविड उपचाराधीन है या उसकी संभावना है, तब भी माँ शिशु को स्तनपान करा सकती है।
यदि बच्चा बीमार है और वह कोविड उपचाराधीन है और यदि वह दूध पी पा रहा हो तो माँ अवश्य शिशु को स्तनपान कराये।
यदि माँ स्तनपान कराने में सक्षम नहीं है तो परिवार के द्वारा माँ का दूध साफ कटोरी में निकालकर, साफ कटोरी चम्मच या कप से बच्चे को दूध पिलाया जा सकता है।
स्तनपान करे सावधानी के साथ, संक्रमण से करे बचाव- यदि माँ को बुखार, खांसी और सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण हैं तो वह-
तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे।
डॉक्टर के द्वारा बताई गयी बातों का पालन करे।
जब बच्चे के संपर्क में हो तो मास्क जरूर पहने।
खाँसते या छीकते वक्त अपने मुंह को मास्क या टिश्यू पेपर से ढके।
खाँसने या छीकने के बाद या बच्चे को दूध पिलाने से पहले और बाद में अपने हाथों को साबुन से 40 सेकंड तक अच्छे से धुले।