जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से सपने में सांप देखने का अर्थ…..

जीवन मंत्र । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से सपने में सांप देखने का अर्थ…..



सपने में सांप दिखाई देना शुभ अशुभ दोनों हो सकता है यह निर्भर करता है कि स्वप्न में आपको सांप किस अवस्था में दिखाई दिया। कुछ लोग सपने में सांप को मार देते हैं और कुछ को सांप सपने में डस लेता है।

राहू का सांप से सम्बन्ध

जब राहु की आहट जीवन में होती है तो सांप जरूर दिखाई देता है इसका अर्थ है कि राहु आपको फल देने वाला है यह किसी के लिए शुभ होता है और किसी के लिए अशुभ। जब तक स्वपन पूरा न हो कुछ कहा नहीं जा सकता।
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स्वप्न में सांप का काटना

सांप द्वारा यदि आप डस लिए गए हैं या सांप ने काट लिया है तो डसे जाने वाले व्यक्ति के लिए चेतावनी है क्योंकि राहु शनि द्वारा संचालित होता है। शनि का आदेश है कि राहु सांप के रूप में दिखाई दे, ये संकेत है कि अचानक होने वाली घटना घटित होने जा रही है।
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सपने में सांप को मारना

यदि आप सांप को मार रहे हैं या आप सांप को मरा हुआ देख रहे हैं तो इसका अर्थ है आपने राहु के फल को पूरी तरह भोग लिया है आपके कष्ट समाप्त हो गए हैं अब राहु आपको परेशान नहीं करेगा।
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सपने में सांप को देखना

सपने में सांप के मात्र दर्शन होना इस बात का प्रमाण है कि राहु की दशा चल रही है या राहु की दशा आने वाली है या फिर राहू गोचर में आप के राशि पर प्रभाव दाल रहा है।
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ज्योतिष के अनुसार सपने में सांप का दिखना

अक्सर जब लग्न के 12वें घर में राहु आता है तो सपने में सांप दिखाई देता है जिनको जीवन में बार बार सांप दिखाई दे उनकी जन्म कुंडली के लग्न में या 12वें घर में राहु विराजमान है या लग्नेश के साथ राहु विराजमान है अथवा कुंडली मे कालसर्प दोष है।

जब स्वप्न में सांप दिखाई दे तो करें यह उपाय

चाहे आप स्वप्न में या वास्तविक जीवन में सांप से भयभीत रहते हैं या फिर यदि आपको लग रहा है की सांप के दिखाई देने के आप के स्वप्न का फल बुरा हो सकता है तो शिव मंदिर में जाएँ और उनकी पूजा अर्चना करें रुद्राभिषेक करवाएं या शिव मंदिर में जाकर शिव महिम्न स्त्रोत का पाठ करें।

महाभारत ग्रन्थ के शुरुआत में ही सर्प सत्र नाम से अध्याय है उसका पठन और श्रवण मात्र से व्यक्ति को सर्पों से जीवन में किसी प्रकार का भय नहीं रहता।

चन्द्रमा और सूर्य के कहने पर राहू नामक राक्षस का भगवान विष्णु ने सर काट दिया था उस राक्षस के सर का नाम राहू और धड़ का नाम केतु है।

उसी समय से राहू की सूर्य और चंद्रमा से शत्रुता है। जो लोग सूर्य और चन्द्रमा की दशा और राहू के अंतर में होते हैं उन्हें भी राहू से भय होता है जिस कारण स्वप्न में सांप दिखाई देते हैं।

ऐसे लोगों को विष्णु की शरण में जाना चाहिए श्री विष्णु का मंत्र है,
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।
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इस मन्त्र का मन ही मन पाठ करने से केवल इक्कीस दिनों में आप राहू के बुरे फल को शुभ फल में बदल सकते हैं।

किसी भी शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार से आरम्भ कर लगातार 41 दिन भुजंग स्तोत्र का पाठ सर्व प्रकार के सर्प भय से मुक्ति दिलाता है।

नवनाग पूजन उपरांत राहु केतु के वैदिक जप और दशांश हवन से भी सर्प दोषों से मुक्ति मिलती है।

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