वाराणसी से पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट
वाराणसी।आज सायं कोविड-19 के अंतर्गत उत्तर प्रदेश शासन स्तर से तैनात विशेषज्ञ चिकित्सीय दल के सदस्यों, संयुक्त निदेशक मलेरिया डॉ अवधेश कुमार यादव एवं किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ अनुपम बाखलू ने मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में कोविड-19 के सभी नोडल अधिकारियों एवं अपर मुख्य चिकित्साधिकारियों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षकों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारियों के साथ मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ वीबी सिंह की उपस्थिति में एक बैठक किया। विशेषज्ञ चिकित्सीय दल के सदस्यों द्वारा कोविड-19 से संबन्धित मरीजों की सैंपलिंग, भर्ती की प्रक्रिया, वर्तमान में चल रहे सर्वे अभियान, मरीजों की लाइन लिस्टिंग, डिस्चार्ज किए गए मरीजों, कंटेनमेंट जोन में चल रहे विभागीय कार्यों तथा इससे संबन्धित अन्य गतिविधियों की गहन समीक्षा किया। बैठक में सदस्यों द्वारा कोविड-19 में समय-समय पर शासन द्वारा दिये गए निर्देशों के बारे में आवश्यक जानकारी देते हुये सभी निर्धारित प्रक्रियाओं को समय से पालन करने के निर्देश दिये गए। बैठक में सदस्यों द्वारा वाराणसी जनपद के वर्तमान स्थिति की समीक्षा करते हुये इसके संबंध में आवश्यक निर्देश दिये गए।
बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ वीबी सिंह द्वारा कोविड के सभी नोडल अधिकारियों, अधीक्षक एवं प्रभारी चिकित्साधिकारियों को कोविड पॉज़िटिव मरीजों को सूचना प्राप्त होते ही निर्धारित चिकित्सालयों में तत्काल भर्ती कराने, उनके निकट संपर्कियों की पहचान करते हुये उनका समय से सैंपलिंग कराने एवं बनाए गए कंटेनमेंट जोन/हॉट स्पॉट एरिया में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित समस्त निर्धारित गतिविधियों को समय से पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया। मुख्य चिकित्साधिकारी ने चिकित्सालयों में बनाए गए हेल्प डेस्क पर कोरोना से मिलते जुलते लक्षण वाले आए हुये मरीजों की स्क्रीनिंग करते हुये उनका समय से सैंपलिंग कराये जाने को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुये कहा कि इससे कोरोना मरीजों के समय से इलाज में तेजी आएगी, अतः हेल्प डेस्क को नियमित ढंग से क्रियाशील रखा जाए तथा अधीक्षक एवं प्रभारी चिकित्साधिकारियों इसका स्वयं अनुश्रवण करें। मुख्य चिकित्साधिकारी ने आगामी 15 जुलाई तक चलने वाले सर्वेक्षण अभियान में गंभीर बीमारियों से ग्रसित एवं पूर्व से ही इलाज करा रहे मरीजों के लाइन लिस्टिंग और आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी इत्यादि फ्रंटलाइन वर्कर्स के माध्यम से उनके स्वास्थ्य पर सतत निगरानी रखने हेतु भी निर्देशित किया।